ब्रेकिंग न्यूज़

Hate Speech Case: हेट स्पीच मामले में कोर्ट ने अब्बास अंसारी को ठहराया दोषी, थोड़ी देर में सजा का ऐलान Hate Speech Case: हेट स्पीच मामले में कोर्ट ने अब्बास अंसारी को ठहराया दोषी, थोड़ी देर में सजा का ऐलान IPL 2025: "समझो RCB ने ट्रॉफी उठा ली है..", पूर्व स्टार क्रिकेटर की भविष्यवाणी ने सोशल मीडिया पर मचाया तहलका Parenting Tips: अगर आप भी बनाना चाहते हैं अपने बच्चे को सफल और खुशहाल तो पढ़िए पूरी रिपोर्ट! Bihar News: दर्दनाक सड़क हादसे में दो लोगों की मौत, बिजली के पोल से टकराई तेज रफ्तार बाइक Rahul Gandhi Bihar Visit: राहुल गांधी के बिहार दौरे की तारीख तय, नीतीश के गढ़ में इस दिन करेंगे सम्मेलन; OBC-EBC वोट में सेंधमारी की कोशिश Rahul Gandhi Bihar Visit: राहुल गांधी के बिहार दौरे की तारीख तय, नीतीश के गढ़ में इस दिन करेंगे सम्मेलन; OBC-EBC वोट में सेंधमारी की कोशिश Bollywood: साँपों की शौकीन हैं बॉलीवुड की यह हसीना, घर में एक खूंखार पाइथन रखने की बात कितनी सच? Bihar ring road: बिहार के इस जिले में बनेगी नई रिंग रोड ,डीएम ने दिया भूमि अधिग्रहण का आदेश Government job update : इस राज्य में 7वीं और 10वीं पास के लिए सरकारी नौकरी का सुनहरा मौका! जानिए पूरी जानकारी।

Lord Hanuman: हनुमान जी को कैसे करें प्रसन्न, जानें क्यों इन्हें कहा जाता है चिरंजीवी?

Lord Hanuman: हनुमान जी को कैसे करें प्रसन्न, जानें क्यों इन्हें कहा जाता है चिरंजीवी?

30-Dec-2024 10:54 PM

By First Bihar

Lord Hanuman: सनातन धर्म में मंगलवार का दिन भगवान हनुमान जी को समर्पित है। इस दिन श्रद्धालु भक्ति-भाव से उनकी पूजा-अर्चना करते हैं और व्रत रखते हैं। धार्मिक मान्यता है कि हनुमान जी की उपासना से साधक के सभी कष्ट और बाधाएं दूर होती हैं, साथ ही जीवन में सुख, सौभाग्य और शांति की प्राप्ति होती है।


हनुमान जी को कई नामों से जाना जाता है, जिनमें से एक प्रमुख नाम "चिरंजीवी" है। यह नाम उनकी अमरता और शक्ति का प्रतीक है। आइए जानते हैं, हनुमान जी को चिरंजीवी क्यों कहा जाता है और इसके पीछे की कथा।


हनुमान जी को चिरंजीवी कहे जाने का कारण

हनुमान जी को चिरंजीवी (अजर-अमर) होने का वरदान स्वयं माता सीता और भगवान श्रीराम ने दिया था। तुलसीदास जी ने अपनी अमर रचना रामचरितमानस के सुंदरकांड में इस वरदान का वर्णन किया है।


जब लंका में रावण ने माता सीता का हरण कर उन्हें अशोक वाटिका में रखा, तब भगवान श्रीराम ने हनुमान जी को माता सीता की खोज के लिए भेजा। हनुमान जी लंका पहुंचे और अशोक वाटिका में माता सीता से भेंट की।


माता सीता ने उन्हें पहचानने के लिए भगवान श्रीराम की अंगूठी दी। हनुमान जी ने माता सीता को श्रीराम का संदेश सुनाया और उनकी चिंता प्रकट की। माता सीता हनुमान जी की भक्ति और समर्पण से भाव-विभोर हो गईं और उन्हें अमर होने का वरदान दिया।


श्लोक में इस घटना का वर्णन इस प्रकार है:

अजर अमर गुननिधि सुत होहू।

करहुँ बहुत रघुनायक छोहू॥


इसका अर्थ है:

"हे पुत्र! तुम अजर और अमर रहो। तुम गुणों की खान हो और भगवान श्रीराम की कृपा सदैव तुम पर बनी रहे।"


हनुमान जी की अमरता का प्रतीक

हनुमान जी को चिरंजीवी होने का वरदान उनकी असीम भक्ति, साहस और निस्वार्थ सेवा के कारण प्राप्त हुआ। यह वरदान यह सुनिश्चित करता है कि हनुमान जी हर युग में भक्तों के साथ रहेंगे और उनके संकटों को दूर करेंगे।


मंगलवार की पूजा का महत्व

हनुमान जी की पूजा मंगलवार को विशेष फलदायी मानी जाती है। ज्योतिष के अनुसार, यह दिन हनुमान जी की आराधना करने और उनके आशीर्वाद से जीवन के सभी संकटों से मुक्ति पाने के लिए श्रेष्ठ है।


इस दिन भक्त:

हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करते हैं।

श्रीराम के नामों का जाप करते हैं।

व्रत रखते हैं और श्रद्धा से हनुमान जी की कथा सुनते हैं।


हनुमान जी के अन्य चिरंजीवी स्वरूप

हनुमान जी के चिरंजीवी होने का अर्थ केवल उनकी शारीरिक अमरता नहीं, बल्कि यह भी है कि वे भक्तों के हृदय में सदैव निवास करते हैं। उनकी उपस्थिति हर युग और हर समय में धर्म की रक्षा के लिए मानी जाती है।

मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा और उनके चिरंजीवी स्वरूप को स्मरण करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और साधक पर भगवान श्रीराम और हनुमान जी की कृपा सदा बनी रहती है।