PATNA: नीतीश कैबिनेट की बैठक में कुल 19 एजेंडों पर मुहर लगायी गयी है. सूबे के कई जिलों में सुखाड़ को लेकर नीतीश कैबिनेट ने बड़ा फैसला लिया है. कैबिनेट ने 18 जिलों के 102 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया है. कैबिनेट ने सूखाग्रस्त इलाकों के परिवारों को तीन-तीन हजार रुपए मदद देने का फैसला लिया है. कैबिनेट ने सूखे से पीड़ित परिवारों की मदद के लिए 9 सौ करोड़ रुपए के अग्रिम निकासी की मंजूरी दी है.
सूखा पीड़ित किसानों को 3-3 हजार रूपये का अनुदान मिलेगा
नीतीश कैबिनेट ने सूबे के सूखा पीड़ित किसानों को मदद देने का बड़ा फैसला लिया है. राज्य के 18 जिलों के 102 प्रखंड सूखाग्रस्त घोषित कर दिये गये हैं. इन इलाकों के सभी प्रभावित परिवारों को तत्काल मदद के लिए 3-3 हजार रूपये दिये जायेंगे. कैबिनेट से सूखा पीड़ित किसानों की मदद के लिए कंटीजेंसी फंड से 9 सौ करोड़ रूपये की अग्रिम निकासी की मंजूरी दे दी है. सरकार ने ऐेसे इलाकों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया जहां 30 फीसदी से कम बारिश हुई है. इन इलाकों में 70 फीसदी से भी कम धान की रोपनी हुई है.
आयुष डॉक्टरों को तोहफा
नीतीश कैबिनेट ने आयुष डॉक्टरों को भी एलोपैथिक डॉक्टरों की तर्ज पर डायनमिक एसीपी का लाभ देने का फैसला लिया है. यूनानी, हेम्योपैथी और आयुर्वेदिक चिकित्सों को सरकार के इस फैसले का लाभ मिलेगा. उन्हें भी हर चार साल पर डायनमिक ACP का लाभ मिलेगा. सरकार पहले से ही एलोपैथिक डॉक्टरों को ये लाभ दे रही है.
जल संसाधन विभाग में ठेके पर काम कर रहे जूनियर इंजीनियरों का बढ़ा मानदेय
वहीं कैबिनेट ने जल संसाधन के ठेके पर काम कर रहे जूनियर इंजीनियरों के मानदेय में इजाफा करने का फैसला लिया है. कैबिनेट ने इन इंजीनियरों के मानदेय में 3 हजार से लेकर 6 हजार तक की बढ़ोतरी की गई है. वहीं तीन साल से काम कर रहे इंजीनियरों के मानदेय में 3 हजार की तक की बढ़ोतरी करने का फैसला लिया गया है. जबकि 6 साल से काम कर है इंजीनियरों के मानदेय में छह हजार रुपए प्रतिमाह का इजाफा किया गया है.
40 गांव मॉडल गांव के तौर पर होगा विकसित
कैबिनेट ने जलवायु के अनुकूल कृषि कार्यक्रम पर 60.65 करोड़ रुपए खर्च करने का फैसला लिया है. चालू वित्तीय वर्ष में इस मद में 13.93 करोड़ रुपए की राशि खर्च करने का फैसला लिया गया है. कैबिनेट ने 8 जिलों के 40 गांवों को मॉडल गांव के तौर पर विकसित करने का फैसला लिया है. इन गांवों में आधुनिक कृषि यंत्र और तकनीक की मदद से खेती की जाएगी.