Nitin Nabin: जानें कौन से स्कूल से पढ़े बीजेपी के नए राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन, आखिर क्यों छोड़ी बीच में पढ़ाई Bihar News: बिहार के हर वाहन मालिक को अब करना होगा यह काम, सरकार का आदेश जारी Bihar Politics: नीतीश कुमार ने आज बुलाई कैबिनेट बैठक, कई एजेंडों पर लगेगी मुहर Bihar News: बिहार में यहां बनेगा लोकगायिका शारदा सिन्हा के नाम पर पार्क, पति के नाम पर सड़क; जानें... Bihar Weather: अगले तीन दिनों तक सुबह कोहरा, शाम में कनकनी; जानें मौसम का हाल मुजफ्फरपुर के डीएम के नाम से फर्जी व्हाट्सएप प्रोफाइल, प्रशासन ने जारी की चेतावनी भारतीय क्रिकेटर आकाशदीप ने सासाराम में मनाया जन्मदिन, AB क्रिकेट अकादमी में हुआ खास आयोजन सुपौल के लोहियानगर रेलवे गुमटी पर बड़ा हादसा, ऑटो की टक्कर से टूटा फाटक, भीषण जाम की स्थिति बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद श्यामा मंदिर में संजय सरावगी ने की पूजा, नेतृत्व के विश्वास पर खड़ा उतरने का लिया संकल्प Bihar Transfer Posting: बिहार प्रशासनिक सेवा के दो अधिकारियों का तबादला, दो वेटिंग फॉर पोस्टिंग; सरकार ने जारी की अधिसूचना
14-Nov-2024 04:18 PM
By FIRST BIHAR
PATNA: बिहार के सरकार स्कूलों में बच्चों को उनके रोल नंबर या सरनेम से बुलाने की परंपरा पर रोक लगेगी। शिक्षा विभाग ने इसको लेकर शिक्षकों के लिए जरूरी निर्देश जारी किया है। बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षक अब बच्चों को उनके नाम से ही बुलाएंगे। विभाग ने शिक्षक और छात्रों के बीच बेहतर संबंध बनाने को लेकर यह फैसला लिया है।
पटना के जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार के अनुसार, इस बदलाव का उद्देश्य बच्चों में आत्म-सम्मान को बढ़ावा देना है, ताकि वे कक्षा में खुले मन से भाग लें और अपने शिक्षकों से डरने की बजाय उन्हें सम्मान दें। इसके अलावा, शिक्षकों को अपनी कक्षाओं में पूरी तैयारी के साथ आने की सलाह दी गई है।
शिक्षकों को पाठ्यक्रम से जुड़ी सभी किताबें और भी जरूरी सामान साथ लेकर स्कूल आना होगा। क्लास रूम में बच्चों को पढ़ाने के दौरान ब्लैकबोर्ड पर लिखी गई चीजें क्लियर दिखनी चाहिए, ताकि सभी बच्चे आसानी से समझ सकें। बच्चों की उपस्थिति भी तभी दी जाएगी जब वे कक्षा में समय पर पहुंचेंगे।
शिक्षा विभाग ने यह कदम क्लासरूम का माहौल बदलने और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए उठाया है। विभाग के इस आदेश का उद्देश्य कक्षा में अनुशासन और अच्छे संबंधों को बढ़ावा देना है, स्कूल में शैक्षणिक वातावरण अच्छा हो सके। यदि कोई शिक्षक निर्देशों का पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।