VB-G RAM G Act: ‘विकसित भारत- जी राम जी’ बिल को राष्ट्रपति की मिली मंजूरी, अब मजदूरों को 125 दिनों का रोजगार VB-G RAM G Act: ‘विकसित भारत- जी राम जी’ बिल को राष्ट्रपति की मिली मंजूरी, अब मजदूरों को 125 दिनों का रोजगार गोल प्रतिभा खोज परीक्षा 2025: छात्रों की प्रतिभा को पहचानने और मार्गदर्शन देने का भरोसेमंद मंच बिहार के मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत के गृह जिले का हाल देखिये, टॉर्च की रोशनी में हुआ मरीज का इलाज, वीडियो हो गया वायरल नए साल के जश्न की तैयारी में बिहार के माफिया: पटना में सरकार की नाक के नीचे चल रही थी नकली शराब फैक्ट्री; ऐसे हुआ खुलासा नए साल के जश्न की तैयारी में बिहार के माफिया: पटना में सरकार की नाक के नीचे चल रही थी नकली शराब फैक्ट्री; ऐसे हुआ खुलासा पटना के सचिवालय थाना क्षेत्र में अवैध शराब तस्करी का भंडाफोड़, धंधेबाज भी गिरफ्तार मांझी ने खुले मंच से बेटे को समझाया: BJP ने बेईमानी की है, अब इंकलाब जिंदाबाद करने के लिए तैयार होइये, मैं भी मंत्री की कुर्सी छोड़ूंगा Patna Crime News: पटना में अपराधियों के हौसले बुलंद, पूर्व प्रमुख के बेटे समेत दो लोगों को सरेआम मारी गोली; फायरिंग से हड़कंप Patna Crime News: पटना में अपराधियों के हौसले बुलंद, पूर्व प्रमुख के बेटे समेत दो लोगों को सरेआम मारी गोली; फायरिंग से हड़कंप
16-Oct-2022 10:45 AM
NEW DELHI : देश में अगले कुछ महीनों में बच्चों को जन्म के साथ ही आधार से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इसको लेकर वर्तमान में 16 राज्यों में काम शुरू हो गया है। इनमें से कुछ जगहों पर जन्म प्रमाणपत्र के साथ ही आधार नंबर भी दिए जा रहे हैं। यूआईडीएआई इस संबंध में भारत के महापंजीयक के साथ काम कर रहा है। मालूम हो कि, आधार कार्ड बनवाने के लिए जन्म पंजीकरण की कम्प्यूटरीकृत प्रणाली की आवश्यकता होती है और ऐसे राज्य जिनमें पूर्ण कम्प्यूटरीकरण था उन्हें सबसे पहले यह काम करने को कहा गया है।
जानकारी के अनुसार, सरकार की यह सोच है कि हर बच्चे को जन्म के समय ही जन्म प्रमाण पत्र के साथ आधार नंबर भी जारी कर दिया जाए। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण इस संबध में महापंजीयक के साथ काम कर रही है। जिससे वर्तमान में 16 राज्यों में जब भी जन्म प्रमाण पत्र जारी किया जाता है तो यूआईडीएआई सिस्टम पर एक संदेश जाता है।
इसके बाद नामांकन आईडी संख्या बनती है। जैसे ही बच्चे के फोटो और पते जैसे विवरण सिस्टम में दर्ज किए जाते हैं।आधार संख्या तैयार कर ली जाती है। हालांकि, बच्चों की आयु 5 वर्ष और 15 वर्ष की उम्र पार करने पर उसे बायोमेट्रिक जानकारी अपने इस आधार नंबर के साथ जोड़ना होता है। गौरतलब हो कि, अब तक 134 करोड़ आधार कार्ड जारी किए जा चुके हैं। असम और मेघालय वे राज्य हैं, जहां पूरी आबादी को अभी तक के यूनिक आईडी नहीं मिली हुई है। लद्दाख और नागालैंड के भी दूरदराज के इलाकों में आबादी पूरी तरह से एनरोल नहीं है।इस पर काम चल रहा है।