बाढ़ पीड़ितों के लिए भोजपुर के बड़हरा में भोजन वितरण और सामुदायिक किचन का पांचवां दिन Bihar News: बिहार के इन 46 प्रखंडों में खुलेंगे नए प्रदूषण जांच केंद्र, बिहार सरकार दे रही इतनी सब्सिडी Bihar News: बिहार के इन 46 प्रखंडों में खुलेंगे नए प्रदूषण जांच केंद्र, बिहार सरकार दे रही इतनी सब्सिडी Bihar Police News: बिहार के इस जिले के 24 थानों में नये थानाध्यक्षों की तैनाती, SSP के आदेश पर बड़ा फेरबदल Bihar Police News: बिहार के इस जिले के 24 थानों में नये थानाध्यक्षों की तैनाती, SSP के आदेश पर बड़ा फेरबदल Vaishali-Encounter: मारा गया कुख्यात अपराधी, पुलिस के साथ मुठभेड़ में हुआ ढेर--एसटीएफ का एक जवान घायल Bihar Crime News: बिहार में भूमि विवाद सुलझाने पहुंची पुलिस टीम पर हमला, डायल 112 के जवानों ने भागकर बचाई जान; 18 लोगों पर केस दर्ज बिहार में जीविका योजना से बदली महिलाओं की जिंदगी, 57 हजार करोड़ का मिला ऋण Bihar Politics: ‘नीतीश कुमार का विकास शहरों तक ही सीमित’ चचरी पुल के उद्घाटन के मौके पर बोले मुकेश सहनी Bihar Politics: ‘नीतीश कुमार का विकास शहरों तक ही सीमित’ चचरी पुल के उद्घाटन के मौके पर बोले मुकेश सहनी
31-Mar-2020 01:17 PM
DESK: लॉकडाउन में जब रोजी और रोटी पर संकट आया तो दिल्ली में रिक्शा चलाकर जीवन यापन करने वाले लालू और धनंजय ने दिल्ली छोड़ने का फैसला कर लिया. लेकिन घर आने के लिए कोई गाड़ी नहीं चल रहा था. फिर दोनों रिक्शा से खगड़िया के लिए निकल गए हैं. दोनों रिश्ते में चाचा और भतीजे हैं. दोनों ही दिल्ली में रिक्शा चलाते थे.
5 दिन में चले 900 किमी
लालू और धनंजय 5 दिनों तक रिक्शा चलाकर 900 किमी की दूरी तय कर मंगलवार को यूपी के चंदौली पहुंचे. जब लालू थकते हैं तो धनंजय रिक्शा चलाते हैं. इस तरह से दोनों दिल्ली से खगड़िया अपने गांव आ रहे हैं. फिर भी उनको लोगों को अभी 350 किमी और चलना है. दोनों कहते हैं कि जब 900 किमी तक सफर तय कर लिए तो आगे भी चलते जाएंगे.
कई सालों से रह थे दिल्ली
दोनों कमाने को लेकर कई सालों से दिल्ली में रह रहे थे.जिसके बाद दोनों रिक्शा चलाने लगे. यही रिक्शा होने का दिल्ली में कमाने का जरिया था. लेकिन लॉकडाउन ने दिल्ली को लॉक कर दिया. जिसके बाद इनकी कमाई बंद हो गई. तब मजबूरन दिल्ली छोड़ने को मजबूर हो गए. बता दें कि इससे पहले मोतिहारी के शख्स भी दिल्ली से रिक्शा चलाते हुए मोतिहारी पहुंचा था. उसकी भी दिल्ली छोड़ने की यही कहानी थी. लॉकडाउन के बाद से हजारों बिहार के रहने वाले लोग पैदल ही आ रहे हैं. दिल्ली के अलावे पश्चिम बंगाल और झारखंड से भी हजारों मजदूर पैदल ही अपने गांव पहुंच चुके हैं.