Bhojpur News: बड़हरा से 5000 तीर्थयात्रियों को भेजने के संकल्प की नई कड़ी, अजय सिंह ने बलुआ से जत्था किया रवाना Bhojpur News: बड़हरा से 5000 तीर्थयात्रियों को भेजने के संकल्प की नई कड़ी, अजय सिंह ने बलुआ से जत्था किया रवाना Bihar Politics: युवा चेतना प्रमुख रोहित कुमार सिंह का लालू यादव पर बड़ा हमला, राहुल गांधी के समर्थन को बताया बिहार का अपमान Bihar Politics: युवा चेतना प्रमुख रोहित कुमार सिंह का लालू यादव पर बड़ा हमला, राहुल गांधी के समर्थन को बताया बिहार का अपमान Bihar News: बिहार में मां और दो बेटियों की दर्दनाक मौत, तालाब में डूबने से गई तीनों की जान Bihar News: बिहार में मां और दो बेटियों की दर्दनाक मौत, तालाब में डूबने से गई तीनों की जान Bihar Politics: ‘देश में वोट की चोरी कर बनाई जा रही सरकार’ सासाराम की जनसभा में बोले मुकेश सहनी Bihar Politics: ‘देश में वोट की चोरी कर बनाई जा रही सरकार’ सासाराम की जनसभा में बोले मुकेश सहनी Bihar Politics: ‘जन सुराज के डर से राहुल गांधी को करनी पड़ रही यात्रा, टेंशन में NDA’ समस्तीपुर में बोले प्रशांत किशोर Bihar Politics: ‘जन सुराज के डर से राहुल गांधी को करनी पड़ रही यात्रा, टेंशन में NDA’ समस्तीपुर में बोले प्रशांत किशोर
04-Dec-2022 04:06 PM
By VISHWAJIT
PATNA : बिहार से अलग मिथला राज्य बनाने की मांगएक बार फिर से उठनी शुरू हो गई है। इसी कड़ी में राजधानी पटना में रविवार को मिथिला स्टूडेंट यूनियन की ओर से मार्च निकाला गया। बड़ी संख्या में युवाओं ने राजभवन की ओर से कूच किया। इस दौरान प्रदर्शन कारियों द्वारा हाथों में तख्तियां लेकर पटना के गांधी मैदान से राजभवन तक पैदल मार्च किया।
दरअसल, मिथला को अलग राज्ये बनाने की मांग कर रहे इन प्रदर्शनकारियों का कहना था कि, मिथिला उत्तर बिहार का इलाका है। यहां की भाषा भी अलग है। यहां मैथिली भाषा बोली जाती है। ऐसे में जब देश में राज्यों का बंटवारा अमूमन भाषा के आधार पर किया गया ही तो इसे भी अलग राज्य बनाया जाना चाहिए। इसको लेकर मिथिला स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष आदित्य मोहन का कहना है कि मिथिला क्षेत्र के लोग अशिक्षा, बेरोजगारी, पलायन, गरीबी, बाढ़ जैसी समस्या से जूझते रहते हैं। ऐसे में यदि यह एक अलग राज्य बनेगा तो इसकी तरक्की होगी और विकास भी नजर आएगा।
उनका कहना है कि, मिथिला क्षेत्र की आबादी 40 मिलियन है और यह बिहार विधानसभा के लिए 22 सांसदों और 126 विधायकों का चुनाव करता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इतना बड़ा क्षेत्र और आबादी होने के बावजूद एक अलग राज्य बनना बाकी है। मिथिला आज भी सरकारी उपेक्षा के कारण लगातार पिछड़ेपन का शिकार होने को मजबूर हो रहा है। इस कारण ना तो पलायन का कोई ठोस निदान अब तक निकल पाया है और ना ही संवैधानिक भाषा के रूप में अब तक मैथिली को यथोचित अधिकार ही प्राप्त हो सका है। मिथिला राज्य का निर्माण होगा, तभी मिथिला का ओद्योगिकरण और विकास संभव होगा।
इन जिलों को मिलेगी जगह
इसके आगे उन्होंने बताया कि, मिथिला राज्य के अंदर उत्तर और पूर्वी बिहार से लेकर सीमांचल और झारखंड के कुछ जिलों को भी शामिल किया जाएगा । इसमें बिहार के पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, वैशाली, समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी, सुपील, सहरसा, खगड़िया, बेगूसराय, लखीसराय, शेखपुरा, जमुई, मुंगेर, बांका, भागलपुर, कटिहार, पूर्णिया, अररिया और खगड़िया जिले हैं। साथ ही झारखंड के गोड्डा, साहिबगंज, दुमका देवघर और पाकुड़ जिलों को भी अलग मिथिलांचल में शामिल किया जाएगा।
गौरतलब हो कि, यहां के लोग लंबे समय से मिथिला को अलग राज्य बनाने की मांग कर रहे हैं। मिथिला स्टूडेंट यूनियन छात्र-छात्राओं का संगठन है, जो मिथिलांचल को अलग राज्य बनाने की मांग की वकालत करता है। यह यूनियन समय-समय पर सड़कों से लेकर सोशल मीडिया तक प्रदर्शन करके बिहार के विभाजन की मांग उठाता रहता है। रविवार को मिथिला स्टूडेंट यूनियन के बैनर तले बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स ने प्रदर्शन किया।