पटना में नगर निगम की लापरवाही से खुला मेनहोल बना जानलेवा, नाले में गिरा बच्चा पहली उड़ान बनी आखिरी सफर, सऊदी नौकरी पर निकले युवक ने फ्लाइट में दम तोड़ा, विदेश में नौकरी का सपना रह गया अधूरा जमुई में नक्सलियों की बड़ी साजिश नाकाम, जंगल से 24 सिलेंडर बम बरामद भागलपुर-हंसडीहा मुख्य मार्ग पर भीषण सड़क हादसा, महिला की मौत, 6 की हालत गंभीर Patna News: पटना एयरपोर्ट के लिए जारी हुआ नया आदेश, उल्लंघन किया तो होगी कड़ी कार्रवाई बेगूसराय में टला बड़ा हादसा: चलती ट्रेन के इंजन में लगी आग, यात्रियों ने कूदकर बचायी अपनी जान गांधी सेतु पर ट्रक और पिलर के बीच फंसा बाइक सवार, ट्रैफिक पुलिस ने किया रेस्क्यू AI in election: AI की चालबाज़ी से उलझे बिहार के वोटर! फर्जी कॉल्स-Deepfake से फैला भ्रम, अब चुनाव आयोग कसेगा शिकंजा! प्यार के लिए लड़का बना लड़की, अब पति किन्नर से शादी की जिद पर अड़ा Bihar politics : तेजस्वी ने किया 'महिला संवाद' पर हमला, जदयू का पलटवार...क्या महिलाओं की तरक्की से डरते हैं नेता प्रतिपक्ष?
09-Nov-2022 01:37 PM
By RAKESH KUMAR
ARA : भोजपुर जिले की सुरक्षा जिन पुलिस के जवानों के ऊपर है, आज वो खुद अपने थाने में असुरक्षित है। दरअसल, आरा शहर के नवादा थाना में स्थित जर्जर भवन इस कदर खंडहर में तब्दील हो गई है कि वहां कभी भी अनहोनी हो सकती है। जर्जर भवन देखने से यह प्रतीत होता है कि पुलिस जवान ही अब असुरक्षित दिखने लगे हैं।
बिल्डिंग की स्थिति इतनी जर्जर है कि कब गिर जाए यह कोई नहीं जानता। नवादा थाना में कार्यरत कुछ जवान उसी जर्जर बिल्डिंग में अपनी जान जोखिम में डालकर रहते हैं। जबकि कुछ जवान शहर स्थित एक निजी स्कूल के बिल्डिंग में रहते है। बताया जाता है कि नवादा थाना में कुल 26 जवान कार्यरत है, जिसमें एक दर्जन पुलिसकर्मी नवादा थाना क्षेत्र स्थित एक निजी स्कूल में रूम ले कर रहा करते है और एक दर्जन जवान नवादा थाना में स्थित जर्जर बिल्डिंग में ही रहते हैं। जिसको लेकर उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
निजी स्कूल में रहने वाले जवान अपने ठिकाने को लेकर दर-दर भटक रहे हैं। फिर भी इनका कोई इंतजाम नहीं हो पा रहा है। भोजपुर जिले में ऐसे बहुत से थाने है, जहां अपना खुद का भवन नही है और न ही जवानों के रहने की कोई व्यस्था सरकार के द्वारा कराई गई है। बिहार के मुखिया नीतीश कुमार भले ही लाख दावे कर लें कि बिहार पुलिस को उनकी सरकार ने हाईटेक बना दिया है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। भोजपुर जिले में कई ऐसे थाने है जो आज भी झोपड़ी नुमा में चल रहे हैं। जैसे खवासपुर ओपी, धोबहां ओपी, हसनबाजार ओपी, चांदी थाना, बहोरानपुर ओपी, सिन्हा ओपी, कृष्णगढ़ थाना सहित कई ऐसे थाने है जहां खुद का भवन न होने से थानों में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसमें से कई थाने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आते हैं, जिसके कारण बाढ़ के दिनों में उनका संपर्क जिला मुख्यालय से कट जाता है और जवानों को अपना ठिकाना कहीं और देखना पड़ता है।