ब्रेकिंग न्यूज़

तमिलनाडु से बिहार आ रहा दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग, महाबलीपुरम में 10 साल से हो रहा था निर्माण, इतने रूपये लगे बनाने में Bihar News: बिहार में अब ऐसे शिक्षकों का काटा जाएगा वेतन, इस जिले से शिक्षा विभाग का एक्शन शुरू बेतिया में ITBP जवान ने खुद को गोली मारी, मौके पर ही मौत, घटना का कारण पता लगाने में जुटी पुलिस रोहतास में 9 फीट का मिला अजगर, देखने के लिए उमड़ी भारी भीड़, स्नेक कैचर ने किया रेस्क्यू Bihar News: बिहार के इस जिले में SSP का ताबड़तोड़ एक्शन, 24 घंटे में 40 अपराधी गिरफ्तार Bihar Assembly Election 2025 : बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) को सम्मानित करेगी BJP, जानिए क्या है पार्टी का पूरा प्लान BSSC CGL-4 : BSSC CGL-4 और ऑफिस अटेंडेंट भर्ती 2025 में वैकेंसी बढ़ी, अब आवेदन की अंतिम तिथि 24 नवंबर Lalganj Sarai accident : लालगंज–सराय मार्ग पर बाइक टक्कर, एक युवक की मौत, दो गंभीर रूप से घायल Domestic Gas Cost : अब सिलेंडर भराने की टेंशन खत्म, दिसंबर से घर-घर पीएनजी (पाइप्ड नेचुरल गैस) सप्लाई शुरू Bihar News: VVCP छात्रवृत्ति परीक्षा में इतने छात्रों की भागीदारी, करियर काउंसलिंग कार्यक्रम हुआ सफल

कनकई नदी का कटाव शुरू, लोग अपने आशियाना तोड़ने को मजबूर

कनकई नदी का कटाव शुरू, लोग अपने आशियाना तोड़ने को मजबूर

25-Jun-2021 03:54 PM

By Tahsin Ali

PURNEA: बायसी अनुमंडल में एक बार फिर से कनकई नदी का कटाव शुरू हो गया है। जिसके कारण लोग कई जगहों पर लोग अपने आशियाने को तोड़ रहे हैं। कटाव के कारण अब लोग यहां पलायन कर रहे हैं। मामला अमौर प्रखंड के नगरा टोला की है। जहां लोग अपने पक्के मकान पर हथौड़ा चला रहे हैं। एक-एक पैसे इक्टठा कर लोगों ने आशियाने को बनाया और आज कटाव के कारण इसे तोड़ने को विवश हैं।


कनकई नदीं के कटाव के कारण यह कई गावों के लोग परेशान हैं। महिलाए नदी किनारे टीन के शेड के नीचे रहने को मजबूर हैं। लोगों में अब भी कनकई नदी का दहशत देखने को मिल रहा है। नगरा टोला के लोगों का कहना है कि कनकई नदी ने नगरा टाला में 2017 और 2020 में भारी तबाही मचायी थी।   



इस दौरान प्राथमिक स्कूल समेत करीब 70 घर नदी में विलीन हो गये थे।  अबकी बार कनकई नदी घर के नजदीक आ पहुंची है। सैलाब और कटाव के कहर से बचने के लिए लोग अपने ही बनाए घरों को तोड़कर  सुरक्षित जगह की तलाश में निकल पड़े हैं। यदि अभी घर नही तोड़ेंगे तो एक माह बाद यही घर नदी में समा जायेगा। नदी किनारे रहने वाले लोगों का कहना है कि अब तक उन्हें किसी तरह की सरकारी लाभ नहीं मिल पायी है। 



अमौर के विधायक अखतरुल ईमान कहते हैं कि नेपाल और बंगाल होकर सोनापुर से फाबिसगंज तक बहने वाली सभी नदियां आकर अमौर और बायसी में मिलती है। जिसके कारण यहां सबसे अधिक कटाव होता है लेकिन इस समस्या पर सरकार की नजर नहीं है। हालांकि कि उन्होंने इस मुद्दे को सदन से लेकर मुख्यमंत्री और आलाधिकारियों तक रखा था। यहां अबतक नाव तक उपलब्ध नहीं कराया गया है जिसे लेकर लोग काफी परेशान हैं इनकी सुनने वाला कोई नहीं है।