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17-Oct-2024 08:01 PM
By First Bihar
PURNEA: मुस्लिम लड़की से प्रेम-प्रसंग के बाद एक हिन्दू युवक ने मुसलमान बनकर उससे निकाह कर लिया। आजाद झा से वो आजाद आलम बन गया। लेकिन निकाह के 16 साल बाद आजाद ने बड़ा कदम उठा लिया। उसने ससुराल में आत्महत्या कर ली। उसकी मौत के बाद ससुरालवाले और मृतक के परिजन उसकी दाह संस्कार को लेकर आपस में ही उलझ गये। मौत के बाद अंतिम संस्कार में अब पेंच फंस गया।
मृतक के परिजन हिन्दू रीति-रिवाज से बेटे का अंतिम संस्कार कराना चाहता था जबकि ससुराल वाले मुस्लिम धर्म के अनुसार उसे क्रबिस्तान में दफनाना चाहते थे। इस बात को लेकर दोनों परिवारों के बीच विवाद को देखते हुए पुलिस ने शव को 72 घंटे के लिए अपने पास रखा है। मामला के. हाट थाना क्षेत्र के हाउसिंग कॉलोनी का है। जहां आजाद के परिजन और ससुरालवाले अपनी जिद्द पर अड़े हैं।
आजाद के माता-पिता चाहते है कि हिन्दू रीति रिवाज से बेटे का दाह संस्कार हो जबकि ससुराल वाले मुस्लिम धर्म के अनुसार अंतिम संस्कार करना चाहते हैं। बताया जाता है कि आजाद झा से आजाद आलम बने युवक ने 2008 में मुस्लिम महिला से लव मैरिज किया था। लड़के के परिवार वालों को यह शादी मंजूर नहीं था। उन्होंने बेटे और बहू को घर में घुसने नहीं दिया। जिसके बाद आजाद अपने ससुराल में ही बस गया। वही उसने मुस्लिम धर्म को अपना लिया। निकाह से पहले युवक को लोग आजाद कुमार झा के रूप में जानते थे। उनके पिता का नाम दिलीप झा है जो हाउसिंग कॉलोनी में रहते हैं। मुस्लिम लड़की रानी परवीन से शादी करने के बाद उसने अपना नाम और धर्म दोनों बदल लिया। आजाद झा से आजाद आलम हो गया।
तीन बच्चों की मां मृतक आजाद आलम की पत्नी रानी परवीन का कहना है कि दोनों एक ही मोहल्ले में रहते थे। 2008 में दोनों की पहली मुलाकात हुई थी। इसके बाद बातचीत शुरू हुई। जिसके बाद यह बातचीत कब प्यार में बदल गया किसी को पता नहीं चला। जिसके बाद 16 साल पहले हम दोनों ने घर से भागकर लव मैरिज कर ली। जिसके बाद वो मुझे लेकर अपने घर गये लेकिन उनके माता-पिता ने इस शादी को स्वीकार नहीं किया। दोनों को घर में घुसने नहीं दिया गया जिसके बाद वो मेरे घर में साथ रहने लगे। जीवन यापन के लिए यहां ऑटो चलाने लगे। घर से किसी तरह की मदद नहीं मिलने को लेकर बीते दिनों वो काफी टेंशन में रह रहे थे। शराब भी पीने लगे थे। दो साल पहले भी जहर खाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया था लेकिन किसी तरह उन्हें बचा लिया गया। लेकिन इस बार उनकी लाश घर के कमरे में फंदे से लटका मिला। उन्हें अस्पताल ले गये तब डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
माता-पिता का सपोर्ट नहीं मिलने से तनाव में रह रहे पति आजाद ने आज खुदकुशी कर ली। लेकिन उन्होंने एक दिन अपने बच्चों से कहा था कि यदि मेरी मौत हो जाती है तो मेरा अंतिम संस्कार मुस्लिम रीति-रिवाज से करना। आजाद की लाश को कब्रिस्तान ले जा ही रहे थे कि उनके माता-पिता पहुंच गये और हंगामा करने लगे। कहने लगे की शव का अंतिम संस्कार हिन्दू रीति रिवाज से होगा। हंगामे की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। फिलहाल पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी है।
वही मृतक आजाद की मां अनीता देवी का कहना है कि 16 अक्टूबर को बेटे से बात हुई थी। वो घर पर आना चाहता है। ऐसा लग रहा था कि वो काफी परेशानी में है। उसने भी बेटे से मिलने की बात कही थी। जिसके बाद मां अपने बेटे के आने का इंतजार में बैठी थी। तभी गांव के किसी व्यक्ति ने बेटे की आत्महत्या की जानकारी दी। लेकिन ना तो आजाद की बीवी ने घटना के बारे में बताया और ना ही उसके परिवार के लोगों ने ही इसकी भनक लगने दी।
बेटे की मौत की जानकारी मिलते ही माता-पिता उसके ससुराल पहुंचे जहां देखा कि मुस्लिम रीति-रिवाज से उसका अंतिम संस्कार किया जा रहा है उन्होंने इसका विरोध किया कहा कि हिन्दू रीति रिवाज से बेटे का दाह संस्कार होगा। इसी बात को लेकर दोनों पक्ष के बीच विवाद हो गया। इसकी सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्ष को शांत कराया और आगे की कार्रवाई शुरू की।