Bihar News: बिहार में अवैध बालू खनन पर सख्त कार्रवाई, मद्य निषेध विभाग की मदद से होगी निगरानी Bihar Medical College : बिहार के सभी 38 जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने का ऐलान, सम्राट चौधरी ने 3 साल में पूरा करने की समय सीमा बताई Bihar News: दीघा-एम्स एलिवेटेड रोड से बेली रोड कनेक्शन, नए वैकल्पिक मार्ग से ट्रैफिक घटेगा दबाव Bihar Cabinet Meeting : बिहार कैबिनेट बैठक आज, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में नौकरी, रोजगार और कौशल विकास पर बड़े फैसले होने की संभावना Cancelled Trains: रेलवे ने रद्द की इन रूट्स पर चलने वाली कई ट्रेनें, सफर प्लान करने से पहले यहाँ देखें लिस्ट Sarkari Naukri: बिहार के युवाओं के पास सरकारी नौकरी पाने का बढ़िया अवसर, वेतन ₹1,12,400 तक.. RJD MLA Chandrashekhar : राजद विधायक प्रो. चंद्रशेखर पर रंगदारी का गंभीर आरोप, सदर थाना में केस दर्ज Bihar News: अनाज दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी, RJD उपाध्यक्ष प्रदीप देव गिरफ्तार LIC Recruitment: भारतीय जीवन बीमा निगम में नौकरी पाने का मिल रहा मौका, CTC ₹19 लाख तक Tejashwi Prasad Yadav : नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के आप्त सचिव बदले, खान एवं भू-तत्व विभाग में भी अहम प्रशासनिक नियुक्तियां
20-Nov-2024 07:31 AM
By First Bihar
PATNA : अपने ट्रांसफर के बाद करीब साढ़े 7 सौ फाइल लेकर भागने वाली पटना सदर की पूर्व DCLR मैत्री सिंह के कई और कारनामे सामने आए हैं. DM के आदेश पर मैत्री सिंह के कारनामों की जांच हो रही है और उसमें चौंकाने वाली बातें सामने आ रही हैं.
अब जानकारी मिली है कि पटना सदर अनुमंडल की पूर्व डीसीएलआर मैत्री सिंह 22 अक्टूबर को हुए अपने ट्रांसफर के अगले दिन ही ऑफिस से सोफा-टेबल समेत अन्य सामान ले गई थीं. सामान ले जाने के पहले ऑफिस में लगे सीसीटीवी कैमरे का डीवीआर को खोल दिया गया था, ताकि पूरे मामले की तस्वीर कैद नहीं हो सके. मंगलवार को जांच अधिकारियों ने डीसीएलआर कार्यालय में जब नए सिरे से जांच शुरू की तो कई चौंकानेवाले खुलासे सामने आये.
बता दें कि पटना DM को खबर लगी थी कि DCLR मैत्री सिंह अपने ट्रांसफर के बाद जमीन विवाद से जुड़े करीब साढ़े सात सौ फाइल लेकर चली गई थी. बाद में दलालों के जरिए उन फाइल्स का बैक डेट में निपटारा किया जा रहा था. पटना DM ने जब जांच शुरू करवाई तो करीब पौने तीन सौ फाइल्स दलालों ने ऑफिस में पहुंचाया लेकिन करीब 400 फाइल अब भी गायब है. पटना DM ने इसकी जानकारी राज्य सरकार को देने के बाद 10 सदस्यों की जांच कमेटी बना कर पूर्व DCLR के सारे कारनामों की जांच शुरू कराई है.
मंगलवार को जांच अधिकारियों ने डीसीएलआर कार्यालय के कर्मचारियों से 2 घंटे तक पूछताछ की. कुछ कर्मचारियों ने लिखित तौर पर भी जानकारी दी है, जबकि कई ने पूछताछ में बताया कि 22 अक्टूबर को DCLR मैत्री सिंह का ट्रांसफर हुआ था. उसके अगले दिन यानि 23 अक्टूबर की रात एक इनोवा गाड़ी से कुछ लोग ऑफिस में पहुंचे थे और कार्यालय के महत्वपूर्ण दस्तावेज लेकर चले गए थे.
सोफा-टेबल भी ले गए
जांच टीम को कर्मचारियों ने बताया कि कार्यालय में रखा गया महंगा सोफा टेबल और अन्य सामग्री को भी लोग ले गए.जांच टीम को पता चला कि पूर्व डीसीएलआर ने इन सब सामग्री को अपने स्तर से लगवाया था। इसलिए स्थानांतरण के बाद वे सभी सामान ले गईं। जांच अधिकारी इनसमानों का बिल वाउचर नाजिरसे मांग रहे थे, इस बीच उसने यह खुलासा किया.
DM के आदेश से जांच कर रहे अधिकारी हैरान हैं कि आखिर पूर्व डीसीएलआर ने सरकारी दफ्तर में अपने स्तर से सोफा-टेबल और दूसरे सामान क्यों लगवाया था? इसके लिए पैसा कहां से आए थे? इन सब बिन्दुओं पर जांच चल रही है. डीसीएलआर केकारनामे सामने आने के बाद दलालों के जरिए करीब पौने तीन सौ फाइल्स लौटए गए हैं. उन दस्तावेज की भी छानबीन की जा रही है, जिसमें सदर अनुमंडल क्षेत्र के सैकड़ों जमीन के दाखिल-खारिज और भूमि विवाद से संबंधित संचिका शामिल है. इन फाइल्स पर बैक डेट में ऑर्डर किया गया है.
बगल के कैमरे से पकड़ी गई
बता दें कि पटना सदर की तत्कालीन DCLR मैत्री सिंह का 22 अक्टूबर को ट्रांसफर हुआ था. उसके बाद वे फाइल्स और कंप्यूटर लेकर भाग गई थीं. अब पता चला है कि वे ऑफिस से सोफा और टेबल के साथ साथ CCTV कैमरे का डीवीआर भी ले गईं थीं. 23 अक्टूबर की देर शाम डीसीएलआर कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरे भले ही खोल लिए गए थे लेकिन बगल में स्थित एसडीएम कार्यालय के कैमरे काम कर रहे थे. जांच अधिकारी उस दिन का सीसीटीवी फुटेज खंगाल रहे हैं. उससे कई और अहम बातें सामने आ रही हैं.