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30-Dec-2024 01:42 PM
By FIRST BIHAR
Bihar Land Survey: विधानसभा चुनाव(assembly elections) से पहले बिहार में जमीन सर्वे(Bihar Land survey) डबल इंजन सरकार की गले की फांस बन गई है। यही वजह है कि सरकार जमीन सर्वे के लिए नई समय सीमा निर्धारित कर रही है। सरकार ने एक बार फिर से जमीन सर्वे की अवधि में विस्तार कर दिया है और इसकी समय सीमा को बढ़ा दिया गया है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने बिहार में जमीन सर्वे के लिए नया लक्ष्य (deadline extended again) निर्धारित कर दिया है।
दरअसल, बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में जमीन सर्वे कराने का ऐलान कर सरकार खुद अपने ही जाल में फंस गई है। जमीन सर्वे को लेकर लोगों में बढ़ती नाराजगी को देखते हुए सरकार लगातार बैकफुट पर है। बिहार की डबल इंजन सरकार किसी भी हाल में चुनाव के बीच कोई रिस्क लेने के मूड में नहीं है। यही वजह है कि जमीन सर्वे के लिए तय समय सीमा को लगातार बढ़ाया जा रहा है। अब एक बार फिर से जमीन सर्वे के लिए तय समय सीमा को बढ़ा दिया गया है।
बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने विभाग की उपलब्धियां को गिनाते हुए इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 1400 राजस्व पदाधिकारी में 458 से अधिक पदाधिकारी पर करवाई हुई है। कही भी जांच के लिए ऑनलाइन इंतजाम है। 4 पदाधिकारियों की टीम मुख्यालय में शिकायत देखने के लिए बैठाए गए हैं। लैंड सर्वे के लिए किसी को आने के आने की जरूरत नहीं है, जो जहां हैं वही से ऑन लाइन कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि जो रैयत और जमीन के कम से कम पेपर भी हैं तो जमीन बिहार सरकार की नहीं हो सकती है। इसके लिए कई प्रावधान किए गए हैं। 45000 हजार गांव में सर्वे का काम 1 साल में पूरा करने का लक्ष्य है। एक नहीं तो दो साल में इसे पूरा कर लिया जाएगा। 80035 अमीन सिर्फ सर्वे के लिए रखे गए हैं। जमीन सर्वे के पहले चरण के अंतर्गत 20 जिलों में अंतिम चरण में है। दूसरे चरण में बाकी के 18 जिला में सर्वेक्षण का काम शुरू हो गया है।
अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया कि लैंड सर्वे के समय सीमा को थोड़ा बढ़ाया गया है। कई जगह विवाद हो रहा था। लोगों को कठिनाई ना हो इसलिए सरकार ने सर्वे की समय सीमा को बढ़ा दिया है। अब जमीन सर्वे का काम जुलाई 2026 तक खत्म करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। बिहार सरकार ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा है कि 6 शहरी इलाकों में लैंड सर्वे कराया जाय। जिसमें सोनपुर, बक्सर, राजगीर, तारापुर, बांका औरडेहरी शामिल हैं। जमीन सर्वे में जमीन मालिक एक बार और अपील कर सकते हैं। इसके लिए कानून बनाया जा रहा है। जनवरी महीने से जमाबंदी को आधार से जोड़ा जाएगा।