DRDO Humanoid Robot: बॉर्डर के लिए तैयार किए जा रहे 'आयरन मैन', जवानों की सुरक्षा के साथ दुश्मनों की बर्बादी की पूरी तैयारी Bihar News: सरकारी सिस्टम में बड़ी लापरवाही? 15 अफसरों को मिला नोटिस, 7 दिन में देना होगा जवाब! Bihar News: राज्य के 15 इंजीनियरिंग कॉलेजों में विदेशी भाषा की पढ़ाई शुरू, वैश्विक नौकरी होगी अब और भी आसान Bihar job update : बिहार में जल्द होगी 22,089 नर्सों की बहाली, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय का ऐलान Bihar News: रिश्वत में वाशिंग मशीन और कैश लेते गिरफ्तार हुए दारोगा साहेब, निगरानी ने कुछ ऐसे दबोचा Cooperative Banks loan in Bihar: बिहार के 15 जिलों में खुलेंगे सहकारी बैंक, एक लाख लोगों को मिलेगा लोन Boycott Turkish Products: भारत में शुरू हुआ तुर्की का आर्थिक बहिष्कार, 2023 में हमारी दरियादिली देखी, अब भुगतो नाराजगी बिहार में नहीं थम रहा भूमि विवाद का मामला: मुजफ्फरपुर में जमीन कारोबारी की हत्या, दूसरे की हालत गंभीर CBSE Board 12th Result 2025: गोल इंस्टीट्यूट के छात्र-छात्राओं ने लहराया परचम PATNA: बिहार के शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों के लिए अच्छी खबर, वेतन भुगतान के लिए 28 अरब से अधिक की राशि जारी
04-Dec-2022 06:13 PM
PATNA: लंबे इंतजार के बाद बिहार में आगामी 7 जनवरी से जातीय जनगणना की शुरूआत होने जा रही है। जातीय जनगणना में हुई देरी को लेकर बीजेपी ने नीतीश सरकार पर निशाना साधा है। बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा है कि बिहार में जातीय जनगणना कराने के लिए सभी दलों ने समर्थन किया था इसके बावजूद इसमें 6 महीने का विलंब हो गया। अगर यही काम पहले हो गया होता तो आज बिहार में निकाय चुनाव भी हो गए होते और आरक्षण को लेकर सरकार की फजीहत भी नहीं हुई होती। संजय जायसवाल ने कहा कि अब जब राज्य में जातीय जनगणना होने जा रही है तो सरकार सर्वदलीय बैठक बुलाकर इसकी जानकारी दे। वहीं उन्होंने महागठबंधन के चुनावी घोषणा पत्र में किए वादों की याद सरकार को दिलाई।
संजय जायसवाल ने बिहार में 7 जनवरी से शुरू हो रहे जातीय गणना पर कहा कि गणना शुरू करने के पहले सरकार सर्वदलीय बैठक बुलाए। सर्वदलीय बैठक बुलाकर सभी दलों की स्वीकृति के बाद गणना कराने का निर्णय भी हुआ था। सभी दलों को यह जानने का हक है कि गणना कैसे होगी। उन्होंने कहा कि भाजपा के दो प्रश्न हैं कि गणना में रोहिंगियों और बांग्लादेशियों को कैसे अलग रखा जायेगा और अगड़ी जातियों को जो पिछड़ी जाति में रखा गया उसका क्या होगा, यह जानने का हक राज्य की जनता को भी है।
उन्होंने कहा कि महागठबंधन के चुनावी घोषणा पत्र में जो वादे किए गए थे उसे सरकार पूरा करे। चुनावी घोषणा पत्र में पहले कैबिनेट की बैठक में 10 लाख लोगों को नौकरी देने का वादा किया गया था, लेकिन 10 बैठक हो गई यह वादा पूरा नहीं हुआ। परीक्षा आवेदन पर फीस माफ करने और परीक्षा केंद्र तक जाने पर किराया देने का वादा किया गया था। इसके आलावा समान काम के लिए समान वेतन देने का भी भरोसा जनता को दिया गया था, लेकिन अब तक कोई वादा पूरा नहीं हुआ।
संजय जायसवाल ने दावा करते हुए कहा कि इस सरकार में जो भी नियुक्ति पत्र बांटे गए वह एनडीए काल के थे। सीटीईटी और बीटीईटी के अभ्यर्थी नियुक्ति के लिए अभी भी भटक रहे, जबकि इनकी नियुक्ति का फैसला एनडीए काल में ही हो गया था। जायसवाल ने महागठबंधन में शामिल दलों के घोषणा पत्र पर भी सवाल उठाया और कहा कि भाजपा के घोषणा पत्र में मुफ्त कोरोना टीका देने, राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्थानीय भाषा को शामिल करने, 3.50 लाख शिक्षकों को नियुक्ति देने का वादा किया गया था, जो पूरा किया गया। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार सीटीईटी और बीटीईटी अभ्यर्थियों की जल्द नियुक्ति की जाए नहीं तो भाजपा सड़कों पर उतरेगी।