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03-Jun-2021 04:04 PM
PATNA : गुरूवार को नीति आयोग की ओर से सतत विकास लक्ष्यों के लिए सूचकांक यानी कि SDG इंडिया इंडेक्स 2020-21 जारी किया गया. एसडीजी मतलब सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स की रैंकिंग में बिहार तलहटी पर है. विकास के मामले में बिहार ने सबसे खराब प्रदर्शन किया है. जबकि 75 के स्कोर के साथ केरल का प्रदर्शन पूरे देश में सर्वश्रेष्ठ है.
गुरुवार को भारत के एसडीजी इंडेक्स का तीसरा संस्करण नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार ने लांच किया. नीति आयोग की ओर से जारी एसडीजी इंडिया इंडेक्स के मुताबिक केरल के अलावा हिमाचल प्रदेश और तमिलानाडु का परफॉरमेंस बेस्ट है. ये दोनों राज्य 74 के स्कोर के साथ दूसरे स्थान पर हैं. जबकि बिहार मात्र 52 के स्कोर के साथ देश में सबसे निचले स्थान पर है. यानी कि बिहार की स्थिति विकास के मामले में देश में सबसे ख़राब है. बिहार राज्य झारखंड, असम, सिक्किम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और ओड़िसा जैसे राज्यों से भी बहुत पीछे है.
एसडीजी रैंकिंग के मुताबिक बिहार विकास की रेस में सबसे पिछड़ा राज्य है. स्वास्थ्य से लेकर पढ़ाई या फिर गरीबी से लेकर भुखमरी में बिहार देश के अन्य राज्यों से काफी पीछे है. आर्थिक वृद्धि, स्वच्छ ऊर्जा, बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर में भी बिहार फेल है. जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया कि एसडीजी इंडिया इंडेक्स देश के राज्यों एयर केंद्र शासित प्रदेशों के विकास के बारे में बताता है. इससे पता चलता है कि विकास के पायदान पर कौन राज्य पिछले साल के मुकाबले कहां पहुंचा है. इसमें यह भी पता चलता है कि पिछले एक साल में राज्यों ने अलग-अलग क्षेत्रों में कितनी प्रगति की है. और इन सभी मापदंडों पर बिहार बाकि के अन्य राज्यों से काफी पीछे है.
गौरतलब हो कि सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स यानी कि एसडीजी रैंकिंग का मूल्यांकन सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय मापदंडों पर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का किया जाता है, जिसमें बिहार सबसे पीछे है. रिपोर्ट के मुताबिक गरीबी कम करने के लिहाज से तमिलनाडु और दिल्ली ने सबसे बेहतर काम किया है. जबकि भूख की समस्या कम करने में केरला और चंडीगढ़ ने अच्छा काम किया है. स्वास्थ्य के क्षेत्र में गुजरात और दिल्ली का परफॉरमेंस बेस्ट है. क्वालिटी एजुकेशन की बात करें तो केरला और चंडीगढ़ ने सबसे अच्छा काम किया है.
लिंग समानता में छत्तीसगढ़, अंडमान-निकोबार और साफ पानी और सफाई में गोवा एवं लक्षद्वीप ने बेहतर काम किया है. स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में कई राज्यों ने अच्छी प्रगति की है. आर्थिक वृद्धि में हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ का नाम है. इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने में गुजरात और दिल्ली, असमानता कम करने में मेघालय औ चंडीगढ़, मत्स्य पालन जैसे काम में ओडिशा का नाम अहम हुआ है. अरुणाचल प्रदेश में रहन-सहन की सुविधा बढ़ी है. न्याय और मजबूत संस्था के क्षेत्र में उत्तराखंड और पुडुचेरी ने अच्छा काम किया है.
गौरतलब हो कि एसडीजी इंडिया इंडेक्स में राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को 16 एसडीजी पैरामीटर्स पर आंका जाता है. कुल मिलाकर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के स्कोर 16 एसडीजी पर उनके प्रदर्शन के आधार पर निकाले जाते हैं. ये स्कोर 0-100 के बीच होते हैं. इसी स्कोर कार्ड में बिहार को मात्र 52 नंबर मिला है. इतने कम स्कोर से साफ़ स्पष्ट होता है कि बिहार विकास और विकास के लक्ष्य से कितना पीछे है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एसडीजी इंडिया इंडेक्स में ऊपर के पांच और नीचे के पांच राज्यों के बारे में जानकारी दी गई है. ऊपर के पांच राज्यों में पहला स्थान केरला का है. केरला को 75 अंक मिले हैं. दूसरे स्थान पर हिमाचल प्रदेश और तमिलनाडु हैं, जिन्हें 74 अंक दिया गया है. तीसरे स्थान पर आंध्र प्रदेश, गोवा, कर्नाटक और उत्तराखंड हैं जिन्हें 72 अंक मिले हैं. चौथे स्थान पर सिक्किम है जिसे 71 अंक मिले हैं. 70 अंकों के साथ पांचवें स्थान पर महाराष्ट्र है.
India's report card on the SDGs is here!
— NITI Aayog (@NITIAayog) June 3, 2021
17 Goals, 36 States/UTs, & 115 indicators: #SDGIndiaIndex & Dashboard 2020-21 is the most comprehensive review of 🇮🇳’s progress towards achieving the SDGs.
Report: https://t.co/ClNGgfiqjx
Dashboard: https://t.co/piGw8xKypj pic.twitter.com/84nde0fbTn
विकास के इंडेक्स में फिसड्डी राज्यों की बात करें तो इसमें 5 प्रदेशों का रिकॉर्ड सामने आया है. 5 सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले राज्यों में (हालांकि इन्हें प्रतियोगी कहा जा रहा है जो विकास के लिए प्रयत्न कर रहे हैं) छत्तीसगढ़, नगालैंड और ओडिशा हैं. इन तीनों राज्यों को 61 अंक मिला है. उसके बाद के पायदान पर अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, राजस्थान और उत्तर प्रदेश हैं. इन्हें 60 अंक मिला है. फिसड्डी राज्यों में असम, झारखंड और बिहार जैसे राज्य हैं. बिहार 52 अंकों के साथ विकास की रफ्तार में सबसे पीछे है. उसके बाद ही झारखंड, असम, यूपी, राजस्थान, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा, नगालैंड और छत्तीसगढ़ जैसे राज्य आते हैं.