NITISH KUMAR : विश्वकर्मा जयंती पर CM नीतीश ने इन लोगों को दिया बड़ा तोहफा, निर्माण मजदूरों को मिलेंगे 5000 रुपए दुर्गा पूजा से पहले सरकार का बड़ा तोहफा, समय से पहले वेतन-पेंशन और भत्तों का भुगतान Patna Metro: रेड लाइन पर पहली बार दौड़ी पटना मेट्रो, CMRS ने किया सुरक्षा निरीक्षण PM Modi 75th Birthday : पीएम नरेंद्र मोदी 75 वर्ष के हुए, बिहार के CM नीतीश कुमार ने दी जन्मदिन की बधाई; सम्राट चौधरी बोले– आधुनिक भारत के विश्वकर्मा New Roads: ₹43 करोड़ की लागत से यहाँ कई सड़कों का निर्माण, बिहार के लोगों को बड़ी राहत Bihar News: बिहार के स्कूल से अपहृत बच्चा इस राज्य से बरामद, अपहरणकर्ता चढ़ा पुलिस के हत्थे Bihar News: बिहार के अस्पतालों में नहीं होगा इलाज, हड़ताल पर गए डॉक्टर; क्या नीतीश सरकार पूरी करेगी मांग Bihar News: 'मंत्री का प्रचार किया तो छह इंच छोटा कर देंगे', बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नक्सली पर्चा और धमकी मिलने से दहशत Bihar News: महापर्व छठ को यूनेस्को टैग दिलाने में जुटी भारत सरकार, कई देशों ने दिया साथ का आश्वासन Bihar Teacher News: त्योहारी सीजन में तनख्वाह से क्यों वंचित हैं शिक्षक? जानिए... वजह
09-May-2021 02:04 PM
PATNA : आरजेडी के दिवंगत पूर्व सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन को लेकर अब सियासत नई राह पकड़ने लगी है. शहाबुद्दीन के निधन के बाद उनके परिवार वाले और समर्थक के आरजेडी नेतृत्व से नाराज हैं. डैमेज कंट्रोल के लिए आज सुबह आरजेडी के विधायक रीतलाल यादव शहाबुद्दीन के पैतृक गांव प्रतापपुर पहुंचे थे और उनके बेटे ओसामा से मुलाकात की थी. लेकिन मुलाकात के बाद रीतलाल यादव ने कहा था कि वह दुख की इस घड़ी में परिवार वालों को सांत्वना देने आए थे.
अब शहाबुद्दीन के घर नीतीश कुमार के खासमखास और जेडीयू के एमएलसी राधाचरण साह पहुंचे हैं. राधाचरण साह जदयू के दूसरे नेताओं के साथ प्रतापपुर पहुंचे हैं और ओसामा से मुलाकात की है. एमएलसी राधाचरण साह के साथ जेडीयू के नेता और पूर्व विधायक बिजेंद्र यादव भी मौजूद हैं. ये दोनों नेता पहले राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के साथ थे लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव के समय इन्होंने पाला बदलकर नीतीश का दामन थाम लिया था.
ऐसे वक्त में जब मोहम्मद शहाबुद्दीन के परिवार वालों से मिलने या उनके गांव आरजेडी का कोई बड़ा नेता नहीं पहुंचा है और ना ही लालू परिवार का कोई सदस्य नीतीश कुमार की पार्टी के विधान परिषद का वहां पहुंचना. सुयसी मायने में काफी महत्वपूर्ण हो जाता है. शहाबुद्दीन की मौत के बाद उनके समर्थक लगातार आरजेडी नेतृत्व के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. हालांकि खुद शहाबुद्दीन के परिवार में अब तक कोई बयान नहीं दिया है और इस पूरे मामले पर चुप्पी साध रखी है. ऐसे में राधाचरण शाह का शहाबुद्दीन के परिजनों से मिलना, भविष्य की राजनीति का संकेत माना जा सकता है.
शहाबुद्दीन के गांव तेजस्वी के नहीं पहुंचने से चीजें उनके खिलाफ जा रही हैं. हालांकि रीतलाल यादव का आज प्रतापपुर पहुंचना इस बात का संकेत था कि कहीं ना कहीं तेजस्वी इस मामले में डैमेज कंट्रोल करना चाहते हैं. लेकिन यह किस हद तक हो पाया या अब तक साफ नहीं है. अब जेडीयू एमएलसी का प्रतापपुर पहुंचना और ओसामा से मुलाकात करना अगर भविष्य में नए राजनीतिक समीकरण तैयार करें तो इसमें कोई अचरज नहीं होगा.