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07-Jul-2023 01:20 PM
By VISHWAJIT ANAND
PATNA : आरजेडी के बहुत लोग केके पाठक को लेकर कुछ नहीं कह रहे हैं बल्कि सिर्फ एक लोग कह रहे हैं उनका कुछ पर्सनल एजेंडा होगा। हमलोग नहीं जानते हैं उनको। सुनील सिंह को बहुत बड़े नेता तो नहीं है तो हम लोग सुनील सिंह को क्यों नोटिस लें। यह बातें नीतीश कुमार के मंत्री अशोक चौधरी ने कही है।
दरअसल, बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी से जब यह सवाल किया गया कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और अपर मुख्य सचिव के के पाठक को लेकर जो विवाद हुआ है। उसके बाद नीतीश लालू के बेहद करीबी माने जाने वाले एमएलसी सुनील सिंह ने उनसे इस्तीफे की मांग की है। अब इसी सवाल का जवाब देते हुए अशोक चौधरी ने कहा कि - सुनील सिंह ही मात्र एक आरजेडी के लीडर तो नहीं है। इनके अलावा भी बहुत सारे लीडर है। हम लोग उनके बयान पर ध्यान नहीं देते हैं। उनके बयान का कोई अर्थ नहीं है। अगर इस मामले में लालू यादव यार आपने देवी कुछ बोलती तो इंपॉर्टेंट था ना कि सुनील सिंह कुछ बोलते तो वह इंपॉर्टेंट है।
वहीं, मंत्री से जब यह सवाल किया गया कि अधिकारी बड़ा होता है या विभाग के मंत्री तो इसके जवाब में मंत्री ने कहा कि- बात बड़ा यह छोटा का नहीं है। एक रथ के दो पहिए होते हैं और दोनों का रहना जरूरी होता है। शिक्षा मंत्री और केके पाठक का कोई मुद्दा नहीं है। हरेक घर में कभी न कभी बाप और बेटे में कंफ्यूजन हो जाता है। इनके बीच भी कोई कंफ्यूजन रहा होगा।लेकिन, सब कन्फ्यूजन शॉट कर लिया जाएगा। नीतीश कुमार के रहते कोई कंफ्यूजन का सवाल ही नहीं है। मंत्री और अधिकारी रथ के दो पहिए हैं। दोनों अपनी -अपनी जगह पर महत्वपूर्ण है।हम पॉलिसी बनाते हैं और उसको आईएएस ऑफिसर इंप्लीमेंट करते हैं। यह मेरी जवाबदेही है कि- हमलोग एक टीम बना करके चले।
इधर, विपक्षी एकता की बैठक को लेकर नीतीश कैबिनेट के मंत्री ने कहा कि, 17 और 18 को बेंगलुरु में विपक्षी एकता के दूसरे चरण की बैठक होने वाली है। जितने लोग पटना में मौजूद थे वह लोग वहां भी मौजूद रहेंगे।मुख्यमंत्री बिहार से निकलकर के हर एक जगह जाकर के तमाम विपक्षी नेताओं से मुलाकात किया है उसके बाद अब पहले चरण की बैठक सफल रही है। इसके बाद 2024 में मैक्सिमम जगह पर विपक्ष का एक कैंडिडेट हो उस पर काम किया जा रहा है।