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29-May-2022 05:05 PM
PATNA: राज्यसभा चुनाव में जेडीयू के अंदर का खेला दिलचस्प होता जा रहा है. जेडीयू ने रविवार को शाम 4 बजे राज्यसभा चुनाव के उम्मीदवार के नाम का एलान करने के लिए प्रेस कांफ्रेंस बुलायी थी. पूरी मीडिया 5 बजे तक इंतजार करती रही. पार्टी ऑफिस में जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा मौजूद थे. वे बंद कमरे में बैठे रहे. शाम 5 बजे ललन सिंह अचानक से पार्टी ऑफिस से निकल गये. मीडिया ने पूछा कि कौन जा रहा है राज्यसभा. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह बोले-मुझे खुद ही पता नहीं कि राज्यसभा में कौन उम्मीदवार होगा.
जेडीयू का ड्रामा
ये चर्चा आम है कि जेडीयू इस चुनाव में मौजूदा केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह का पत्ता काटने वाली है. सियासी गलियारे में अटकलों का बाजार गर्म है. नीतीश कुमार के आवास पर लगातार गुप्त बैठकें हुई औऱ फिर ये एलान किया गया कि रविवार 29 मई को शाम चार बजे जेडीयू की प्रेस कांफ्रेंस होगी. प्रेस कांफ्रेंस में उम्मीदवार के नाम का एलान किया जायेगा. जेडीयू के प्रदेश कार्यालय में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा लगभग साढ़े तीन बजे ही आ पहुंचे थे. उनके समर्थक कार्यालय परिसर में ही दावा करने में लगे थे कि आरसीपी बाबू गये. लेकिन ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा जेडीयू कार्यालय के कमरे में जा बैठे.
बाहर प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार कह रहे थे कि पार्टी का राज्यसभा उम्मीदवार दमदार, शानदार और जानदार होगा. नीरज कुमार ललन सिंह के खास माने जाते हैं. मीडिया के लोग नीरज कुमार से पूछ रहे थे कि आपकी पार्टी में कौन है जो दमदार, शानदार औऱ जानदार है. लेकिन नीरज नाम नहीं बता रहे थे. वैसे उनका इशारा भी यही था कि आरसीपी बाबू गये. लेकिन सारे कयासों पर पानी तब फिर गया जब ललन सिंह अचानक पार्टी ऑफिस से बाहर निकले औऱ गाड़ी में बैठ कर निकल गये. उसी दौरान मीडिया ने उन्हें घेरा. ललन सिंह बोले-जब उम्मीदवार तय हो जायेगा तो आपको बता दिया जायेगा. अभी तो मुझे ही उम्मीदवार का नाम नहीं मालूम है. मीडिया के लोग पूछ रहे थे कि जब नाम ही नहीं मालूम तो फिर प्रेस कांफ्रेंस क्यों बुलायी थी. ललन सिंह इस सवाल का जवाब दिये बगैर रवाना हो गये.
पस्त हो गया हौंसला
सवाल ये उठ रहा है कि क्या आरसीपी सिंह को पैदल कर देने का बीड़ा उठाने वाले जेडीयू नेताओं के हौंसले पस्त हो गये हैं. ये जगजाहिर है कि केंद्र में मंत्री न बन पाने के मलाल के बाद ललन सिंह के रिश्ते आरसीपी सिंह से कैसे हैं. चर्चा यही होती रही है कि जेडीयू में शामिल होकर नीतीश कुमार का उत्तराधिकारी बनने का प्लान बना रहे उपेंद्र कुशवाहा भी आरसीपी सिंह का पत्ता साफ होने का ही इंतजार कर रहे हैं. कहा तो ये भी गया कि नीतीश कुमार भी आरसीपी सिंह से पल्ला झाडना चाहते हैं. लेकिन तब भी ये सवाल उठा कि क्या नीतीश कुमार के लिए आरसीपी सिंह से पल्ला झाड़ पाना आसान होगा. आज जो ड्रामा हुआ उससे तो यही मैसैज जा रहा है कि आरसीपी सिंह को सड़क पर ले आना आसान नहीं है.
नामांकन खत्म होने में दो दिन बाकी
सबसे दिलचस्प बात ये भी है कि राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन समाप्त होने में सिर्फ दो दिन बचे हैं. 31 मई को बिहार से राज्यसभा की पांच सीटों के लिए नामांकन का आखिरी दिन है. 29 मई बीत चुका है और जेडीयू अपने उम्मीदवार के नाम का एलान नहीं कर पाया है. राज्यसभा चुनाव का नामांकन शुरू होने से पहले ही जेडीयू ने एक औऱ ड्रामा किया था. पहली दफे जेडीयू के मंत्रियों-विधायकों की बैठक हुई और उसमें प्रस्ताव पारित कर नीतीश कुमार को राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार चुनने का अधिकार दे दिया गया. नीतीश पिछले 17 सालों से बिहार की सत्ता में हैं. आज तक राज्यसभा से लेकर विधान परिषद, लोकसभा औऱ विधानसभा के लिए उम्मीदवार का चयन वही करते आय़े हैं लेकिन अब तक कोई बैठक कर उन्हें उम्मीदवार चुनने के लिए अधिकृत नहीं किया गया था. इस बार नीतीश बकायदा अधिकृत हुए लेकिन उम्मीदवार क्यों नहीं चुन पा रहे हैं. लाख रूपये का ये सवाल सियासी गलियारे में चर्चा का विषय बना हुआ है.