Bihar road accident : NH-22 पर आमने-सामने टक्कर, दो की मौके पर मौत, दो गंभीर रूप से घायल; पीएमसीएच रेफर Bihar Teacher News: वेतन पर सवाल पूछना बना अपराध? व्हाट्सएप ग्रुप में चर्चा पर शिक्षकों को शो-कॉज नोटिस, पटना में 5 शिक्षकों को अब देना होगा जवाब Vande Bharat Sleeper Train: बिहार के इस स्टेशन पर रुकेगी दिल्ली पटना वंदे भारत स्लीपर ट्रेन, यात्रियों में जबर्दस्त उत्साह Bihar Deputy CM : उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी का बड़ा बयान: बोले—60 फीसदी अपराध जेल से, माफिया को नहीं मिलेगी कोई राहत Bihar government : बिहार सरकार ने अधिकारियों और कर्मचारियों को दी चेतावनी, अगर नहीं किया यह काम तो दर्ज होगा FIR Vijay Kumar Sinha : पटना को बनाया जाएगा मॉडल राजस्व जिला, भूमि विवादों का त्वरित निपटारा सुनिश्चित करने के निर्देश; एक्शन में विजय सिन्हा Bihar Police Recruitment 2026 : अगले साल बिहार पुलिस में बड़ी भर्ती, सूबे को मिलेंगे 45 हजार सिपाही और 1,799 दारोगा; बढ़ रही महिलाओं की भागीदारी Delhi High Court : B.Ed डिग्रीधारी टीजीटी और पीजीटी पदों के लिए पात्र, हाईकोर्ट का बड़ा फैसला; इनलोगों को मिलेगी बड़ी राहत success story : BPSC से UPSC तक: इसे कहते हैं सफलता, IPS बनी गांव की बेटी; जानिए क्या है इनका पूरा प्रोफाइल Sarkari Naukri: बिहार के युवाओं के पास IMD में नौकरी पाने का मौका, आज आवेदन की अंतिम तिथि
20-Jan-2024 02:44 PM
By FIRST BIHAR
PATNA: लंबी छुट्टी मनाकर लौटे शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक काम पर वापस लौटते ही जबरदस्त एक्शन में आये हैं. पाठक ने सर्दी और शीतलहर के कारण स्कूलों को बंद करने के आदेश को अवैध करार दिया है. केके पाठक ने सभी जिलाधिकारियों से पूछा है कि बिहार में कैसी सर्दी या शीतलहर चल रही है जो सिर्फ स्कूलों पर ही गिर रही है, कोचिंग संस्थानों पर नहीं. लेकिन शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के पत्र बाद दो जिलों में डीएम ने सर्दी और शीतलहर के कारण स्कूलों को और ज्यादा समय तक बंद रखने का आदेश जारी कर दिया है.
गया और नालंदा में स्कूल बंद रखने के आदेश
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने सरकारी स्कूलों को तत्काल खोलने के साथ साथ उनकी टाइमिंग में कोई फेरबदल नहीं करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा है कि स्कूलों को लेकर कोई फैसला करने से पहले शिक्षा विभाग से अनुमति ली जानी चाहिये. लेकिन उनके पत्र के बाद बिहार के दो जिलाधिकारियों ने सर्दी औऱ शीतलहर के कारण स्कूलों को बंद रखने की अवधि बढ़ा दी है.
नालंदा के जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने 20 जनवरी को स्कूलों को बंद करने का आदेश जारी किया है. जिलाधिकारी के आदेश में कहा गया है कि जिले में ठंढ़ और कम तापमान के कारण बच्चों के स्वास्थ्य और जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है. ऐसे में नालंदा जिले के सभी निजी, सरकारी स्कूल के साथ साथ प्री स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों को 23 जनवरी तक बंद रखने का आदेश दिया जाता है. स्कूलों में 8वीं तक के क्लास नहीं चलेंगे. वहीं, 9वीं से उपर के क्लास 9 बजे सुबह से दोपहर के साढ़े तीन बजे तक चलेंगे.
