BIHAR: मुंगेर में पुलिस से भिड़े परिजन, वारंटी को छुड़ाकर भगाया, फिर क्या हुआ जानिए? कटिहार में युवक की गोली मारकर हत्या, दो दिन में दो हत्या से इलाके में दहशत, कानून व्यवस्था पर सवाल गोपालगंज में मुठभेड़: 25 हजार के इनामी बदमाश महावीर यादव गिरफ्तार, पैर में लगी गोली IRCTC ने लॉन्च किया RailOne Super App, अब एक ही एप पर मिलेंगी ट्रेन से जुड़ी सभी सेवाएं IRCTC ने लॉन्च किया RailOne Super App, अब एक ही एप पर मिलेंगी ट्रेन से जुड़ी सभी सेवाएं "बिहार को बनेगा स्टार्टअप हब", स्टार्टअप स्पार्क 2.0 में बोले उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा Patna Traffic: राजधानी में ट्रैफिक जाम की सूचना के लिए फोन और व्हाट्सएप्प नंबर जारी, तुरंत इन दो नंबरों पर दें जानकारी Patna News: पटना में बढ़ रही लग्जरी कारों की डिमांड, 3 साल में खरीदे गए 1403 महंगे फोर व्हीलर; यह गाड़ी बनी लोगों की पहली पसंद Patna News: पटना में बढ़ रही लग्जरी कारों की डिमांड, 3 साल में खरीदे गए 1403 महंगे फोर व्हीलर; यह गाड़ी बनी लोगों की पहली पसंद सेक्स की नौकरी और कॉल बॉय बनाने के नाम पर करोड़ों की ठगी, पटना से तीन शातिर गिरफ्तार
26-Aug-2023 07:26 PM
By First Bihar
PATNA: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने शैक्षणिक विकास निगम में भ्रष्टाचार की बात कही है। उन्होंने कहा है कि इसकी जांच निगरानी से करायी जाए। एक ओर बिहार के सरकारी स्कूलों में पेयजल और शौचालय की व्यवस्था नहीं है। वही दूसरी ओर स्कूलों में ढांचागत विकास और मनमाने ढंग से निर्माण कार्य में 40 फीसदी कमीशनखोरी के साथ लूट मची हुई है।
उन्होंने कहा कि बिहार राज्य शैक्षणिक विकास निगम (बीएसइआइडीसी) स्कूलों में सालाना 1500 करोड़ तक के मनमाने निर्माण कार्य करा रहा है, लेकिन इस में मानक, जरूरत और गुणवत्ता का कोई ध्यान नहीं रखा जा रहा है। उन्होंने यह मांग की है कि बीएसइआइडीसी के कार्यकलाप की जाँच निगरानी विभाग से करायी जानी चाहिए।
सुशील मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार के समग्र शिक्षा अभियान के लिए प्राप्त धनराशि के अलावा प्राइमरी और मध्य विद्यालयों के विकास मद में 1400 करोड़ रुपये बिना उपयोग के खाते में पडे हैं, जबकि लाखों स्कूली छात्र पेयजल, बेंच-टेबल, बिजली और उपयोगी शौचालय तक के लिए तरस रहे हैं।
आगे उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा की चिंता राजभवन पर छोड़ कर सरकार को स्कूलों में शैक्षणिक वातावरण और जरूरत के मुताबिक गुणवत्तापूर्ण संसाधनों के विकास पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए।