Cricket: क्लीन बोल्ड करने के मामले में यह भारतीय गेंदबाज सबसे आगे, कुंबले और कपिल देव को भी पछाड़ा Illegal Immigrants: रोहिंग्या और बांग्लादेशियों पर और सख्त हुई सरकार, अब यहां बनाए गए 4 डिटेंशन सेंटर INDvsENG: ICC के इस नियम से गुस्सा हुए इंग्लैंड के कप्तान, कहा "इन्हें कॉमन सेंस की जरुरत" Bihar Flood Alert: बिहार के कई जिलों में बाढ़ का खतरा, खोले गए फरक्का बराज के सारे गेट Bihar Crime News: बिहार में सरपंच की गोली मारकर हत्या, पुलिस छापेमारी में जुटी Bihar Weather: बिहार में अगले 7 दिन बारिश का तांडव, इन जिलों के लोगों को बरतनी होगी विशेष सावधानी बगहा में खाद की किल्लत से नाराज़ किसानों ने NH-727 पर किया चक्का जाम, प्रशासन से मांगा समस्या का समाधान बिहार में अपराधी बेलगाम: सारण में दिनदहाड़े 7 लाख की लूट, पेट्रोल पंप कर्मी को बनाया निशाना सीतामढ़ी में बच्चा चोर समझकर मानसिक विक्षिप्त युवक की भीड़ ने की पिटाई, हालत गंभीर बड़हरा से अयोध्या के लिए तीर्थयात्रियों का दूसरा जत्था रवाना, अजय सिंह ने झंडी दिखाकर 80 श्रद्धालुओं को किया प्रस्थान
30-Dec-2024 07:41 AM
By First Bihar
PATNA : बिहार में पिछले 11 दिनों से bpsc 70वीं परीक्षा वापस से करवाए जाने को लेकर छात्र धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और दो दफे पुलिस ने इन लोगों पर लाठियां भी चटकाई है। लेकिन यह छात्र अभी भी बस एक मांग पर ठीके हुए हैं कि bpsc 70 वीं पीटी परीक्षा को वापस से करवाया जाए यानी री एग्जाम करवाया जाए। ऐसे में बीते शाम भी पटना की सडकों पर छात्रों का आंदोलन हुआ और पुलिस ने लाठियां चटकाई और वाटर केनन का भी उपयोग किया। इसके बाद देर रात नेता विपक्ष अपने सोशल मिडिया पर लाइव आए और सरकार के साथ ही साथ इशारों की इशारों में जनसुराज के नेता प्रशांत किशोर को दमभर सुनाया। लेकिन,इन सब के बीच बिहार विधानसभा के नेता विपक्ष यह भूल गए कि आयोग ने जिस एक एग्जाम सेंटर पर परीक्षा रद्द की है और नया एग्जाम डेट जो तय किया वह क्या है ?
बिहार विधानसभा के नेता विपक्ष तेजस्वी यादव जब लाइव पर बैठे तो यह कहा कि आयोग ने जिस एग्जाम सेंटर पर परीक्षा रद्द की है वह परीक्षा 6 जनवरी को आयोजित करवाई जाएगी। उन्होंने एक बार नहीं बल्कि दो बार इस बात को दोहराया। इसके बाद उनके पड़ोस में बैठे किसी शख्स ने यह जानकारी दी कि परीक्षा 6 जनवरी को नहीं बल्कि 4 जनवरी को होनी है। उसके बाद नेता विपक्ष को अपनी भूल का आभास हुआ और डेट को सुधारा।
लेकिन सवाल यह बनाता है कि तेजस्वी यादव नेता विपक्ष हैं और खुद भी एक दफा छात्रों के इस 11 दिनों से चला आ रहा आंदोलन में शामिल भी हुए हैं। इतना ही नहीं छात्रों की मांग को लेकर CM नीतीश कुमार को चिट्ठी तक लिख चुके हैं। उसके बाबजूद उनको यह याद तक नहीं कि आयोग में जिस एग्जाम सेंटर की परीक्षा रद्द कर वापस से परीक्षा कराए जाने की जो डेट घोषित किया है वह क्या है? या फिर तेजस्वी ने पहले से यह स्क्रिप्ट तैयार करके आए थे कि उनका मुद्दा तो छात्रों का आंदोलन रहेगा लेकिन निशाना प्रशांत किशोर रहेंगे जिसे वह भाजपा का बी टीम बताते हैं।
हालांकि, नेता विपक्ष ने छात्रों को यह सलाह जरूर दिया कि वह शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करें और यह आपका आंदोलन है तो इससे राजनीतिक न होने दें। छात्र के आंदोलन में राजनेता को आगे आने की जरूरत नहीं होती है बल्कि आपलोग खुद इतने मजबूत है कि यदि शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करेंगे तो फिर सरकार को आपकी मांग पर बात करनी होगी। लेकिन, जिस तरीके से एक नेता द्वारा आप लोगों को भटकाया गया और वह आपलोगों को उस जगह पर ले गए हैं जहां किसी भी तरह का प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं थी और उसके बाद जब पुलिस ने लाठियां चटकाई तो वह भाग खड़े हुए, उनका असली मकसद भी इस आंदोलन को खत्म करवाना था।
