ब्रेकिंग न्यूज़

RBI Vacancy: रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया में नौकरी पाने का बढ़िया मौका, नहीं होगी कोई लिखित परीक्षा Bihar News: बिहार में पिस्टल सटाकर युवक को दी जान से मारने की धमकी, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल; पुलिस छापेमारी में जुटी Bihar News: बिहार BJP के 18वें प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व आज संभालेंगे संजय सरावगी, पटना में खास तैयारी Bihar News: बिहार में अवैध शराब निर्माण का भंडाफोड़, पुलिस ने 4 लोगों को किया गिरफ्तार Bihar News:सोशल मीडिया पर हथियार दिखाना युवक को पड़ा भारी, वायरल वीडियो के बाद पुलिस ने की कार्रवाई Bihar Weather: बिहार में बढ़ने लगी ठंड, पटना समेत कई जिलों में तापमान गिरा रोहतास में भीषण सड़क हादसा: दो बाइकों की आमने-सामने टक्कर में 4 युवकों की दर्दनाक मौत विजिलेंस का ताबड़तोड़ एक्शन: पटना में भ्रष्ट आपूर्ति पदाधिकारी गिरफ्तार, निगरानी ने 10 हजार रुपये घूस लेते दबोचा सहरसा में ट्रैक्टर चालक से दिनदहाड़े एक लाख की छिनतई, चाकू के बल पर बदमाशों ने घटना को दिया अंजाम ट्रेनिंग के दौरान कैसे IAS-IPS अफसरों में हो जाता है प्यार, क्यों बढ़ रही है आपसी शादियों की संख्या

दाखिल खारिज के नियम में हुआ बड़ा बदलाव : अब मनमानी नहीं कर पाएंगे CO

दाखिल खारिज के नियम में हुआ बड़ा बदलाव : अब मनमानी नहीं कर पाएंगे CO

10-May-2024 08:50 AM

By First Bihar

PATNA : बिहार में अब दाखिल-खारिज के किसी आवेदन को अंचल स्तर पर एक बार में सीधे अस्वीकृत नहीं किया जा सकेगा। इसे अस्वीकृत करने से पहले आवेदक से उसका पक्ष जानना होगा। बिना मामले की सुनवाई किए कोई अंचलाधिकारी (सीओ) या राजस्व अधिकारी सिर्फ कारण लिखकर इसे अस्वीकृत नहीं कर पाएगा। इससे संबंधित आदेश राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जारी कर दिया है।


विभाग के अपर मुख्य सचिव ने सभी प्रमंडलीय आयुक्तों और डीएम को पत्र लिखा है। इस पत्र में जिला स्तर पर इस आदेश का पालन अनिवार्य रूप से सीओ और राजस्व अधिकारी से कराने के लिए उन्हें खासतौर पर निदेश दिया गया है। सभी सीओ से भी कहा गया है कि वे इस आदेश का अनुपालन करें और इसके आधार पर ही स्थिति की समीक्षा करें। इस आदेश में कहा गया है कि दाखिल-खारिज का आवेदन अगर एक बार अस्वीकृत हो जाता है, तो आवेदक को इसकी अपील भूमि सुधार उपसमाहर्ता के न्यायालय में करनी पड़ती है। 


जबकि, कई बार कोई दस्तावेज अपठनीय रहने या प्रासंगिक दस्तावेज छूट जाने के कारण भी आवेदन में आपत्तियां लगाई जा सकती हैं। यानी छोटे-मोटे या बिना किसी ठोस कारण के आवेदन को अस्वीकृत नहीं किया जा सकता है। अधिकांश मामलों में देखा जाता है कि अंचल स्तरीय अधिकारी बिना आवेदक का पक्ष जाने आपत्ति लगा कर आवेदन अस्वीकृत कर देते हैं। प्राकृतिक न्याय के दृष्टिकोण से यह आवश्यक है कि किसी भी मामले को अस्वीकृत करने से पहले संबंधित याचिकाकर्ता को आपत्ति की सूचना देते हुए उन्हें अपना पक्ष प्रस्तुत करने का अवसर दिया जाए।


उधर, दाखिल-खारिज अधिनियम के अनुसार, यदि अंचल अधिकारी, कर्मचारी और अंचल निरीक्षक जमीन के दस्तावेज की जांच से संतुष्ट नहीं हैं, तो वह इसकी जांच कर अपना निष्कर्ष लिखेंगे। इसके बाद संबंधित पक्षों को सुनवाई एवं साक्ष्य प्रस्तुत करने का अवसर दिया जाएगा। इसके बाद भी अगर दस्तावेज अधूरे या गलत पाए जाते हैं, तो सीओ सभी संबंधित आधार का उल्लेख करते हुए किसी आवेदन को अस्वीकृत कर सकेंगे।