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03-Jun-2024 02:16 PM
SITAMADHI : बिहार के सीतामढ़ी से एक बड़ी खबर आ रही है। जहां जिले के सुरसंड के वार्ड नंबर 11 की उषा देवी के हाथ से वार्ड पार्षद की कुर्सी छिन गई है। इसके बाद पूरे इलाके में चर्चा का बाजार गरम है कि आखिर कुर्सी जाने की वजह क्या है। इसे लेकर लोग तमाम तरह की बातें कह रहे हैं। हालांकि, डाटा को लेकर कुछ उलट-फेर की बातें सामने आ रही हैं।
जानकारी के अनुसार, चुनाव लड़ने के दौरान उषा देवी तीन बच्चों की मां थी, पर इस सच्चाई को उन्होंने छुपा लिया था। नामांकन के क्रम में कागजातों पर दो बच्चों का ही उल्लेख किया था, जिसका अब जाकर खुलासा हुआ है। उन्हें वार्ड पार्षद की कुर्सी से हाथ धोना पड़ गया है। उनके खिलाफ राज्य निर्वाचन आयोग को शिकायत मिली थी। सुनवाई के बाद शिकायत को सच मानकर राज्य निर्वाचन आयुक्त डॉ. दीपक प्रसाद ने उषा देवी को पदच्युत कर दिया है।
जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह डीएम को तथ्य छुपाकर चुनाव लड़ने के आरोप में उषा देवी के खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई करने को कहा गया है। सुरसंड उत्तरी पंचायत के वार्ड- 14 निवासी रामनरेश बारिक ने आयोग से शिकायत की थी कि उषा देवी को चार अप्रैल, 2008 के बाद तीन बच्चे हुए हैं। जबकि तीन बच्चों वाली अभ्यर्थी चुनाव नहीं लड़ सकती हैं। इस तथ्य को उषा देवी ने छुपा लिया था। सुनवाई के दौरान जिला प्रशासन की ओर से डीपीआरओ उपेंद्र पंडित ने इन तथ्यों को उपलब्ध कराया था। रामनरेश बारीक के अधिवक्ता ने आयोग को बताया कि चुनाव के दौरान इसकी जानकारी देने के बावजूद निर्वाची अधिकारी द्वारा कोई संज्ञान नहीं लिया गया।
बताया जाता है कि उषा देवी की पुत्री सोनी कुमारी और पुत्र आयुष कुमार का जन्म 4 अप्रैल, 2008 के बाद हुआ था। इसके सबूत के तौर पर उनका आधार कार्ड भी प्रस्तुत किया गया था। इसमें सोनी का जन्म 30 अगस्त, 2017 व आयुष का जन्म 29 मार्च, 2019 अंकित है। रामनरेश बारीक की ओर से दोनों बच्चों का पीएचसी में हुए जन्म के कागजात भी प्रस्तुत किये गए। पीएचसी के कागजात व आधार कार्ड में जन्मतिथि एक समान पाई गई थी। जबकि तीसरी संतान लाल मोहन है, जिसकी जन्म तिथि 11 जनवरी, 2016 है। गलत हलफनामा और तथ्य छुपाने को लेकर धारा- 477 व अन्य सुसंगत धाराओं के तहत उषा देवी के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही जा रही है।