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21-Jun-2020 07:44 PM
PATNA : मालगाड़ियों की रफ्तार बढ़ गयी है। मालगाड़ियों की स्पीड बढ़ने से 24 घंटे के बजाए 12 घंटे में ही गंतव्य पर सामान पहुंचाया जा रहा है। देश भर में 55 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से मालगाड़ियों का परिचालन कर पूर्व मध्य रेलवे ने कीर्तिमान स्थापित कर दिया है।
पूर्व मध्य रेल( ईसीआर) के सीपीआरओ राजेश कुमार ने बताया कि 19 एवं 20 जून को क्रमशः 55 एवं 52 किलोमीटर प्रतिघंटा से मालगाड़ियों का परिचालन करते हुए ईसीआर ने दैनिक औसत गति के मामले में भारतीय रेल के सभी 17 क्षेत्रीय रेलों में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। जबकि एक जून से बीस जून तक मालगाड़ियों की मासिक औसत गति 48 किलोमीटर प्रतिघंटा रही । इस तरह दैनिक औसत गति और मासिक औसत गति दोनों दृष्टिकोण से पूरे भारतीय रेल में पूर्व मध्य रेल ने दूसरा स्थान दर्ज हासिल किया है।
सीपीआरओ ने बताया कि पूर्व मध्य रेल का धनबाद मंडल माल लदान के मामले में भारतीय रेल में प्रथम स्थान पर है, जबकि माल लदान के मामले पूर्व मध्य रेल चौथे स्थान (2019-20) पर है । माल परिवहन के दृष्टिकोण से प्रमुख जोन होने के कारण यह उपलब्धि अपने आप में काफी महत्वपूर्ण है । सिर्फ धनबाद मंडल में प्रतिदिन औसतन 80 रेक कोयले की लोडिंग की जाती है । इसके अलावा खाद्यान्न, पेट्रोलियम उत्पाद आदि सामानों की भी आवाजाही होती है ।
राजेश कुमार ने बताया कि मालपरिवहन में लगने वाला समय अब लगभग आधा हो गया है जिससे व्यापारी वर्ग काफी लाभान्वित हो रहे हैं । मालगाड़ी की स्पीड बढ़ जाने से पहले जहां कोई सामान 24 घंटे में पहुंचता था वहीं अब यह 24 घंटे के बदले 12 से 14 घंटा में पहुंच रहा है । यह देश के अर्थव्यवस्था के विकास में मददगार सिद्ध होगा।
उन्होनें बताया कि पूर्व मध्य रेल का प्रयास रहा है कि मेल/एक्सप्रेस की तरह मालगाड़ियों का भी परिचालन बिना किसी अवरोध के किया जा सके । पहले मालगाड़ियों की औसत गति जहां लगभग 20 से 25 किलोमीटर प्रतिघंटा हुआ करती थी, वहीं अब यह 50-55 किलोमीटर प्रतिघंटा तक पहुंच गई है । पिछले दो से तीन वर्षों में रेल अवसंरचना के विकास से जुड़े जो कार्य पूरे किए गए हैं उसका प्रभाव अब मेल/एक्सप्रेस के बाद मालगाड़ियों के परिचालन पर भी दिखने लगा है । इससे परिचालन दक्षता में काफी वृद्धि हुई है।
सीपीआरओ राजेश कुमार ने बताया कि वर्ष 2019-20 में ट्रैकों के नवीनीकरण, दोहरीकरण, विद्युतीकरण जैसे आधारभूत संरचना के विकास से संबंधित कार्य पूरा करते हुए 12 महत्वपूर्ण रेलखंडों में गतिसीमा में वृद्धि की गई है । इस दौरान 429 किलोमीटर विद्युतीकरण कार्य पूर्ण करते हुए, नई लाइन, दोहरीकरण एवं आमान परिवर्तन से जुड़े 252 किलोमीटर का कार्य भी संपन्न किया गया । आधारभूत संरचना से जुड़े ये कार्य पूरा कर लिए जाने का ही परिणाम है कि मेल/एक्सप्रेस के साथ-साथ मालगाड़ियों की गतिसीमा में डेढ़गुणी से दोगुनी तक की वृद्धि की जा सकी है ।