ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Crime News: बिहार में घरेलू कलह ने लिया हिंसक रूप, दांतों से पति की जीभ काटकर निगल गई पत्नी Bihar Crime News: बिहार में घरेलू कलह ने लिया हिंसक रूप, दांतों से पति की जीभ काटकर निगल गई पत्नी Bihar Transport: फिटनेस का फुल स्पीड खेल ! बिहार के ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर 'प्रमाण पत्र' जारी करने में देश भर में बना रहे रिकॉर्ड, गाड़ियों की जांच के नाम पर 'फोटो फ्रॉड इंडस्ट्री' ? Bihar Politics: SIR के मुद्दे पर तेजस्वी के साथ खडे हुए JDU सांसद, निर्वाचन आयोग के फैसले को बताया तुगलकी फरमान Bihar Politics: SIR के मुद्दे पर तेजस्वी के साथ खडे हुए JDU सांसद, निर्वाचन आयोग के फैसले को बताया तुगलकी फरमान बेगूसराय में 22 वर्षीया विवाहिता ने फांसी लगाकर की आत्महत्या, कुछ महीने पहले यूपी में हुई थी शादी Bihar News: मोतिहारी में नदी से अज्ञात महिला का शव बरामद, गाँव में मचा हड़कंप Bihar Assembly Monsoon session: पूर्व विधायक मिश्रीलाल यादव ने स्पीकर को लिखा पत्र, विधानसभा सदस्यता बहाल करने की मांग Bihar Assembly Monsoon session: पूर्व विधायक मिश्रीलाल यादव ने स्पीकर को लिखा पत्र, विधानसभा सदस्यता बहाल करने की मांग Bihar News: तकरार के बाद प्यार ! विधान सभा में विपक्ष से भिड़ंत के बाद मैदान में साथ उतरे 'विजय' व 'अशोक'

बिहार: हाथ में ऑक्सीजन सिलेंडर, गोद में मासूम, सुनने वाला कोई नहीं!

बिहार: हाथ में ऑक्सीजन सिलेंडर, गोद में मासूम, सुनने वाला कोई नहीं!

07-Mar-2021 07:47 PM

By RAMESH SHANKAR

SAMASTIPUR: बिहार में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर सरकार कई दावे करती है लेकिन इसकी जमीनी हकीकत जानेंगे तो आप भी हैरान रह जाएंगे। जी हां हम बात कर रहे हैं समस्तीपुर सदर अस्पताल की जहां बीमार बच्ची को लेकर पहुंचे परिजन हाथ में ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर अस्पताल में भटकते रहे लेकिन इन पर ना तो किसी भी कर्मचारी की नजर पड़ी और ना ही किसी अधिकारी का ही ध्यान गया।  


समस्तीपुर सदर अस्पताल आए शख्स के हाथों में ऑक्सीजन सिलेंडर और महिला की गोद में मासूम है जो इलाज के लिए सदर अस्पताल का चक्कर लगा रहे हैं। इस तरह की तस्वीर सरकार के दावों की पोल खोलने को काफी है। यह तस्वीर स्वास्थ्य व्यवस्था की सच्चाई को बयां कर रही है। अपने कलेजे के टूकडे़ को महिला गोद में ली हुईं हैं वही एक युवक ऑक्सीजन सिलेंडर साथ लेकर अस्पताल का चक्कर लगा रहा है लेकिन इस दौरान ना तो अस्पताल के किसी कर्मचारी ने उन्हें स्ट्रेचर उपलब्ध कराया और ना ही उनकी कोई मदद ही की गई।

बताया जाता है कि मोरवा प्रखंड अस्पताल से बच्चे का इलाज कराने समस्तीपुर सदर अस्पताल आये थे तभी इसी दौरान मोरवा अस्पताल की ओर से एबुंलेंस की जगह सिर्फ ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराया गया। जिसके बाद प्राइवेट कार से बच्ची को लेकर सदर अस्पताल पहुंचे। जहां हाथ में ऑक्सीजन और बच्चे को लिए अस्पताल में काफी देऱ तक भटकता रहे। ऐसे में सवाल यह उठता है कि इस दौरान बच्चे को कुछ होता तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होती? इस सम्बंध में जब सिविल सर्जन से बात करने की कोशिश की गई तो रविवार होने की वजह से कैमरा पर कुछ भी बोलने को तैयार नही हुए। हालांकि फोन पर उन्होंने इसे अस्पताल के कर्मचारियों की लापरवाही बताते हुए इसकी जांच किए जाने और ऑन ड्यूटी स्टाफ पर कार्रवाई की बात कही।