ब्रेकिंग न्यूज़

मधुबनी में मुखिया के घर पर 3 दर्जन बदमाशों ने किया हमला, ग्रामीणों ने 6 को दबोचा, मोबाइल और बाइक बरामद Sushant Singh Rajput के साथ यह फिल्म बनाना चाहते थे अनुराग कश्यप, कहा "अब होता है पछतावा.." Sarkari Naukri: बिहार के युवाओं के पास सरकारी नौकरी पाने का बढ़िया मौका, 218 पदों पर इस दिन से आवेदन प्रक्रिया शुरू; सैलरी 1,31,000 तक ट्रोलर्स के टारगेट पर होते हैं ज्यादातर मुस्लिम क्रिकेटर्स? Mohammed Shami ने किया खुलासा.. पूर्णिया में ऑपरेशन के दौरान महिला की मौत, गुस्साए परिजनों ने किया जमकर हंगामा, कार्रवाई की मांग ISM पटना में खेल सप्ताह का शुभारंभ, 'Pinnacle' में 25 टीमें ले रही हैं भाग कटिहार के बरारी में NDA का शक्ति प्रदर्शन, विधानसभा चुनाव से पहले कार्यकर्ता सम्मेलन में जुटे सभी घटक दलों के दिग्गज PURNEA: बेलगाम ट्रक ने 12 साल के छात्र को कुचला, मौत से गुस्साए ग्रामीणों ने किया सड़क जाम हंगामा BIHAR CRIME : रेल लाइन के पास मिला अज्ञात युवक का शव, हत्या या हादसा? जांच में जुटी पुलिस Samrat chaudhary: विकास को लेकर एक्टिव है NDA सरकार, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने किए बड़े ऐलान

फ्रेंचाइजी बांटने वाली ग्रेजुएट चाय वाली का नया ड्रामा, अतिक्रमण हटा तो बोली.. पटना में तो शराब बिक रही

फ्रेंचाइजी बांटने वाली ग्रेजुएट चाय वाली का नया ड्रामा, अतिक्रमण हटा तो बोली.. पटना में तो शराब बिक रही

15-Nov-2022 12:53 PM

PATNA : राजधानी पटना में एक लड़की ने जब ग्रेजुएट चायवाली के नाम से ठेला लगाया था तो खूब सुर्खियां बनी थी. इस लड़की के काम की चर्चा हुई थी और लोग इस बात की तारीफ कर रहे थे कि स्वरोजगार की दिशा में ग्रेजुएट होने के बावजूद इस लड़की ने चाय बेचने का फैसला किया, लेकिन थोड़े ही दिन बाद ग्रेजुएट चाय वाली ने अपना ठिकाना बदल लिया. पटना विमेंस कॉलेज से हटाकर अपने स्टॉल को बोरिंग रोड जैसे पॉश इलाके में ले गई. अपने काम के साथ-साथ ग्रेजुएट चाय वाली ने सोशल मीडिया खूब सुर्खियां भी बटोरी. हर वक्त चर्चा में रही और एक बार फिर पटना की है ग्रेजुएट चाय वाली चर्चा में है.



दरअसल, पटना के बोरिंग रोड इलाके में सड़क किनारे स्टॉल लगाने वालों की वजह से ट्रैफिक जाम लगा रहता है. स्ट्रीट वेंडर पटना पुलिस और नगर निगम के लिए एक बड़ी चुनौती बने हुए हैं. बार-बार अतिक्रमण हटाने का अभियान चलता है लेकिन स्ट्रीट वेंडर वापस अपना धंधा जमा लेते हैं. पटना के बोरिंग रोड इलाके में पार्किंग एरिया के अंदर स्टॉल लगाने वालों का कब्जा है. आम लोगों को गाड़ियां लगाने में दिक्कत होती है. यह हाल तब है जब नगर निगम ने बोरिंग रोड इलाके में वेंडिंग जोन बना रखा है. ग्रेजुएट चायवाली का स्टॉल भी ऐसे इलाके में है जो वेंडिंग जोन के अंदर नहीं आता. पिछले दिनों अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई हुई थी ग्रेजुएट चाय वाली ने खूब ड्रामा किया था. किसी तरह नगर निगम के अधिकारियों ने आश्वासन दिया और थोड़े दिन के लिए स्टॉल लगाने की इजाजत मिली थी, लेकिन अब एक बार फिर बोरिंग रोड में अतिक्रमण हटाओ अभियान भी हटाया गया. दूसरे की तरह उसको भी नगर निगम ने हटाया इसके विरोध में ड्रामे पर उतर गई है.