उधर, गया के जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन एस.एन. ने जिले में स्कूलों को बंद रखने का आदेश 24 जनवरी तक बढ़ा दिया है. डीएम ने कहा है कि 20 जनवरी तक स्कूलों को बंद रखने के आदेश को 24 जनवरी तक बढ़ाया जाता है. ना सिर्फ सरकारी स्कूल बल्कि निजी स्कूलों के साथ साथ कोचिंग संस्थान भी बंद रहेंगे. 8वीं तक के क्लास नहीं चलेंगे. वहीं, 9वीं से उपर के क्लास दिन के 10.45 से 3 बजे के बीच ही चलेंगे. गया के डीएम ने ये आदेश 19 जनवरी 2024 को जारी किया है.
बता दें कि बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने बिहार के सारे कमिश्नर को पत्र लिख कर जिलों में स्कूल बंद कराने के आदेश को तुरंत वापस लेने का कहा है. केके पाठक के पत्र में कहा गया है कि पिछले दिनों सर्दी और शीतलहर के चलते विभिन्न जिलों में भांति-भाति के आदेश जिला प्रशासन द्वारा निर्गत किये गए. इन आदेशों को देखने से यह प्रतीत होता है कि ये आदेश धारा-144 के तहत किए गए हैं. केके पाठक ने कहा है कि धारा-144 के तहत विद्यालय बन्द किया जाना एक गंभीर और वैधानिक मामला बन जाता है.
केके पाठक ने कहा है कि जब प्रशासन कानून की कोई धारा को लागू करते है तो तो यह ख्याल रहना चाहिए कि इसके तहत पारित आदेश न्यायिक पैमाने पर खरा उतरे. ये भी उल्लेखनीय है कि "Judicial order must stand the muster of equity." यानी कि न्यायिक आदेश समान परिस्थिति में सभी पर समान रूप से लागू होना चाहिए.
केके पाठक के पत्र में कहा गया है कि जिला पदाधिकारियों ने जिस तरह का आदेश धारा-144 में पारित किया है, उसमें केवल विद्यालयों को ही बन्द किया गया है. लेकिन अन्य संस्थानों मामलों का जिक्र नहीं किया गया है. जैसे कि जिले के कोचिंग संस्थाओं, सिनेमा हॉल, मॉल, दुकानें, व्यावसायिक संस्थानों की गतिविधियों या समयावधि को नियंत्रित नहीं किया गया है.
केके पाठक ने सारे कमिश्नर को कहा है कि स्कूल बंद कराने वाले जिला प्रशासन से यह पूछा जा सकता है कि ये कैसी सदी या शीतलहर है. जो केवल विद्यालयों में ही गिरती है और कोचिंग संस्थाओं में नहीं गिरती है. उल्लेखनीय है कि इन कोचिंग संस्थाओं या Tuition Classes में हमारे ही विद्यालयों के बच्चे कक्षा-4 से लेकर कक्षा-12 तक पढ़ने जाते हैं.
पाठक ने सारे कमिश्नर को कहा है कि वे जिला प्रशासन को ये कहा दिया जाए कि जब वे सर्दी या शीतलहर के चलते कोई आदेश निकालते हैं, तो वह पूरे जिले पर समान रूप से लागू किया जाना चाहिए. इस प्रकार का आदेश निकालते समय कृपया एकरूपता और समरूपता को ध्यान में रखा जाए.
स्कूल बंद करने का आदेश वापस लें
केके पाठक ने सारे कमिश्नर को कहा है कि है कि पिछले दिनों आपके क्षेत्र के अन्तर्गत जहां भी इस प्रकार का आदेश निकाला गया है, उसे वापस लिया जाए. जहां तक सरकारी विद्यालयों का सवाल है, शिक्षा विभाग ने इन विद्यालयों की समयावधि 9 AM से 5 PM तय कर रखी है. इस समयावधि को बदलने के संबध में कोई भी आदेश निकालने के पहले शिक्षा विभाग की पहले से अनुमति जरूर प्राप्त कर ली जाए. केके पाठक ने कहा है कि बात-बात पर विद्यालयों को बंद रखने की परम्परा पर रोक लगनी चाहिए.