Bihar News: बिहार में बिजली स्टोरेज को लेकर नई क्रांति, 15 ग्रिड सब-स्टेशनों में शुरू हुआ काम Bihar News: छात्रा की मौत के बाद पटना पुलिस पर पत्थराव, सब-इंस्पेक्टर घायल; सड़क जाम Patna sex racket : पटना के इस इलाके में डिजिटल तरीके से हो रहा था गलत काम, व्हाट्सऐप पर भेजी जाती थी हसीन लड़कियों की तस्वीरें Rahul Gandhi Bihar : मिथिला की धरती पर वोटर अधिकार यात्रा, माता जानकी से लिया आशीर्वाद TERRORIST IN BIHAR : राहुल और तेजस्वी की यात्रा के बीच बिहार में हाई अलर्ट, नेपाल के रास्ते बिहार में घुसे 3 आतंकी Bihar Weather: आज बिहार के दर्जन भर जिलों में वर्षा का अलर्ट, मौसम विभाग ने जारी की लिस्ट Patna News: न्यायमूर्ति पीबी बजंथरी को मिली पटना हाईकोर्ट की जिम्मेदारी, विपुल एम पंचोली को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति Bihar News: निगरानी विभाग के हत्थे चढ़े औरंगाबाद के दारोगा, इतने हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार Bihar News: ड्रोन गिरने से महाबोधि मंदिर कार्यालय में मचा कोहराम, जांच शुरू Bihar Bhumi: जमीन के फर्जी कागजात मिलने पर दर्ज होगा क्रिमिनल केस, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने पुलिस को दिया आदेश....
15-Dec-2022 08:51 AM
PATNA: बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा लगाए जाने वाले जनता दरबार में सबसे अधिक मामला भूमि एवम राजस्व विभाग से ही आता है। जिसके बाद अब इसको लेकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री आलोक मेहता ने बड़ा फैसला लिया है।
विभागीय मंत्री ने बताया है कि, मुख्यमंत्री जनता दरबार के अलावा हर रोज विभाग में 100 से अधिक शिकायतें आ रही है। ऐसे में अब म्यूटेशन, परिमार्जन आदि विभाग के जितने भी काम हैं उनके आवेदनों के निस्तारण में जानबूझकर देरी अपराध माना जायेगा। इसको लेकर सभी जिलों के डीएम-एडीएम को इस संबंध में राजस्व कर्मियों पदाधिकारियों की रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। इसमें साफ तौर पर यह कहा गया है कि, यदि थोड़ी सी भी गड़बड़ी मिली तो कार्रवाई तय है। इसके साथ ही समय पर न्यायपूर्ण तरीके से आवेदनों का निस्तारण करने वाले 50 सीओ को पुरस्कृत किया जायेगा।
बता दें कि, इसको लेकर जो समय तय किया गया है, उसके मुताबिक किसी भी लंबित मामलों का निस्तारण दो से तीन माह में करना है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि अधिकारी आवेदनों को खारिज कर दें। किसी भी आवेदन को निरस्त करने का वैध कारण देना होगा। जो अफसर ऐसा नहीं करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई हाेगी।
आलोक मेहता ने साफ तौर पर यह निर्देश दिया है कि, लंबित मामले निस्तारित कराना प्राथमिकता है। इसके साथ ही प्रशिक्षण पूरा कर राजस्वकर्मी पंचायतों में तैनात कर दिये जायेंगे। करीब 80 फीसदी पंचायत में कर्मचारी नियुक्त हो जायेंगे। इसके बाद जरूरी मामलों में नियम आदि बदलाव किया जायेगा। राजस्व कोर्ट विधिवत और समय से फैसला दें यह सुनिश्चित किया जायेगा।
गौरतलब हो कि, इससे पहले भी खुद विभागीय मंत्री आलोक मेहता ने काम में लापरवाही बरतने वाले 9 सीओ को निलंबित किया गया है। 12 के खिलाफ विभागीय कार्यवाही चल रही है। राजस्व मंत्री ने दो टूक कहा कि जनता की पेरशानी की कीमत पर अधिकारियों को बख्शा नहीं जायेगा। शिकायतें मिल रही हैं कि राजस्वकर्मी- पदाधिकारी लोगों सेे अच्छा व्यवहार नहीं करते।।यह बहुत गंभीर मामला है।