Bihar News: बिहार कांग्रेस कैसे होगी जिंदा..नेता मैदान में उतरते ही नहीं ! कन्हैया कुमार हैं NSUI प्रभारी...आज इस संगठन ने विधानसभा का घेराव किया, राजधानी में रहने के बावजूद वे प्रोटेस्ट से दूर रहे... सहरसा के दो मजदूरों की ओडिशा में संदिग्ध मौत, परिजनों ने की जांच की मांग Bihar Politics: फूलन देवी की शहादत दिवस पर VIP की श्रद्धांजलि सभा कल, संजीव मिश्रा ने बताया सामाजिक न्याय का प्रतीक Bihar Politics: फूलन देवी की शहादत दिवस पर VIP की श्रद्धांजलि सभा कल, संजीव मिश्रा ने बताया सामाजिक न्याय का प्रतीक Bihar News: खेत में अचानक टूटकर गिरा हाई वोल्टेज बिजली तार, करंट लगने से युवक की दर्दनाक मौत गोपालगंज में मानसिक रूप से विक्षिप्त महिला पर दर्जनों कुत्तों का जानलेवा हमला, हालत गंभीर Patna News: पटना में भीषण गर्मी के कारण कई छात्राएं बेहोश, स्कूल में मची अफरातफरी Patna News: पटना में भीषण गर्मी के कारण कई छात्राएं बेहोश, स्कूल में मची अफरातफरी Thailand-Cambodia Conflict: कंबोडिया और थाईलैंड में जंग तेज, एक F-16 तबाह; अब तक 9 की मौत INDvsENG: ऋषभ पंत का सीरीज से बाहर होना तय, उनकी जगह बिहार के इस खिलाड़ी को मिल सकता है मौका
27-Aug-2023 09:57 PM
By Srikant Rai
MADHEPURA: बिहार में लगातार हो रही बारिश और नेपाल से पानी छोड़े जाने के बाद बिहार के कई जिले बाढ़ प्रभावित हो गये हैं। इसी बीच मधेपुरा में भी बाढ़ ने दस्तक दे दी है। कुछ महीने पहले ही मधेपुरा नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड नं 20 गुलजारबाग से महादलित समाज के 40 परिवारों के 300 लोगों को विस्थापित कर जिला प्रशासन ने सुखासन में नदी किनारे जमीन आवांटित कर बसाया था और आज ये लोग नदी में उफान की वजह से सड़कों पर आ गये हैं।
हालांकि नदी के किनारे पर बसाये जाने को लेकर लोगों ने उस समय विरोध भी किया था लेकिन प्रशासनिक आदेश के आगे इनकी एक न चली थी। लोगों का आरोप है कि जब से ये लोग यहाँ बसाये गए हैं तब से अब तक किसी ने भी इनकी सुध नहीं ली। चाहे तपतपाती गर्मी हो या कपकपाती ठंढ या फिर बाढ़। अब तक न तो कोई प्रशासनिक मदद ही इन्हें मिल पाई है और ना ही किसी प्रतिनिधि ने ही इनकी सुध ली है।
पीड़ितों ने बताया कि नदी का जलस्तर पिछले 4-5 दिन से बढ़ रहा था लेकिन शनिवार की रात में अचानक से पानी इनके घरों में घुस गया और घर में रखा सारा सामान डूबने लगा। किसी तरह ये लोग जान बचाकर घर का इक्का दुक्का सामान लेकर वहाँ से भागे और रात से ही सड़क किनारे रहने को मजबूर हैं। रात में ही अधिकारियों को इसकी सूचना दी गयी लेकिन उन्हें देखने तक कोई नहीं आया। वे लोग पूरी रात से ही यहां भूखे-प्यासे रह रहे हैं।
हालांकि रविवार को जिले के कुछ वरीय अधिकारी पहुँचे हैं लेकिन न तो इन्हें कुछ भी खाने को दिया गया और न ही पीने को पानी ही नसीब हो पाया है। वही मौके पर मौजूद अंचलाधिकारी योगेंद्र दास ने बताया कि पीड़ितों को यहाँ से रैन बसेरा में शिफ्ट करने की व्यवस्था की गयी है। पानी कम होने के बाद आगे की व्यवस्था की जायेगी।