ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: बिहार में सड़क हादसे में बच्चे की मौत पर बवाल, गुस्साए लोगों ने बस में की तोड़फोड़ Bihar News: बिहार में सड़क हादसे में बच्चे की मौत पर बवाल, गुस्साए लोगों ने बस में की तोड़फोड़ Bihar News: बिहार में सड़क किनारे खड़े ट्रक से टकराया तेज रफ्तार ट्रक, हादसे में ड्राइवर की दर्दनाक मौत Bigg Boss 19: बिग बॉस 19 में फराह खान की एंट्री से बढ़ा टेंशन, बसीर ने नेहल से तोड़ी दोस्ती Patna News: पटना में JDU-BJP दफ्तर के बाहर धारा 163 लागू, अब प्रदर्शन करने वालों की खैर नहीं Patna News: पटना में JDU-BJP दफ्तर के बाहर धारा 163 लागू, अब प्रदर्शन करने वालों की खैर नहीं Bihar News: बिहार सरकार की बड़ी कार्रवाई, 12 अधिकारियों को किया सस्पेंड; क्या है वजह? Bihar News: बिहार सरकार की बड़ी कार्रवाई, 12 अधिकारियों को किया सस्पेंड; क्या है वजह? Road Accident: BPSC परीक्षा देकर लौट रहे युवक की सड़क हादसे में मौत, एक गंभीर रूप से घायल Bihar Crime News: पत्नी से अनबन के बाद युवक की हत्या, बदमाशों ने गोलियों से भूना

कोरोना की पिछली लहर में फर्जी जांच करने वाले सिविल सर्जन औऱ ड़ॉक्टरों को माफी, सरकार ने दोषी पाये जाने के बावजूद कर दिया निलंबन मुक्त

कोरोना की पिछली लहर में फर्जी जांच करने वाले सिविल सर्जन औऱ ड़ॉक्टरों को माफी, सरकार ने दोषी पाये जाने के बावजूद कर दिया निलंबन मुक्त

29-May-2021 06:59 AM

PATNA : कोरोना की पहली लहर के दौरान लोगों की जांच किये बगैर फर्जी रिपोर्ट तैयार करने वाले चार डॉक्टरों को सरकार ने अभयदान दे दिया है. इनमें एक सिविल सर्जन औऱ तीन अन्य डॉक्टर शामिल थे. सरकार कह रही है कि कोरोना की दूसरी लहर में इन डॉक्टरों की जरूरत है, लिहाजा उन्हें निलंबन मुक्त कर दिया गया है. बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने इसकी अधिसूचना निकाली है. सरकार ने कहा है कि जनहित को देखते हुए उन्हें निलंबन मुक्त किया जा रहा है.

स्वास्थ्य विभाग का आदेश

जमुई के तत्कालीन सिविल सर्जन औऱ तीन अन्य डॉक्टरों की निलंबन मुक्ति को लेकर स्वास्थ्य महकमे की ओऱ से जारी आदेश में कहा गया है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 की जांच में अनियमितता बरतने, जांच से संबंधित डेटा को सही से नहीं भेजने और अपने दायित्व का निष्ठापूर्वक निर्वहन नहीं करने के आऱोप में उन्हें इसी साल फरवरी में निलंबित कर दिया गया था. लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण के रोकथान के लिए जनहित औऱ कार्यहित के दृष्टिकोण से उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबन मुक्त किया जा रहा है. तत्कालीन सिविल सर्जन समेत चारों डॉक्टरों को स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय में योगदान करने को कहा गया है जिससे की उनकी पोस्टिंग की जा सके.

जिन डॉक्टरों को निलंबन मुक्त किया गया है उसमें जमुई के तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ विजयेंद्र सत्यार्थी के साथ साथ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के तत्कालीन चिकित्सा प्रभारी डॉ शाजिद हुसैन, डॉ नंद कुमार मंडल, डॉ विमल कुमार चौधरी शामिल हैं. चारों को 12 फरवरी को निलंबित कर दिया गया था.

गौरतलब कि जमुई जिले में कोरोना की पहली लहर के दौरान लोगों की जांच में बडे पैमाने पर फर्जीवाडा उजागर हुआ था. सरकारी अस्तालों में हजारों लोगों की जांच किये बैगर उनकी जांच की रिपोर्ट तैयार कर ली गयी थी. इसके लिए पूरा फर्जी आंकडा तैयार किया गया था. एक ही मोबाइल नंबर दिखा कर दर्जनों लोगों की जांच का आंकडा तैयार किया गया था. कई मोबाइल नंबर ऐसे थे जो अस्तित्व में ही नहीं थे. कई ऐसे भी लोगों की जांच का रिकार्ड तैयार किया गया जिनका मोबाइल नंबर 000000000 दिखाया गया था. कई ऐसे मोबाइल नंबर देकर लोगों की जांच का दावा किया जो नंबर बिहार के बाहर के लोगों के थे. सरकारी आंकडों में जिन लोगों की कोरोना टेस्टिंग का दावा किया गया था उन्होंने कहा कि उनकी सैंपल ही कभी नहीं ली गयी थी. इस मामले के खुलासे के बाद सरकार ने सिविल सर्जन समेत चार डॉक्टरो को निलंबित किया था. लेकिन अब बगैर किसी कार्रवाई के उन्हें निलंबन मुक्त कर दिया गया है. वैसे सरकार कह रही है कि उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही चल रही है औऱ इस जांच में जो परिणाम आयेगा उसके आधार पर कार्रवाई की जायेगी.