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19-Dec-2022 03:01 PM
PATNA: छपरा में जहरीली शराब से हुई मौतों को लेकर विपक्ष के साथ साथ सरकार की सहयोगी CPI(ML) ने भी अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है। बीजेपी के साथ साथ सीपीआई(एमएल) सरकार से मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग कर रही है। पार्टी के विधायक मनोज मंजिल ने मौत के आंकड़ों पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने कहा है कि मद्य निषेध विभाग के मंत्री के पास जो आंकड़ा है वह सही नहीं है। मनोज मंजिल ने कहा है कि अगर सरकार मृतकों के परिजनों को मुआवजा नहीं देती है तो माले पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन करेगी।
माले विधायक मनोज मंजिल ने कहा है कि उनकी पार्टी के लोग छपरा गए थे और उनके पास खुद का डेटा मौजूद है कि कितने लोग जहरीली शराब की भेंट चढ़े हैं। उन्होंने बताया कि बहुत से ऐसे लोगों का भी शव माले के लोगों ने छपरा में देखा है जिनका पोस्टमार्टम नहीं किया गया था। थाना के दलाल और पुलिसकर्मियों के दबाव में डरा धमका कर बिना पोस्टमार्टम कराए ही शवों को दाह संस्कार करा दिया। ऐसे में विभागीय मंत्री के पास जो आंकड़े हैं वे सही नहीं हैं। सरकार को वहां के एसपी और डीएम के खिलाफ कार्रवाई करने की जरूरत है जिन्होंने सरकार को गलत डेटा उपलब्ध कराया है।
नीतीश सरकार में शामिल माले विधायक ने बताया कि उनकी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात कर अपनी बातों को उनके समक्ष रखा है और शराब कांड की सही जानकारी उपलब्ध कराई है और मुआवजा देने पर विचार करने की अपील की है। जो लोग इस घटना में मारे गए हैं सभी गरीब और भूमिहीन लोग है। इस घटना के बाद उनके बच्चे अनाथ हो गए हैं, महिलाएं विधवा हो गई हैं। ऐसे में सरकार को अपने नागरिकों को प्रति संवेदनशीलता दिखानी चाहिए।उन्होंने मांग की है कि सरकार हर पीड़ित परिवार को कम से कम 10 लाख रूपए का मुआवजा दे। राज्य में शराब माफिया जो मौत का कारोबार कर रहे हैं, वह बिना राजनीतिक और आधिकारिक संरक्षण के संभव नहीं है।
वहीं शराब से हो रही मौतों पर आरजेडी के नेता और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के सॉफ्ट होने के सवाल पर माले विधायक ने कहा कि तेजस्वी यादव शराब कांड को लेकर सॉफ्ट नहीं है, वे भी चाहते हैं कि जो लोग जहरीली शराब से मारे गए हैं उन्हें मुआवजा मिले। शराब के कारण जिन लोगों का परिवार बर्बाद हो चुका है उन्हें मदद और सहानुभूति की जरूरत है और सरकार को उन परिवारों को प्रति अपनी संवेदना दिखानी चाहिए। उन्होंने कहा कि माले जन आंदोलन की पार्टी है, अगर पीड़ित परिवारों को मुआवजा नहीं मिलता है तो माले आने वाले दिनों में सड़क पर उतरकर आंदोलन करेगी।