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17-Mar-2022 07:49 AM
PATNA : पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव की पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल (लोजद) का 20 मार्च को राष्ट्रीय जनता दल में विलय किया जाएगा. इस बात की जानकारी खुद शरद यादव ने एक बयान जारी कर किया है. उन्होंने यह भी कहा है कि पूरे देश और आम जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया जा रहा है.
शरद यादव ने कहा कि देश में मौजूदा राजनीतिक स्थिति को देखते हुए बिखरे हुए जनता परिवार को एक साथ लाने के मेरे नियमित प्रयासों की पहल के रूप में यह कदम जरूरी हो गया है. इसलिए वह अपनी पार्टी का राजद में विलय करके लालू और तेजस्वी यादव को मजबूत करेंगे.
शरद यादव ने बयान में कहा है- "एक समय था जब वर्ष 1989 में अकेले जनता दल के पास लोकसभा में 143 सीटें थीं. जनता दल परिवार ने अतीत में विशेष रूप से मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करने के बाद विभिन्न सरकारों के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इसके बाद, देश में वंचित वर्गों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में काफी उत्थान देखने को मिला है."

शरद यादव ने कहा है कि जनता दल (यूनाइटेड) से अलग होने के बाद मई, 2018 में उन्होंने अपनी पार्टी लोजद का गठन किया था. उन्होंने दावा किया कि भाजपा सरकार विफल रही है और लोग एक मजबूत विपक्ष की तलाश कर रहे हैं. शरद यादव ने कहा कि आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद ने 1997 में जनता दल छोड़ दिया था और इसके नेतृत्व के साथ अपने मतभेदों के कारण अपनी पार्टी बनाई थी.
बता दें कि शरद यादव के राज्यसभा का कार्यकाल जुलाई 2022 में समाप्त हो रहा है. मालूम हो कि 2017 में नीतीश कुमार महागठबंधन से जब एनडीए में आए थे तो शरद यादव ने उनका साथ देने से मना कर दिया था. इसके बाद जेडीयू की तरफ से उनकी राज्यसभा सदस्यता समाप्त करा दी गई थी.
लंबे समय से बीमार चल रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री व एलजेडी चीफ शरद यादव का स्वास्थ्य धीरे-धीरे ठीक अब हो रहा है. ऐसे में वे जल्द सक्रिय राजनीति में लौट सकते हैं. चर्चा है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव उनको राज्यसभा भेज सकते हैं. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने भी तेजस्वी यादव से अपील की थी कि शरद यादव को राज्यसभा भेजें क्योंकि उनके पास घर नहीं है.