ब्रेकिंग न्यूज़

जहानाबाद में एरिस्टो फार्मा ने किया निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन, सैकड़ों लोगों का हुआ फ्री चेकअप जहानाबाद में एरिस्टो फार्मा ने किया निःशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन, सैकड़ों लोगों का हुआ फ्री चेकअप 1XBet case: बेटिंग ऐप मामले में ED की बड़ी कार्रवाई, युवराज सिंह और सोनू सूद समेत इन सेलिब्रिटीज की करोड़ों की संपत्ति अटैच 1XBet case: बेटिंग ऐप मामले में ED की बड़ी कार्रवाई, युवराज सिंह और सोनू सूद समेत इन सेलिब्रिटीज की करोड़ों की संपत्ति अटैच NSMCH ने जटिल सर्जरी में बड़ी सफलता हासिल की, बिहार के सबसे ज्यादा वजन वाले व्यक्ति की मोटापे की सर्जरी Bihar Bhumi: पटना में दाखिल-खारिज के 36 प्रतिशत आवेदन हुए रिजेक्ट, जमीन मालिकों की बढ़ी परेशानी; जानिए.. पूरी वजह Bihar Bhumi: पटना में दाखिल-खारिज के 36 प्रतिशत आवेदन हुए रिजेक्ट, जमीन मालिकों की बढ़ी परेशानी; जानिए.. पूरी वजह Bihar News: नौकरी जॉइन करेंगी डॉक्टर नुसरत? हिजाब विवाद पर सहेली ने दिया जवाब Bihar News: बिहार में स्कॉर्पियो और स्कूल वैन की जोरदार टक्कर, हादसे में स्कूली बच्चे समेत तीन लोग घायल Bihar Bhumi: बिहार में सरकारी जमीन के अवैध खरीद-बिक्री पर तत्काल रोक, भू-माफिया और भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश

कांग्रेस शासित राज्यों में जातीय सर्वे क्यों नहीं हुए? राहुल गांधी से सुशील मोदी का सवाल

कांग्रेस शासित राज्यों में जातीय सर्वे क्यों नहीं हुए? राहुल गांधी से सुशील मोदी का सवाल

23-Sep-2023 08:00 PM

By First Bihar

PATNA: बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि पूरे देश में जातीय जनगणना की बात करने वाले राहुल गांधी बतायें कि आज जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकार है, वहां पिछले चार में जातीय सर्वे क्यों नहीं कराया गया?


सुशील मोदी ने कहा कि राहुल गांधी को बताना चाहिए कि 2015 में कांग्रेस की सिद्धरमैया सरकार ने कर्नाटक में जो सर्वे कराया था, उसकी रिपोर्ट अब तक जारी क्यों नहीं हुई? 2010 में यूपीए सरकार के गृहमंत्री पी चिदम्बरम ने संसद में कहा था कि देशभर में जातीय जनगणना कराना व्यावहारिक कारणों से संभव नहीं। कांग्रेस की पहली नेहरू सरकार ने 1951 में नीतिगत निर्णय लिया था कि राष्ट्रीय स्तर पर जनगणना के दौरान केवल अनुसूचित जाति-जन जाति के आंकड़े जुटाये जा सकते हैं। बाद की सभी केंद्र सरकारों ने यही नीति जारी रखी।


उन्होंने कहा कि सेंसस ऐक्ट के अनुसार देश भर में जातीय जनगणना नहीं करायी जा सकती, लेकिन राज्य सरकारें जातीय सर्वेक्षण करा सकती हैं। बिहार में भाजपा की साझेदारी वाली सरकार ने जातीय सर्वे कराने का जो निर्णय किया, वह संवैधानिक था, इसीलिए कोई अदालत उस पर रोक नहीं लगा सकी।बिहार में जातीय सर्वे का काम जब पूरा हो चुका है, तब सरकार बताये कि इसकी रिपोर्ट कब जारी होगी?


सुशील मोदी ने कहा विपक्षी गठबंधन में जातीय सर्वे पर कांग्रेस की नीयत साफ नहीं और ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में ऐसा सर्वे कराने के विरुद्ध हैं। राहुल गांधी पहले अपने गठबंधन में एक राय कायम करें। ब्रिटिश सरकार की 1931 की जातीय जनगणना के अनुसार देश में 3500 जातियां थीं। 2011 में जब जनगणना के साथ जातीय-सामाजिक सर्वे कराया गया, तब 46 लाख जातियां दर्ज करा दी गईं। जातियों के पिछले राष्ट्रीय सर्वे के आंकड़े इतने भ्रामक, त्रुटिपूर्ण और अविश्वनीय थे कि उन्हें सार्वजनिक नहीं किया गया।