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नीतीश सरकार में अभूतपूर्व स्थिति, 24 घंटे से खाली पड़ा है विकास आयुक्त का पद, कोई अधिकारी पद संभालने को तैयार नहीं

नीतीश सरकार में अभूतपूर्व स्थिति, 24 घंटे से खाली पड़ा है विकास आयुक्त का पद, कोई अधिकारी पद संभालने को तैयार नहीं

03-Sep-2019 10:16 AM

By 7

PATNA : नीतीश सरकार ने अभूतपूर्व स्थिति पैदा कर दी है. सूबे में ब्यूरोक्रेसी का नंबर दो का पद यानि विकास आयुक्त की कुर्सी पिछले 24 घंटे से खाली पड़ी है. ऐसा पहली दफे हुआ है. सूत्र बता रहे हैं कि सरकार की पसंद का कोई भी अधिकारी इस अहम पद पर पर बैठने को तैयार नहीं है. 24 घंटे से खाली पड़ा विकास आयुक्त का पद कल विकास आयुक्त सुभाष शर्मा रिटायर कर गये थे. दशकों से चली आ रही परंपरा के मुताबिक विकास आयुक्त के रिटायरमेंट से पहले उनके उत्तराधिकारी का नाम घोषित हो जाता है. लेकिन इस दफे रिटायरमेंट के 24 घंटे बाद भी नये विकास आयुक्त का नाम घोषित नहीं हो पाया है. बिहार के मुख्यमंत्री फिलहाल गया दौरे पर हैं. रात में उनके वापस लौटने के बाद इस पर विचार विर्मश किया जायेगा. सरकार उसके बाद तय करेगी कि नया विकास आयुक्त कौन बनेगा. कोई अधिकारी विकास आयुक्त बनने को तैयार नहीं सरकारी सूत्रों से बड़ी खबर सामने आ रही है. खबर ये है कि सरकार की पसंद का कोई अधिकारी इस कुर्सी पर बैठने को तैयार नहीं है. हालांकि ब्यूरोक्रेसी के लिहाज से ये सूबे में नंबर दो की कुर्सी होती है. मुख्य सचिव के बाद विकास आयुक्त ही सबसे अहम पद होता है लेकिन फिर भी ज्यादातर अधिकार इस कुर्सी पर बैठने को तैयार नहीं हैं. सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार इस कुर्सी पर जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव अरूण कुमार सिंह को बिठाना तय किया था. लेकिन अरूण कुमार सिंह कुर्सी संभालने को तैयार नहीं है. वे पहले भी विकास आयुक्त बने थे, लेकिन अपनी मर्जी से जल संसाधन विभाग में चले गये. दूसरे अधिकारी भी तैयार नहीं सरकार की दूसरी पसंद गृह और सामान्य प्रशासन विभाग का जिम्मा संभाल रहे आमिर सुबहानी थे. लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि वे भी विकास आयुक्त बनने को तैयार नहीं है. त्रिपुरारी शरण की ओर भी सरकार की निगाहें गयीं लेकिन वे भी इच्छुक नहीं हैं. नीतीश को करना होगा आखिरी फैसला अब नीतीश कुमार के हाथों में फैसला है. नियमानुसार सरकार जिस अधिकारी की नियुक्ति इस पद पर करेगी उसे काम करना ही होगा. अधिकारियों की पसंद से तैनाती की सरकार की कोशिश नाकाम हो गयी है. लिहाजा अब नीतीश कुमार को फैसला लेना है. किसे वे विकास आयुक्त नियुक्त करते हैं.