Success Story: कौन हैं पटना के नए IG जितेंद्र राणा? जानिए... ‘नो नॉनसेंस’ IPS की सफलता की कहानी IND vs ENG: लापरवाह फील्डरों पर बुमराह ने तोड़ी चुप्पी, 6 कैच छूटने पर युवाओं को दी खास सलाह Bihar Flood: लगातार बारिश से उफान पर बागमती नदी, कई जिलों के लिए खतरे की घंटी Bihar News: भोजपुरी सुरों की रानी 'बिजली रानी' की किडनी खराब... इलाज के लिए मांगी सरकारी मदद, बीजेपी MLC ने डिप्टी CM से की बात..हर संभव मदद का भरोसा Bihar Ips Transfer: बिहार के सात IPS अफसरों का ट्रांसफर, जितेन्द्र राणा को पटना आईजी की कमान, एक SP भी बदले गए, पूरी लिस्ट देखें... Iran-Israel: ₹3.55 लाख करोड़ का व्यापार दांव पर, ईरान-इजरायल जंग में फंस गया भारत Life Style: किडनी में हुई पथरी को चूर-चूर कर बाहर निकालेगी ये हरे पत्तों की चाय, जाने... कैसे करें सेवन? INDvsENG: पोप ने बताया क्या है इंग्लैंड का लक्ष्य, किस भारतीय बल्लेबाज के डर से कांप रहे अंग्रेज? Bihar News: अंतिम संस्कार और श्राद्ध कर्म के बाद घर लौटी महिला, बिहार में अजब-गजब चमत्कार Bihar News: अनियंत्रित ट्रक ने तोड़ा रेलवे हाईटगेज, टला बड़ा हादसा; परिचालन घंटों तक बाधित
28-May-2020 06:44 PM
PATNA : पूर्व केंद्रीय मंत्री और समाजवादी नेता स्वर्गीय जॉर्ज फर्नांडिस को उनके पुराने सहयोगी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सम्मान दिया है. नीतीश सरकार ने बिहार में जॉर्ज फर्नांडिस की जयंती को राजकीय समारोह के तौर पर मनाने का निर्णय लिया है. नीतीश कैबिनेट की आज हुई महत्वपूर्ण बैठक में इस फैसले पर मुहर लग गई.
बिहार सरकार ने फैसला किया है कि 3 जून को जॉर्ज साहब की जयंती मुजफ्फरपुर में राजकीय समारोह के तौर पर मनाई जाएगी. कभी नीतीश कुमार के राजनीतिक गुरु रहे जॉर्ज फर्नांडिस को उनकी तरफ से यह बड़ी श्रद्धांजलि है.
29 जनवरी 2019 को जॉर्ज फर्नांडिस का 89 साल की उम्र निधन हो गया था. वह काफी लंबे समय से अल्जाइमर रोग से पीड़ित थे. नेता जॉर्ज फर्नांडिस के निधन की खबर सुनते ही दुखी हो गए और जदयू कार्यालय में जॉर्ज की तस्वीर पर श्रद्धांजलि देने के बाद फफक-फफककर रो पड़े थे. आपातकाल के दौर में जॉर्ज फर्नांडिस को 1976 में जेल में डाल दिया गया था. इसके बाद वह 1977 का लोकसभा चुनाव जेल में रहते हुए ही बिहार की मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़े और रिकॉर्ड मतों से जीतकर संसद पहुंचे. जनता पार्टी की बनी सरकार में वो मंत्री बने. उन्होंने समता पार्टी का गठन किया, जिसका बाद में जेडीयू में विलय कर दिया गया. वो राजनीतिक जीवन में 9 बार सांसद चुने गए. नीतीश कुमार उनके साथ लंबे समय तक काम किए. लेकिन 2009 में लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उनको टिकट नहीं दिया. जिससे नाराज होकर उन्होंने मुजफ्फरपुर से निर्दलीय ही चुनाव लड़ा, लेकिन वह हार गए. बाद में उनको पार्टी ने राज्यसभा भेज दिया था.