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19-Dec-2022 11:12 AM
PATNA : बिहार में इन दिनों शराब को लेकर राजनीतिक लड़ाई छिड़ी हुई है। एक तरफ विपक्षी दल इसे सरकार के नाकामयाबी से जोड़ कर देख रही है. तो वहीं दूसरी तरफ बिहार में सत्तारूढ़ सरकार इसको लेकर विपक्षी दलों के नेता को अपने घर में झांकने को कह रही है। सत्तारूढ़ दल के नेता ग्राफ के जरिए पुरे देश में शराब पीने से हुई मौत का आकड़ा दिखाकर बिहार की तुलना भाजपा शासित राज्यों से करने की सलाह दे रहे हैं और साथ में यह भी याद दिला रहे हैं कि, आपके द्वारा भी शराबबंदी में बढ़- चढ़कर समर्थन किया गया था।
दरअसल, बिहार में विपक्ष की भूमिका रही भाजपा के कई प्रमुख नेतायों द्वारा छपरा जहरीली शराबकांड को लेकर बिहार सरकार पर हमला बोला जा रहा है। इसके साथ ही इनके द्वारा मृतक के परिजनों को मुयाबजा देने की मांग भी उठाई जा रही है। वहीं, इस पुरे मामले को लेकर अब जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह की डाटा देकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। जेडीयू नेता ने भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी को ट्ववीट में टैग करते हुए लिखा है कि, ' श्री सुशील कुमार मोदी जी, जहरीली शराब बनाना और पिलाना एक अपराधिक प्रवृत्ति है जो अपराध की श्रेणी में आता है। यह सिर्फ सारण की घटना नहीं है, पूरे देश की घटनाएं है। कुछ बोलने से पहले देशभर का अकड़ा देखिए। भाजपा सहित पुरा बिहार मानव श्रृंखला बनाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया था, ध्यान है न...!
बता दें कि, जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने अपने ट्वीट में जो डाटा दिया है उसमें मध्य प्रदेश, कर्नाटक, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, गुजरात, छत्तीसगढ़, बिहार,आंध्रप्रदेश, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी और दिल्ली में शराब पीने से अबतक कितने लोगों की जान गई है, उसका सम्पूर्ण खाखा उपलब्ध किया है। इस डेटा के अनुसार 2016 में 1054 लोग, 2017 में 1510 लोग,2018 में 1365 लोग, 2019 में 1296 लोग और 2020 में 947 लोगों की जान शराब पीने की वजह से गई है। सबसे बड़ी बात यह है कि, इस डाटा के अनुसार बिहार में 2016 से लेकर 2021 में मात्र 23 लोगों की जान गई है।
गौरतलब हो कि, बिहार के सारण में जहरीली शराब से मौतों का सिलसिला पांचवे दिन भी थमा नहीं है। अबतक यहां 100 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। इसके साथ ही अब यहां आंखों की रोशनी गंवाने वालों की संख्या बढ़ने लगी। मशरक में रविवार को एक व्यक्ति की आंखों की रोशनी छिन गयी। अब 31 लोगों की रोशनी छिन चुकी है।