MUZAFFARPUR: HAM के प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक, संतोष सुमन बोले..विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी को बनाया जाएगा मजबूत BIHAR: ग्रामीण कार्य विभाग की बड़ी कार्रवाई: वित्तीय अनियमितता और लापरवाही के आरोप में 2 इंजीनियर सस्पेंड, अन्य पर भी गिरेगी गाज Bihar Crime News: दिनदहाड़े कार सवार से 5 लाख की लूट, बहन की शादी के लिए कर्ज लेकर जा रहा था घर स्वामी सहजानंद सरस्वती के नाम पर बिहटा एयरपोर्ट रखने की मांग, युवा चेतना के संयोजक ने नागरिक उड्डयन मंत्री से की मुलाकात TCH एदुसर्व ने किया ऐलान: BPSC TRE-4.0, CTET और STET के लिए नए बैच की शुरुआत, सीमित सीटें, जल्द कराए नामांकन गोपालगंज से बड़ी खबर: नहाने के दौरान गंडक नदी में डूबे 3 बच्चे, तलाश जारी Bihar Co Suspend: 'मंत्री' को गलत जानकारी देना CO को पड़ा महंगा, दो अधिकारी सस्पेंड CHAPRA: शहीद इम्तियाज को श्रद्धांजलि देने घर पहुंचे VIP के प्रतिनिधिमंडल, परिजनों से मिलकर हरसंभव मदद का दिया भरोसा BIHAR: जहानाबाद जेल में तैनात महिला सिपाही ने की आत्महत्या, कटिहार की रहने वाली थी शिवानी, एक महीने में यह तीसरी घटना Bihar News: 30 मई को बिहार दौरे पर नरेंद्र मोदी, इस एयरपोर्ट का करेंगे उद्घाटन; सासाराम में बड़ी जनसभा में होंगे शामिल
01-Dec-2024 09:38 AM
By First Bihar
PATNA : बिहार के पिछले कुछ दिनों से भूमि सर्वें के काम पर रोक लगा दी गई है। इसके बाद अब इसको लेकर ताजा अपडेट जारी किया है। सरकार ने जमीन की मापी पर रैयतों को सहूलियत दिया है, अब बिना दाखिल खारिज के भी जमीन माफ़ी करवाया जा सकता है। इसके साथ ही कई अन्य तरह की भी जानकारी दी गई है।
दरअसल, जमीन मापी के लिए रैयतों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जमीन मालिक प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाने पर मजबूर हैं, लेकिन अब राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने इस समस्या को देखते हुए जमीन की मापी पर रैयतों को सहूलियत दिया है कि अगर आपकी जमीन का दाखिल खारिज (म्यूटेशन) नहीं भी हुआ है तो आप जमीन मापी के लिए ब्योरा देकर आवेदन कर सकते हैं। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बैठक कर यह निर्देश दिया है कि बिना जमाबंदी के भी जमीन नापी हो इसका प्रावधान किया जाए।
इस निर्देश को ऐसे समझा जा सकता है कि जमीन का किसी कारणवश म्यूटेशन नहीं हुआ है और आप अपनी जमीन की मापी करना चाहते हैं तो ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं, लेकिन समय पर जमीन मापी के लिए फीस भुगतान करना होगा, नहीं तो आपके आवेदन को निरस्त कर दिया जाएगा। इसके लिए 60 दिनों के समय का निर्धारण किया गया है।
इसके साथ ही विभाग ने अब कोर्ट में लंबित और सरकारी जमीनों की मापी करने के लिए भी निर्देश दिया है। दीपक कुमार ने कहा है कि राज्य के रैयतों की मापी के लिए ऑनलाइन आवेदन देने की सुविधा तो दी गई है, लेकिन सरकारी भूमि, न्यायालय के तरफ से पारित आदेश, विधि व्यवस्था से संबंधित मामले एवं लोक शिकायत निवारण में पारित मामलों की मापी का प्रावधान नहीं लाया गया था इसे भी अब उन जमीन को भी ई-मापी पोर्टल के ड्रॉप डाउन में जोड़ा जाएगा।
बैठक में यह निदेश भी दिया गया कि ई-मापी को भू-अभिलेख पोर्टल से अविलंब जोड़ दिया जाए. इससे रैयतों की अपनी जमीन की मापी की सत्यापित प्रति पाने में सहूलियत होगी. पहले जो जमीन की मापी हो रही थी वह सभी रैयती भूमि से संबंधित मामले हैं. इनमें सरकारी भूमि की मापी का मामला शामिल नहीं है. इसलिए अब अंचल अधिकारी या सरकारी अधिकारी भी ऑनलाइन आवेदन करके सरकारी भूमि की मापी करवा सकते हैं।