एक फेसबुक पोस्ट में तेजस्वी ने कहा, 'जो ताकत भूख हड़ताल में थी वो कुछ और थी। इस बीपीएससी आंदोलन को कुछ लोगों ने गुमराह करने की कोशिश की। हम भी चाहते थे तो 5 लाख लोगों को गांधी मैदान बुला देते। अपने एक कॉल पर 5 लाख लोगों को बुला देते लेकिन उसका हल नहीं निकलना था। जो शांतिपूर्ंण तरीके से हड़ताल थी उससे बीपीएससी और सरकार हिली हुई थी। लेकिन सरकार ने नया फॉर्मूला निकाला। सरकार की जो बी टीम है उसे आगे खड़ा किया गया और आंदोलन को गांधी मैदान ले जाना पड़ा और जब पिटाई हो रही थी तो कुछ लोग कह रहे थे हम सबसे आगे रहेंगे, वही लोग भाग गए।
इस आंदोलन को खत्म करने की यह साजिश है। हम राजनीति करने नहीं आ रहे हैं। राजनीति करना होता तो हम भी गांधी मैदान में आते। गांधी मैदान में जिस तरह से पिटाई हुई है। लोगों को भटकाया गया है ताकि छात्रों पर एफआईआर हो। एफआईआर होगी तो आपको जेल जाना पड़ेगा, आप परीक्षा में नहीं बैठ सकते। आंदोलन को कमजोर करने के लिए बीजेपी के इशारे पर बी टीम ने काम किया है।'
तेजस्वी यादव ने कहा कि इसके बावजूद हम सभी को हिम्मत और हौसला नहीं खोना है। अगर भूख हड़ताल और आपका धरना गर्दनीबाग में होता तो मुझे पूरा विश्वास है कि मुख्यमंत्री को कोई ना कोई ऐक्शन लेना पड़ता। तेजस्वी यादव ने एक बार फिर से छात्रों से कहा कि वो शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करें। किसी के भी कहने पर भटकने की जरुरत नहीं है। यह आंदोलन किसी पार्टी या नेता का नहीं होगा। यह आंदोलन सिर्फ छात्र-छात्राओं का होना चाहिए। किसी के भी बहकावे में आने की जरुरत नहीं है।
वहीं, छात्रों ने भी यह कहा है कि प्रशांत किशोर छात्रों को भटकाया है। पीके ने पहले शांतिपूर्ण तरीके से धरना कर रहे छात्रों को बिना किसी अनुमति के गांधी मैदान में इकट्ठा करवाया और जब पुलिस ने लाठियां चटकाना शुरू किया तो उसके पहले बड़ी ही होशियारी से खिसक लिए। जबकि दो दिन पहले तक चिल्ला -चिल्ला कर यह कह रहे थे कि पहली लाठी खाने वाले वह होंगे। हालांकि, पुलिस ने उनके ओर उनके पार्टी के लोगों पर FIR फाइल कर दी है।
दरअसल, सूबे में 13 दिसंबर को बिहार लोक सेवा आयोग के तरफ से 70 वीं BPSC पीटी परीक्षा का आयोजन करवाया गया। ऐसे में राजधानी पटना से सबसे बड़े एग्जाम सेंटर में कुछ कमियां निकलकर सामने आई और आयोग ने इस सेंटर की परीक्षा रद्द कर दी और वापस से एग्जाम करवाए जाने का ऐलान किया। यह एग्जाम 4 जनवरी को होना है। लेकिन बिहार के नेता विपक्ष को यह डेट याद ही नहीं है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस मुद्दों को लेकर काफी हंगामा भी हो रहा है लेकिन नेता विपक्ष को डेट तय याद नहीं।
जानकारी हो कि आयोग के इसी डेट को लेकर राजधानी पटना में पिछले 11 दिनों से अभ्यर्थी डेट हुए हैं और कह रहे हैं कि आयोग में यह ऐलान किया था कि इस परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन नहीं होगा। तो अब सवाल यह है कि जब वापस से एग्जाम लिया जाएगा तो फिर उन छात्रों को अलग सवाल दिए जाएंगे तो ऐसे में आयोग बिना नॉर्मलाइजेशन किए कैसे रिजल्ट तैयार करेगी।इसके साथ ही यदि आयोग परीक्षा रद्द कर वापस से परीक्षा एक सेंटर पर ले रही है तो इसका मतलब है कि इस परीक्षा में गड़बड़ी हुई है।
लिहाजा पूरे परीक्षा को रद्द कर वापस से परीक्षा यानी री एग्जाम करवाया जाना चाहिए। इसी मांग को लेकर यह CM नीतीश कुमार से मिलने की बात कर रहे हैं। इसी बीच इन्हें पुलिस से लाठियां भी खानी पड़ रही है और इस लाठीचार्ज के बाद विपक्ष के नेता सवाल उठा रहे हैं। ऐसे में सवाल उठाने के चक्कर में बिहार के नेता विपक्ष खुद थोड़े फंस गए हैं।