ब्रेकिंग न्यूज़

दरभंगा में 22 दिसंबर तक स्कूल बंद, कपकपाती ठंड को देखते हुए डीएम ने लिया फैसला बिहार में नहीं थम रहा भूमि विवाद का मामला: बेगूसराय में जमीन के लिए किसान को मारी गोली, हालत गंभीर सारण की अंजली कुशवाहा ने रचा इतिहास, प्रथम प्रयास में BSPHCL परीक्षा में बालिका वर्ग में सर्वोच्च स्थान सारण में आपसी विवाद में महिला पर हमला, इलाज के दौरान मौत, पति ने पट्टीदारों पर हत्या का लगाया आरोप BIHAR: चर्चित सजल अपहरण कांड का खुलासा, मास्टरमाइंड निकला साथ रहने वाला डॉक्टर बिहार की छात्राओं के लिए ‘साथी’ कार्यक्रम की शुरुआत, IIT जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए कोचिंग की व्यवस्था BIHAR: छापेमारी करने गई पुलिस टीम पर शराब तस्करों ने किया हमला, सब इंस्पेक्टर समेत 4 जवान घायल NMSRC-2025 सम्मेलन: शोध, अनुकूलनशीलता और दूरदर्शी सोच पर विशेषज्ञों का जोर बढ़ती ठंड के कारण 21 दिसंबर तक सभी स्कूल बंद, डीएम ने जारी किया आदेश Rajniti Prasad: पूर्व आरजेडी सांसद राजनीति प्रसाद का निधन, 79 वर्ष की आयु में ली आखिरी सांस

फ्लोर टेस्ट से पहले JDU नेता को झटका, हाई कोर्ट ने सदन जाने की नहीं दी अनुमति

फ्लोर टेस्ट से पहले JDU नेता को झटका, हाई कोर्ट ने सदन जाने की नहीं दी अनुमति

10-Feb-2024 06:43 AM

By First Bihar

PATNA: बिहार की एनडीए सरकार को आगामी 12 फरवरी को विधानसभा में अपना बहुमत साबित करना है। सत्ताधारी दल के सभी विधायकों को फ्लोर टेस्ट में शामिल होना है। इसी बीच अवैध संपत्ति अर्जीत करने के मामले में गिरफ्तार जेडीयू एमएलसी राधाचरण साह को पटना हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। जेडीयू एमएलसी ने हाई कोर्ट से फ्लोर टेस्ट में शामिल होने के लिए अनुमति मांगी थी, जिससे कोर्ट ने मना कर दिया है।


दरअसल, जेल में बंद जेडीयू एमएलसी राधाचरण साह ने हाईकोर्ट से 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट के दौरान बिहार विधानमंडल की कार्यवाही में शामिल होने की अनुमति मांगी थी। पटना हाई कोर्ट ने राधाचरण साह की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की। राधाचरण साह के वकील ने विश्वासमत के पहले दोनों सदनों के सदस्यों की होने वाली बैठक में भाग लेने के लिए अनुमति मांगी। 


जिसका विरोध करते हुए केंद्र सरकार के वकील एडिशनल सॉलिसिटर जनरल डॉ. केएन सिंह ने कोर्ट को बताया कि विश्वासमत में पक्ष एवं विपक्ष के विधायक यानी विधानसभा के सदस्य वोट करते हैं। आवेदक विधान परिषद के सदस्य हैं, ऐसे में इन्हें विश्वासमत में वोट देने का अधिकार नहीं है।


हाई कोर्ट की एकलपीठ ने जेडीयू एमएलसी की अर्जी पर कड़ी नाराजगी जताई। कोर्ट ने पूछा कि जब एमएलसी को विश्वासमत की कार्यवाही में भाग नहीं लेना है तो फिर क्यों इसे अतिआवश्यक बताकर सुनवाई का अनुरोध किया गया था।इसके साथ ही हाईकोर्ट ने मामले पर अगली सुनवाई की तारीख 18 मार्च तय की।