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09-Aug-2023 09:34 PM
By First Bihar
PATNA : बिहार के अंदर शिक्षा विभाग में अपर मुख्य सचिव की जिम्मेवारी निभाने वाले आईएएस अधिकारी के. के. पाठक को बड़ी राहत मिली है। पटना हाईकोर्ट ने केके पाठक को बिहार में 32540 सहायक शिक्षकों की नियुक्ति से जुड़े अवमानना के एक मामले में राहत दी है। कोर्ट ने इन्हें सशरीर हाजिर होने से मुक्त कर दिया है।
दरअसल , जस्टिस पी बी बजनथ्री की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने विजेंद्र कुमार सिंह द्वारा दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने इन्हें अवमानना मामले में आरोप तय करने के लिए व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में हाजिर होने से मुक्त कर दिया है।
मालूम हो कि, यह पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में राज्य में 32540 सहायक शिक्षकों की नियुक्ति से जुड़ा हुआ है। 2016 में हाइकोर्ट की एक खंडपीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि उपरोक्त 32540 सीटों में से जितने भी सीट खाली बची हुई हैं उन्हें एक बार की प्रक्रिया में भर दिया जाये। उस दौरान करीब हजार मामले ऐसे थे जिसमें कई सहायक शिक्षकों की नियुक्तियां फर्जी दस्तावेज के आधार पर हुई थी।
हाइकोर्ट ने निर्देश दिया था कि फर्जीवाड़े से नियुक्त हुए शिक्षकों को निकालने के बाद वैसी हजार रिक्तियां बची हुई मानी जायेगी। इसीलिए अन्य अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों की जांच 3 महीने में करते हुए उन हजार उम्मीदवारों से भरने का निर्देश हाइकोर्ट ने दिया था। लेकिन, इस आदेश के 7 साल होने के बावजूद हाइकोर्ट ने पाया कि राज्य सरकार ने उक्त आदेश के अनुपालन में एक भी नियुक्ति पत्र जारी नहीं किया है। जिसके बाद बीते 25 जुलाई को इसी खंडपीठ ने सरकार के इस रवैया पर नाराजगी जाहिर करते हुए अपर मुख्य सचिव के के पाठक को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया थ।