MADHUBANI: मधुबनी में प्रेम विवाह बना जानलेवा, लड़की के परिवार ने लड़के के पिता की कर दी हत्या BIHAR: शादी समारोह में हर्ष फायरिंग, 13 साल का बच्चे और वेटर को लगी गोली SAHARSA: नाला निर्माण के विवाद को लेकर बाप-बेटे की पिटाई, इलाज के दौरान युवक की मौत BIHAR: हाजीपुर सदर अस्पताल से 2 साल का बच्चा गायब, CCTV खंगालने में जुटी पुलिस BIHAR: बसंतपुर गांव में शोक की लहर, ट्रेन हादसे में 22 वर्षीय गुड्डू सिंह की मौत Air Marshal AK Bharti: कौन हैं एयर मार्शल एके भारती, जिन्होंने पाकिस्तान को सुनाई रामचरित मानस की चौपाई? जानिए.. Bihar News: स्टेज शो के दौरान माही-मनीषा के साथ मारपीट, अस्पताल में कराना पड़ा एडमिट Bihar News: स्टेज शो के दौरान माही-मनीषा के साथ मारपीट, अस्पताल में कराना पड़ा एडमिट Life Style: अच्छे काम पर जाते वक्त क्यों खिलाया जाता है दही-चीनी? धार्मिक ही नहीं वैज्ञानिक वजह भी जान लीजिए.. Bihar News: निगरानी ने सार्वजनिक की बिहार के दागी अफसरों की जानकारी, सरकार को भेजी रिपोर्ट
19-Oct-2023 06:40 AM
By First Bihar
PATNA : शारदीय नवरात्रि का आगाज हो चुका है. बड़े ही धूमधाम से माता रानी के भक्त इस पूरे नौ दिन को सेलिब्रेट कर रहे हैं। कई जगहों पर बड़े-बड़े पंडाल लग रहे हैं। पूरे नौ दिन माता जी के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। ऐसे में आज यानि 19 अक्टूबर को शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन है, और इस दिन देवी दुर्गा के पांचवें स्वरूप मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है।
दरअसल, मां दुर्गा के पंचम स्वरूप मां स्कंदमाता की उपासना की जाती है। स्कंद कुमार कार्तिकेय की माता के कारण इन्हें स्कंदमाता नाम दिया गया है। भगवान स्कंद बालरूप में इनकी गोद में विराजित हैं। मां स्कंदमाता की पूजा करने के लिए सबसे सुबह में स्नान करें। इसके बाद पीले रंग के वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल को फिर गंगाजल से साफ कर लें। उसके बाद मां स्कंदमाता की तस्वीर या मूर्ति को मंदिर में स्थापित करें। अब देवी मां को अक्षत, धूप के साथ फूल, फल, पान, सुपारी, लौंग और सिंदूर अर्पित करें।
शारदीय नवरात्रि के पांचवे दिन माता रानी मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है। स्कंदमाता की पूजा करने के दौरान 'या देवी सर्वभूतेषू मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता, 'नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:' मंत्र का जाप करें। इसके साथ ही नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता को केले और केले से बनी चीजों का ही भोग लगाए। क्योंकि माता रानी का यह प्रिय भोजन है।