कितने अमीर हैं भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन? चुनावी हलफनामे में संपत्ति और 5 मामलों का खुलासा खगड़िया पुलिस ने लॉन्च की आधिकारिक वेबसाइट, अब घर बैठे ऑनलाइन होगी शिकायत और सत्यापन लालू यादव के कथित आलीशान बंगले पर सियासत तेज, सम्राट चौधरी के बाद अब नीरज कुमार ने भी की बंगले में स्कूल खोलने की मांग PURNEA: बिहार सरकार के निर्देश पर अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्रवाई, बनमनखी में दुकानों पर चला बुलडोजर वाहन जांच के दौरान 2.885 KG चांदी और 4 लाख कैश बरामद, दो गिरफ्तार Nitin Nabin: बीजेपी का कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद नितिन नवीन को मिलेंगी कितनी सुविधाएं, सैलरी मिलेगी या नहीं? जानिए.. Nitin Nabin: बीजेपी का कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद नितिन नवीन को मिलेंगी कितनी सुविधाएं, सैलरी मिलेगी या नहीं? जानिए.. Bihar Education News: शिक्षा विभाग के अफसरों को लिखने भी आता ! BEO ने एक पन्ने की चिट्ठी में 12 से अधिक गलती की Patna Crime News: पटना में दो पक्षों के बीच फायरिंग से हड़कंप, लाइसेंसी हथियार के साथ आरोपी गिरफ्तार Patna Crime News: पटना में दो पक्षों के बीच फायरिंग से हड़कंप, लाइसेंसी हथियार के साथ आरोपी गिरफ्तार
26-Aug-2023 07:26 PM
By First Bihar
PATNA: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने शैक्षणिक विकास निगम में भ्रष्टाचार की बात कही है। उन्होंने कहा है कि इसकी जांच निगरानी से करायी जाए। एक ओर बिहार के सरकारी स्कूलों में पेयजल और शौचालय की व्यवस्था नहीं है। वही दूसरी ओर स्कूलों में ढांचागत विकास और मनमाने ढंग से निर्माण कार्य में 40 फीसदी कमीशनखोरी के साथ लूट मची हुई है।
उन्होंने कहा कि बिहार राज्य शैक्षणिक विकास निगम (बीएसइआइडीसी) स्कूलों में सालाना 1500 करोड़ तक के मनमाने निर्माण कार्य करा रहा है, लेकिन इस में मानक, जरूरत और गुणवत्ता का कोई ध्यान नहीं रखा जा रहा है। उन्होंने यह मांग की है कि बीएसइआइडीसी के कार्यकलाप की जाँच निगरानी विभाग से करायी जानी चाहिए।
सुशील मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार के समग्र शिक्षा अभियान के लिए प्राप्त धनराशि के अलावा प्राइमरी और मध्य विद्यालयों के विकास मद में 1400 करोड़ रुपये बिना उपयोग के खाते में पडे हैं, जबकि लाखों स्कूली छात्र पेयजल, बेंच-टेबल, बिजली और उपयोगी शौचालय तक के लिए तरस रहे हैं।
आगे उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा की चिंता राजभवन पर छोड़ कर सरकार को स्कूलों में शैक्षणिक वातावरण और जरूरत के मुताबिक गुणवत्तापूर्ण संसाधनों के विकास पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए।