रात के अंधेरे में खाली होने लगा राबड़ी आवास, सामान शिफ्ट करने का वीडियो आया सामने अब चिराग की नजर बंगाल और असम पर, विधानसभा चुनाव प्रभारी बने सांसद राजेश वर्मा शिवहर: कपकपाती ठंड में मां ने बेटी को फेंका, पुआल के ढेर पर मिली 2 माह की बच्ची जहानाबाद में शराबबंदी की खुली पोल, नाली सफाई के दौरान सैकड़ों शराब की खाली बोतलें बरामद 9 महीने बाद अपनो से हुई मुलाकात, प्रयागराज से मिली मां और बेटी,परिवार में खुशी का माहौल Makar Sankranti 2026: मकर संक्रांति पर बन रहे दो दुर्लभ संयोग, शुभ मुहूर्त में जरूर करें यह काम Makar Sankranti 2026: मकर संक्रांति पर बन रहे दो दुर्लभ संयोग, शुभ मुहूर्त में जरूर करें यह काम BSF Recruitment: BSF में इतने पदों पर निकली भर्ती, ऐसे करें आवेदन; जानिए.. कब है लास्ट डेट? BSF Recruitment: BSF में इतने पदों पर निकली भर्ती, ऐसे करें आवेदन; जानिए.. कब है लास्ट डेट? Bihar Education News: बिहार में शिक्षकों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर आया बड़ा अपडेट, क्या बोले शिक्षा मंत्री सुनील कुमार?
17-Dec-2020 01:55 PM
PATNA : बिहार में नई एनडीए सरकार के 1 महीने पूरे होने के साथ गठबंधन में शामिल पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी धीरे-धीरे अपने तेवर कड़े करते जा रहे हैं. मांझी लगातार प्रेशर पॉलिटिक्स की राह पर आगे बढ़ते दिख रहे हैं. कभी जनता दल यूनाइटेड तो कभी बीजेपी के ऊपर वह अलग-अलग मुद्दों को लेकर दबाव की राजनीति कर रहे हैं. जीतन राम मांझी ने आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सबसे महत्वाकांक्षी शराबबंदी योजना को लेकर नया दांव खेला है.
पूर्व मंत्री जीतन राम मांझी ने नीतीश कुमार से कहा है कि वह बिहार में शराबबंदी कानून के तहत छोटी गलती के लिए 3 महीने से जेल में बंद गरीबों को जमानत दिलवाने की व्यवस्था करें. मांझी ने कहा है कि गरीबों के परिवार के मुखिया जेल में बंद हैं और उनके बच्चे भूखे हैं .ऐसे गरीबों को जेल से बाहर लाने के लिए सरकार को पहल करनी चाहिए. हालांकि बिहार में शराबबंदी को सख्ती से लागू करने के लिए मुख्यमंत्री को बधाई देते हैं, लेकिन जो छोटी गलती के कारण 3 महीने से जेल में बंद हैं उन्हें जमानत पर बाहर आना चाहिए.
बेरोजगारों को रोजगार देने की मांग
इससे पहले जीतन राम मांझी ने कहा था कि उन्होंने सीएम रहते बेरोजगारों को रोजगार देने की योजना शुरू की थी लेकिन नीतीश कुमार ने उसे फाइलों में लटका दिया. हम कुछ दिन और मुख्यमंत्री होते तो बेरोजगार जिन्हें नौकरी का मौका नहीं मिला. ठेकेदारी में आरक्षण 75 लाख तक निश्चित देते पर अफसोस कि सरकार ने 25 से 50 लाख किया पर अभी भी संचिका में ही है. यदि 75 लाख आरक्षण दिया जाता तो युवा युक्तियां अपने परिवार के लिए ठेकेदारी के माध्यम से काम करते है. बेरोजगारों को 5 हजार बेरोजगारी भत्ता, किसानों को 5 एकड़ जमीन तक मुफ्त बिजली, गरीबों को घर बनाने के लिए 5 डिसमिल जमीन और खेती के लिए एक एकड़ जमीन जमीन देने का लक्ष्य रखा था. वे इस सरकार से भी मांग करेंगे कि इसे पूरा किया जाये. जीतन राम मांझी ने कहा कि अनुसूचित जाति के लोगों के लिए नयी योजनायें चलाना और उनके हितों की रक्षा करना हम पार्टी की प्राथमिकता है.