ग्रेजुएट चाय वाली प्रियंका गुप्ता ने अपना एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया है. इस वीडियो में वह रोते हुए सरकार पर जाती करने का आरोप लगा रही है. प्रियंका गुप्ता का कहना है कि पटना में कई तरह के इल्लीगल काम होते हैं, शराब बेची जाती है लेकिन उस पर कोई एक्शन नहीं लेता. जबकि एक लड़की जब चाय बेचने का काम करती है तो उसके काम में बार-बार अड़ंगा लगाया जाता है. प्रियंका गुप्ता खुद को मजबूर बताते हुए नगर निगम और अधिकारियों को इस वीडियो में कोस रही है लेकिन इसी दौरान प्रियंका गुप्ता ने एक ऐसा खुलासा कर दिया है जो बताता है कि दरअसल ग्रेजुएट चायवाली के नाम पर ब्रांडिंग कर वह किस कदर अपने कारोबार को कॉरपोरेट शेप दे रही है.



दरअसल सड़क किनारे स्टॉल लगाने वाली ग्रेजुएट चाय वाली ने मीडिया के जरिए जो सुर्खियां बटोरी, सोशल मीडिया पर जिस तरह चर्चा में आई इसका फायदा उठाने के लिए प्रियंका गुप्ता ने फ्रेंचाइजी देना शुरू कर दिया. इसके लिए वह लोगों से पैसे वसूल रही है. पटना में फ्रेंचाइजी देने के लिए प्रियंका किसी दुकान की शर्त नहीं रखती है बल्कि वह स्टॉल लगाने की क्षमता रखने वाले को फ्रेंचाइजी दे रही हैं. इसके लिए पैसे लिए जा रहे हैं. खुद प्रियंका ने अपने वीडियो में यह बात कबूली है. प्रियंका उसने जितने लोगों से फ्रेंचाइजी के लिए पैसे लिए हैं अब वह सबका पैसा लौटाना चाहती है. ऐसे में सवाल उठना लाजमी है, क्या किसी फूड चेन की फ्रेंचाइजी देने के लिए दुकान की शर्त जरूरी नहीं है? क्या वेंडिंग जोन में दुकान लगाने के शर्त फ्रेंचाइजी में नहीं होनी चाहिए क्या प्रिया प्रियंका गुप्ता अपनी तरह पटना के अलग-अलग इलाकों में अतिक्रमण के जरिए अपना फ्रेंचाइजी डिवेलप करना चाहती है और जब नगर निगम कार्यवाही करता है तो लड़की होने का हवाला देकर ग्रेजुएट चायवाली सोशल मीडिया के जरिए वायरल तरीके से सहानुभूति बटोरने में झुक जाती है. सवाल यह भी है कि क्या प्रियंका की तरह इस सड़क किनारे स्टॉल लगाकर रोजी-रोटी कमाने वाले दूसरे लोगों को उसी तरह की छूट नहीं मिलनी चाहिए जैसी प्रियंका को पहले मिलती रही है? अगर बाकी वेंडर्स को ऐसी छूट नहीं मिल सकती तो प्रियंका मैं ऐसा खास क्या है कि उसे नियमों को किनारे रखकर छूट दी जाए. अब देखना होगा कि गिराने के बाद क्या नगर निगम उसके सामने झुक जाता है और प्रियंका वापस अपना स्टॉल उसी जगह पर जमा लेती है.