ब्रेकिंग न्यूज़

बिहार के युवाओं को सिर्फ इंटरव्यू से मिलेगी नौकरी, अब नहीं देनी होगी लिखित परीक्षा, 23 अगस्त को रोजगार मेला Bihar News: बिहार में गंगा नदी पर छह लेन का एक्स्ट्रा-डोज्ड पुल बनकर तैयार, 22 अगस्त को पीएम मोदी देंगे सौगात Bihar News: बिहार में गंगा नदी पर छह लेन का एक्स्ट्रा-डोज्ड पुल बनकर तैयार, 22 अगस्त को पीएम मोदी देंगे सौगात Bihar News: बिहार के इन अमीनों की नौकरी पर लटकी तलवार, सरकार ने दी बर्खास्त करने की चेतावनी; क्या है वजह? Bihar News: बिहार के इन अमीनों की नौकरी पर लटकी तलवार, सरकार ने दी बर्खास्त करने की चेतावनी; क्या है वजह? Patna News: पटना के छोटी सोन नहर में पलटी तेज रफ्तार स्कॉर्पियो, हादसे में मां-बेटी की दर्दनाक मौत Patna News: पटना के छोटी सोन नहर में पलटी तेज रफ्तार स्कॉर्पियो, हादसे में मां-बेटी की दर्दनाक मौत UPI transaction Failed: पैसे कटे लेकिन पेमेंट हो गया फेल, UPI रिफंड कैसे और कब मिलेगा; जानिए... पूरी प्रक्रिया Cheapest Petrol Price: इस जगह पानी से भी कम है 1 लीटर पेट्रोल का रेट, कीमत जानकर दंग रह जाएंगे Cheapest Petrol Price: इस जगह पानी से भी कम है 1 लीटर पेट्रोल का रेट, कीमत जानकर दंग रह जाएंगे

सुशील मोदी ने की मांग: निगरानी से हो शैक्षणिक विकास निगम की जांच, स्कूलों के विकास के नाम पर मची है लूट

सुशील मोदी ने की मांग: निगरानी से हो शैक्षणिक विकास निगम की जांच, स्कूलों के विकास के नाम पर मची है लूट

26-Aug-2023 07:26 PM

By First Bihar

PATNA: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने शैक्षणिक विकास निगम में भ्रष्टाचार की बात कही है। उन्होंने कहा है कि इसकी जांच निगरानी से करायी जाए। एक ओर बिहार के सरकारी स्कूलों में पेयजल और शौचालय की व्यवस्था नहीं है। वही दूसरी ओर स्कूलों में ढांचागत विकास और मनमाने ढंग से निर्माण कार्य में 40 फीसदी कमीशनखोरी के साथ लूट मची हुई है। 


उन्होंने कहा कि बिहार राज्य शैक्षणिक विकास निगम (बीएसइआइडीसी) स्कूलों में सालाना 1500 करोड़ तक के मनमाने निर्माण कार्य करा रहा है, लेकिन इस में मानक, जरूरत और गुणवत्ता का कोई ध्यान नहीं रखा जा रहा है। उन्होंने यह मांग की है कि बीएसइआइडीसी के कार्यकलाप की जाँच निगरानी विभाग से करायी जानी चाहिए।


सुशील मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार के समग्र शिक्षा अभियान के लिए प्राप्त धनराशि के अलावा प्राइमरी और मध्य विद्यालयों के विकास मद में 1400 करोड़ रुपये बिना उपयोग के खाते में पडे हैं, जबकि लाखों स्कूली छात्र पेयजल, बेंच-टेबल, बिजली और उपयोगी शौचालय तक के लिए तरस रहे हैं।


आगे उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा की चिंता राजभवन पर छोड़ कर सरकार को स्कूलों में शैक्षणिक वातावरण और जरूरत के मुताबिक गुणवत्तापूर्ण संसाधनों के विकास पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए।