Bihar News: 2030 तक बदलेगी पूर्व मध्य रेलवे की तस्वीर, पटना जंक्शन सहित बड़े स्टेशनों की क्षमता होगी दोगुनी; रेलवे ने बनाया बड़ा प्लान

Bihar News: पूर्व मध्य रेलवे ने 2030 तक गया जंक्शन सहित कई बड़े स्टेशनों की संचालन क्षमता दोगुनी करने की योजना बनाई है। नई रेल लाइनों और टर्मिनलों के विस्तार से यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी।

1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Mon, 29 Dec 2025 12:46:17 PM IST

Bihar News

प्रतिकात्मक - फ़ोटो Google

Bihar News: रेल यात्रियों की लगातार बढ़ती संख्या और रेल यातायात के बढ़ते दबाव को देखते हुए पूर्व मध्य रेलवे ने एक महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है। इसके तहत गया जंक्शन सहित क्षेत्र के कई प्रमुख स्टेशनों की संचालन क्षमता अगले पांच वर्षों में दोगुनी की जाएगी। रेलवे का लक्ष्य वर्ष 2030 तक इस योजना को पूरी तरह लागू करने का है, जिसके लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, नई रेल लाइनों के निर्माण और कोचिंग टर्मिनलों के विस्तार पर विशेष जोर दिया जा रहा है।


भीड़ से जूझते प्लेटफॉर्म, ट्रेनों के लंबे इंतजार और यात्रियों की असुविधाएं अब धीरे-धीरे बीते दिनों की बात बनने वाली हैं। रेलवे के इस कदम से न केवल ट्रेनों की संख्या बढ़ेगी, बल्कि यात्रियों को भीड़ से राहत और बेहतर सुविधाएं भी मिलेंगी। आने वाले वर्षों में बिहार का रेल नेटवर्क पहले से कहीं अधिक सक्षम, आधुनिक और सुचारु होने की उम्मीद है।


पूर्व मध्य रेलवे के अंतर्गत आने वाले गया, पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन, पटना, मुजफ्फरपुर और दरभंगा जैसे महत्वपूर्ण स्टेशनों को भविष्य की जरूरतों के अनुसार विकसित किया जा रहा है। इन स्टेशनों से होकर गुजरने वाली रेल लाइनों पर यात्री और माल ढुलाई दोनों में तेजी से वृद्धि हुई है। इसी को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने इन जंक्शनों की ट्रेन संचालन क्षमता को मौजूदा स्तर से दोगुना करने का निर्णय लिया है।


पूर्व मध्य रेलवे की मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सरस्वती चंद्रा के अनुसार, यह योजना रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के विजन का हिस्सा है। इसका उद्देश्य बढ़ती यात्री संख्या को बेहतर तरीके से संभालना और स्टेशनों पर भीड़ की समस्या को कम करना है। रेल मंत्री के निर्देश पर विभिन्न शहरों में कोचिंग टर्मिनलों का विस्तार किया जा रहा है और अनुभागीय व परिचालन क्षमताओं को लगातार बढ़ाया जा रहा है, ताकि रेलवे नेटवर्क को आधुनिक बनाया जा सके।


इस पूरी योजना का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन से झाझा के बीच तीसरी और चौथी रेल लाइन का निर्माण है। लगभग 400 किलोमीटर लंबे इस व्यस्त रेल खंड पर नई लाइनों के निर्माण के लिए करीब 17 हजार करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। रेलवे सूत्रों के मुताबिक, इस परियोजना की प्रक्रिया अगले कुछ महीनों में शुरू हो जाएगी, जिससे इस मार्ग पर ट्रेनों की आवाजाही कहीं अधिक सुचारु हो सकेगी।


धार्मिक और पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण गया जंक्शन पर इस योजना का सीधा असर देखने को मिलेगा। बोधगया और पितृपक्ष मेले के दौरान यहां यात्रियों की संख्या कई गुना बढ़ जाती है। संचालन क्षमता दोगुनी होने से विशेष ट्रेनों के संचालन, समयबद्ध परिचालन और प्लेटफॉर्म प्रबंधन में बड़ा सुधार होगा। वहीं पटना, डीडीयू और अन्य बड़े जंक्शनों पर भी ट्रेनों की लेटलतीफी कम होने और कनेक्टिविटी बेहतर होने की उम्मीद है।


रेलवे अधिकारियों का मानना है कि यह निवेश केवल ट्रेनों की संख्या बढ़ाने तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे क्षेत्रीय विकास को भी नई गति मिलेगी और पूर्व मध्य रेलवे का नेटवर्क देश के सबसे मजबूत रेल कॉरिडोर में शामिल हो सकेगा।