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28-May-2023 07:41 PM
By First Bihar
PATNA: आरजेडी ने नए संसद भवन की तुलना ताबूत से कर दी। जिसके बाद राजनीतिक गलियारें में इसे लेकर बवाल मच गया। आरजेडी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से नए संसद भवन के साथ ताबूत की फोटो पोस्ट करने पर बीजेपी ने कड़ी आपत्ति जताई। हालांकि ताबूत को लेकर आरजेडी की तरफ से जो ट्वीट किया गया था उसकी जानकारी राजद नेता और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को भी नहीं थी। तेजस्वी यादव ने खुद कहा था कि इसके बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। ताबूत वाले इस बयान को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय मंत्री ऋतुराज सिन्हा ने आरजेडी पर जमकर हमला बोला। कहा-आने वाले मानसून सत्र में आरजेडी नहीं शामिल हो रही है क्या?
लोकतंत्र के मंदिर को ताबूत दिखाने वाले पार्टी आरजेडी पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसी सोच रखने वाली पार्टी की मानसिकता का पतन है जिसका परिणाम उन्हें 2024 और 2025 में होने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में बिहार की जनता दिखाएगी। उन्होंने स्पष्ट पूछा कि जिस पार्टी ने इस लोकतंत्र को ताबूत बोला है, क्या आने वाले मानसून सत्र में वह शामिल नहीं होगी ?क्या उनके सांसद मानसून सत्र में उपस्थित नहीं रहेंगे? क्या राम मंदिर जब बनेगा तो क्या उनके लोग मंदिर में नही जायेंगे?
ऋतुराज सिन्हा ने कहा कि को पार्टी पटना में रहकर लोकतंत्र के इस मंदिर का विरोध कर रही थी , उसी पार्टी के राज्यसभा सांसद और फिर उपसभापति बने हरिवंश जी ने तो इसे ऐतिहासिक भवन कहते हुए इसे आजाद भारत का पहला प्रतीक चिन्ह बताया। हरिवंश जी ने नए संसद भवन को ईट पत्थरों का एक ढांचा नही बल्कि भारत की आजादी में लड़े उन तमाम यौद्धाओँ का स्मृति बताया।
जब वरिष्ठ पत्रकार और विद्वान हरिवंश जी को यह बात समझ में आ रही है तो बाकी विरोध करने वाले कौन लोग है? ये वही लोग है जो अक्सर उल्टी गंगा बहाते है।इन्हे दूसरे राष्ट्र अध्यक्षों द्वारा मोदी जी की तारीफ दिखाई नहीं देती है इनका काम है अगर माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी सुबह को सुबह कह दे तो ये लोग इसे शाम साबित करने में लग जायेंगे।
विरोध की परिभाषा को पार करते हुए किसी योजना,राष्ट्र चिन्ह या फिर मेमोंटो का विरोध करने लगे है।जिस तरह से अखंड भारत को तोड़कर मुगलों ने देश पर कब्जा जमाया था ,ये लोग भी विदेशी नीतियों में प्रभावित होकर देश के टुकड़े टुकड़े करना चाह रहे है लेकिन नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में सरदार बल्लभ भाई पटेल को साक्षी मानकर अखंड भारत,एक भारत के सपने को साकार करेंगे।