ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar weather : बिहार में ठंड और कोहरे का कहर, इन जिलों में कोल्ड डे घोषित; घना कोहरा का भी अलर्ट Premanand Maharaj: तीर्थ यात्रा पर जाना क्यों जरूरी है? प्रेमानंद महाराज ने दिया जवाब Premanand Maharaj: तीर्थ यात्रा पर जाना क्यों जरूरी है? प्रेमानंद महाराज ने दिया जवाब बिहार में दर्दनाक हादसा: आग तापने के दौरान दम घुटने से दादी-पोती की मौत, मां की हालत गंभीर बिहार में दर्दनाक हादसा: आग तापने के दौरान दम घुटने से दादी-पोती की मौत, मां की हालत गंभीर Patna News: रीलबाज मिली वाइफ अब दोस्त पूछते -सुहागरात कैसे मना ? परेशान हसबैंड ने किया सवाल तो बोली - तुम्हें छोड़ सकती मोबाइल नहीं ... Traffic Plan: बिहार के इस जिले में कलर कोडिंग के साथ ऑटो का परिचालन शुरू, ट्रैफिक रूल तोड़ना पड़ेगा भारी Traffic Plan: बिहार के इस जिले में कलर कोडिंग के साथ ऑटो का परिचालन शुरू, ट्रैफिक रूल तोड़ना पड़ेगा भारी Bihar Crime News : ‘कानून’ के नाम पर लूट! खुद को थाना कर्मी बता दुकानदार से वसूली करते पकड़े गए युवक; ग्रामीणों ने सिखाया सबक बिहार में जानलेवा बनी ठंड: बच्चे की मौत से हड़कंप, जिला प्रशासन पर उठ रहे सवाल

दुनिया छोड़ गए मशहूर शायर मुनव्वर राणा, 71 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

दुनिया छोड़ गए मशहूर शायर मुनव्वर राणा, 71 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

15-Jan-2024 07:19 AM

By First Bihar

DESK : उर्दू साहित्य के मशहूर सितारे मुनव्वर राना इस दुनिया में नहीं रहे। लंबी बीमारी के बाद रविवार को उनका निधन हो गया। राना के इंतकाल पर देश भर में शोक की लहर है। लोग उन्हें उनके ही शेरों को कोट करते हुए याद कर रहे हैं। मां पर लिखी अपनी शानदार शायरी के अलावा मुनव्वर राना ने जिंदगी और मृत्यु को लेकर ढेर सारे शेर लिखे थे। 


दरअसल,  मुनव्वर राणा लंबे समय से बीमार थे। उन्‍हें गले का कैंसर था। उनकी बेटी सोमैया ने बताया कि राणा को सोमवार को उनकी वसीयत के मुताबिक लखनऊ में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा। राणा के परिवार में उनकी पत्नी, पांच बेटियां और एक बेटा है। राना के बेटे तबरेज राणा ने बताया, ‘‘बीमारी के कारण वह कई दिनों से अस्पताल में भर्ती थे। उन्हें पहले लखनऊ के मेदांता और फिर एसजीपीजीआई में भर्ती कराया गया, जहां उन्होंने रविवार रात करीब 11 बजे अंतिम सांस ली। 


मालूम हो कि, मुनव्‍वर राणा का जन्‍म 26 नवंबर, 1952 को उत्तर प्रदेश के रायबरेली में हुआ था।  उन्‍हें उर्दू साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाना जाता है।  2014 में कविता 'शहदाबा' के लिए उन्‍हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उनकी शायरी बेहद सरल शब्दों पर आधारित हुआ करती थी, जिसने उन्हें आम लोगों के बीच लोकप्रिय बनाया। 


उधर, मुनव्वर राणा के निधन पर कई नामचीन हस्तियों ने शोक जताया है. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट कर दुख व्‍यक्‍त किया है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक शेर कोट करते हुए लिखा है- तो अब इस गांव से रिश्ता हमारा खत्म होता है, फिर आंखें खोल ली जाएं कि सपना खत्म होता है।