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14-Aug-2023 07:41 PM
By FIRST BIHAR
PATNA: स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में देश में सबसे बदतर बिहार में दूसरा एम्स बनने की संभावनायें खत्म हो गयी हैं. केंद्र सरकार ने दरभंगा में एम्स बनाने का एलान किया है. राज्य सरकार को उसके लिए जमीन देना है. नीतीश सरकार ने दरभंगा में जो जमीन दी, उसे केंद्र सरकार ने रिजेक्ट कर दिया है. लेकिन आज नीतीश कुमार ने कहा-हमने जो जमीन दी है, वहीं बनाना होगा. नहीं तो आपका जो मन हो करिये. नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार में बैठे लोग फालतू बात कर रहे हैं.
बता दें कि दरभंगा में एम्स बनाने का मामला चार सालों से लटका है. केंद्र सरकार ने 2019 में ही दरभंगा में एम्स खोलने का एलान किया था. लेकिन अब नीतीश कुमार के स्टैंड को देखते हुए ये लगभग साफ हो गया है कि दरभंगा में एम्स नहीं खुलने जा रहा है.
क्या बोले नीतीश?
नीतीश कुमार ने एम्स को लेकर आज मीडिया के सामने बात रखी. उन्होंने कहा कि हम चाहते थे दरभंगा मेडिकल कॉलेज को ही एम्स बना दिया जाये. लेकिन वे तैयार नहीं हुए तो हमने उन्हें शोभन बायपास पर जमीन दी है. वह अच्छी जमीन है और वहां आने जाने में हर जगह के लोगों को सुविधा होगी. लेकिन वे उस जमीन पर एम्स बनाने को तैयार नहीं है. लेकिन हमारा स्टैंड साफ है-अगर आपको करना है तो वहीं बनाना होगा. नहीं तो आपको जो करना हो करिये.
क्यों फंसा है मामला?
दरभंगा में एम्स बनने का मामला जमीन को लेकर अटका है. केंद्र सरकार ने 2019 में जब दरभंगा में एम्स बनाने का फैसला लिया तो नीतीश कुमार ने कहा कि दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल को ही एम्स में अपग्रेड कर दिया जाये. केंद्र सरकार ने कहा कि एम्स को लेकर पूरे देश में जो पॉलिसी है उसके तहत किसी पुराने मेडिकल कॉलेज को एम्स नहीं बनाया जा सकता.
इसके बाद बिहार सरकार ने दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर में ही एम्स बनाने का प्रस्ताव दिया. राज्य सरकार ने कहा कि एम्स के लिए वह करीब डेढ़ सौ एकड़ जमीन दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर में ही दे देगी. केंद्र को 81 एकड़ जमीन भी दे दिया गया. लेकिन पिछले साल अचानक बिहार सरकार ने पलटी मार दिया. बिहार सरकार ने केंद्र को प्रस्ताव भेजा कि वह दरभंगा शहर से बाहर शोभन बायपास में एम्स बनाये. इसके लिए वहां जमीन चिह्नित कर दिया गया. पहले से दरभंगा मेडिकल कॉलेज में दी गयी जमीन को केंद्र सरकार से वापस ले लिया गया.
केंद्र की एक्सपर्ट कमेटी कर चुकी है रिजेक्ट
मामला तब फंसा जब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एक्सपर्ट टीम ने उस जमीन का निरीक्षण किया जो एम्स बनाने के लिए दी गयी है. केंद्र सरकार की टीम ने कहा कि वह जमीन काफी नीचे है. करीब 30 फीट गड्ढ़े में है. पूरा इलाका जलजमाव और बाढ़ वाला इलाका है. उसमें कोई बड़ी इमारत का निर्माण ही नहीं किया जा सकता. लिहाजा उस जमीन पर किसी सूरत में एम्स का निर्माण नहीं हो सकता. केंद्र सरकार ने दूसरी जमीन देने की मांग की.
जेडीयू-राजद सांसदों ने दरभंगा एम्स का विरोध किया
इसी बीच जेडीयू, राजद और कांग्रेस के 15 से ज्यादा सांसदों ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को ज्ञापन देकर दरभंगा में एम्स बनाने का विरोध किया. जेडीयू सांसद दिनेश चंद्र यादव की अगुआई में महागठबंधन के सांसदों ने केंद्र सरकार से सहरसा में एम्स बनाने की मांग की. इन सांसदों ने भी अपने पत्र में कहा कि दरभंगा में एम्स के लिए जो जमीन दी गयी है वह सही नहीं है. हालांकि सांसदों की मांग पर केंद्र सरकार ने दरभंगा में एम्स बनाने का अपना फैसला नहीं बदला.
अब एम्स की गुंजाइश नहीं
केंद्र सरकार साफ कर चुकी है कि राज्य सरकार ने दरभंगा में जो जमीन दी है वह एम्स के निर्माण के लिए सही नहीं है. वहां एम्स नहीं बन सकता. आज नीतीश कुमार ने कह दिया है कि बनाना है तो वहीं बनाओ. वर्ना जो मन में आये वो करो. जाहिर है दरभंगा में एम्स का निर्माण की संभावनायें फिलहाल तो खत्म हो गयी है.