ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: मंत्री संजय सरावगी ने मुजफ्फरपुर में की समीक्षा बैठक, अधिकारियों को दिए जरूरी निर्देश Bihar News: मंत्री संजय सरावगी ने मुजफ्फरपुर में की समीक्षा बैठक, अधिकारियों को दिए जरूरी निर्देश Bengaluru Stampede: विराट कोहली के खिलाफ थाने में शिकायत, बेंगलुरू हादसे को लेकर FIR दर्ज करने की मांग Bengaluru Stampede: विराट कोहली के खिलाफ थाने में शिकायत, बेंगलुरू हादसे को लेकर FIR दर्ज करने की मांग Buxar News: अजय सिंह के नेतृत्व में भारत प्लस इथेनॉल प्लांट की बड़ी उपलब्धि, सफलतापूर्वक विकसित किया CO2 स्टोरेज सिस्टम Buxar News: अजय सिंह के नेतृत्व में भारत प्लस इथेनॉल प्लांट की बड़ी उपलब्धि, सफलतापूर्वक विकसित किया CO2 स्टोरेज सिस्टम Bihar News: बिहार में सबसे सस्ता गोल्ड रेट और मेकिंग चार्ज लेकर आया श्री हरी ज्वेलर्स, मौका कहीं छूट न जाए Bihar News: बिहार में सबसे सस्ता गोल्ड रेट और मेकिंग चार्ज लेकर आया श्री हरी ज्वेलर्स, मौका कहीं छूट न जाए Patna News: पटना में यहां मिल रहा खादी के कपड़ों पर आकर्षक डिस्काउंट, खरीदने के लिए उमड़ रही भारी भीड़ Patna News: पटना में यहां मिल रहा खादी के कपड़ों पर आकर्षक डिस्काउंट, खरीदने के लिए उमड़ रही भारी भीड़

बिहार : फर्जी जन्म प्रमाण पत्र से छात्रों का हो रहा स्कूल में एडमिशन, ऐसे हुआ खुलासा...

बिहार : फर्जी जन्म प्रमाण पत्र से छात्रों का हो रहा स्कूल में एडमिशन, ऐसे हुआ खुलासा...

05-May-2022 08:07 AM

MUZAFFARPUR : मुजफ्फरपुर जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां सदर अस्पताल के नाम पर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाया जाता है। इस मामले की पोल उस वक्त खुली जब प्राथमिक विद्यालय बालक मनियारी में नामांकन के लिए आये जन्म प्रमाण पत्र की जांच की गई। उपाधीक्षक डा.एन के चौधरी ने बताया कि उनके पास सदर अस्पताल के नाम पर बना हुआ एक प्रमाण पत्र आया है। जब इसकी जांच प्रबंधक से कराई गई तो पता चला कि यह प्रमाण पत्र यहां से नहीं बनाया गया है और उस पर जो हस्ताक्षर है वह उनका नहीं है। उन्होंने कहा कि जिस स्कूल में नामांकन के लिए प्रमाण पत्र दिया गया था, वहां के स्कूल प्रशासन ने अभी तक कांटेक्ट नहीं किया है। 


मामले के संदर्भ में बताया जा रहा है कि कुढ़नी प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय बालक मनियारी में नामांकन के लिए पंचानवे प्रतिशत से ज्यादा बच्चों का जन्म एक जनवरी को ही हुआ साल भले ही अलग अलग हैं। हैरानी की बात तो यह है कि प्रधान शिक्षक के पास नामांकन के लिए जब जन्म प्रमाणपत्र आने लगे तो ज्यादातर में जन्म की तारीख एक जनवरी ही लिखी हुई थी। नामांकन से पहले जब विद्यालय के प्रधानाध्यपक को इसकी भनक लगी, उसने अपने स्तर से जांच की। इसके बाद उपाधीक्षक सदर अस्पताल को सूचना दी गई। तभी फ़र्ज़ी प्रमाण पत्र का खुलासा हुआ। 


बता दें, कई विद्यालय ऐसे हैं, जहां नामांकन एक जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर हो रहा है। प्रधानाध्यापक ने बताया कि सदर अस्पताल को पत्राचार किया गया है।  शिक्षा विभाग के वरीय अधिकारी को इसकी सूचना दी गई है। अब इस मामले के बाद कयास लगाये जा रहे हैं कि फर्जी जन्म प्रमाणपत्र के आधार पर एक छात्र का नामांकन एक से अधिक विद्यालय में कराया जा रहा है। मतलब यह है कि सरकार की तरफ से जो पोशाक राशि, मध्यान भोजन राशि मिलती है, उसका लाभ फर्जी तरीके से एक से अधिक जगहों से उठाया जा रहा है।