Delhi High Court Bomb Threat: दिल्ली हाई कोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी, जजों और वकीलों को बाहर निकाला गया Delhi High Court Bomb Threat: दिल्ली हाई कोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी, जजों और वकीलों को बाहर निकाला गया BIHAR NEWS : परिवहन विभाग के मैप से गायब हुआ बिहार का यह जिला, इसके अलावा हुआ यह खेल ; मचा हंगामा Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्र पर इस बार 10 दिन का विशेष संयोग, जानें... तिथियां और महत्व BIHAR ELECTION : BJP की बड़ी बैठक पटना में, बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की रणनीति तय करने पर जोर; सीट बंटवारे पर भी होगा फैसला Bihar Politics: 'राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज हो फ्रॉडिज्म का केस' गिरिराज सिंह ने क्यों की यह मांग? Bihar Politics: 'राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज हो फ्रॉडिज्म का केस' गिरिराज सिंह ने क्यों की यह मांग? Bihar News: ऑनलाइन ऑर्डर में निकला रद्दी कागज, डिलीवरी ब्वॉय को छात्रों ने बनाया बंधक Bihar Assembly Elections 2025: इस दिन आपको भी घर से निकलना है बाहर तो ध्यान दें, बदल दिए गया शहर का ट्रैफिक रुल; पढ़िए पूरी खबर BIHAR ELECTION :JDU विधायक पर बगावत, कार्यकर्ताओं ने मंत्री के सामने उठाई टिकट काटने की मांग; क्या नीतीश कुमार पूरी करेंगे मांग
16-Dec-2024 03:38 PM
By First Bihar
BIHAR NEWS: नीतीश सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात करती है. दिखावे के लिए धनकुबेर अफसरों के खिलाफ कार्रवाई भी होती है, लेकिन केस की जांच और विभागीय कार्यवाही की रफ्तार इतनी धीमी होती है कि धनकुबेर सरकारी सेवक आराम से निकल जाते हैं. सेवाकाल में सरकारी सेवक दोनों हाथ से माल बनाते हैं, शिकायत पर इक्के-दुक्के के खिलाफ कार्रवाई भी होती है, लेकिन जांच में खेल कर दिया जाता है. धीमी गति से जांच की वजह से भ्रष्टाचार के आरोपी साफ बच जाते हैं. जांच एजेंसियां और विभाीय कार्यवाही के संचालन करने वाले संचालन पदाधिकारी जांच पूरी करने में एक दशक लगा देते हैं. निगरानी विभाग की रिपोर्ट में साफ है कि सालों बीतने के बाद भी आय से अधिक संपत्ति केस में चार्जशीट दाखिल करने में जांच एजेंसियां विफल हैं. विभागीय कार्यवाही में भी जानबूझ कर देरी की जाती है. ऐसे में सीधा लाभ आरोपी सरकारी सेवक को मिलता है.
अब तक न चार्जशीट और न विभागीय कार्यवाही हुई
नीतीश सरकार के कई विभागों में तरह-तरह के खेल चल रहे हैं. परिवहन विभाग भी उनमें एक है. एक दशक में निगरानी, आर्थिक अपराध इकाई ने परिवहन विभाग से जुड़े एक दर्जन से अधिक मोटरयान निरीक्षक (एमवीआई) और परिवहन दारोगा के खिलाफ 'आय से अधिक संपत्ति(डीए) केस,ट्रैप केस या एओपीए' का केस दर्ज किया है. इनमें कई आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई तो कुछ ऐसे मोटरयान निरीक्षक-परिवहन दारोगा हैं, जिनके खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार केस को 7-8 सालों से अनुसंधान में रखा गया है. ऐसे में इसका सीधा लाभ आरोपी को मिलते दिख रहा् है.
आरोपी एमवीआई के खिलाफ 2016 में दर्ज हुआ था केस
आप देखेंगे कि कैमूर के तत्कालीन मोटरयान निरीक्षक (एमवीआई) राकेश रंजन के खिलाफ एओपीए के तहत निगरानी ने 2016 में केस दर्ज किया था. वर्ष 2024 खत्म होने वाला है. लेकिन आठ साल बाद भी केस अनुसंधान में ही है. दूसरा मामला जानिए...प्रवर्तन अवर निरीक्षक श्यामनंदन प्रसाद के खिलाफ 2 दिसंबर 2019 को डीए केस संख्या- 47-19 दर्ज किया गया था. पांच साल बाद भी इस केस को अनुसंधान में ही रखा गया है. हद तो तब हो गई जब आरोपी को निलंबित भी नहीं किया गया.
कैमूर के तत्कालीन एमवीआई राकेश रंजन के खिलाफ 8 अप्रैल 2016 को एओपीए के तहत केस सं.- 41/16 दर्ज किया गया था. इनके खिलाफ धारा- 420/409/467/468/471/120(B) IPC & 13(2) rw 13(1)(C)(D) PC ACT, 1988 के तहत केस दर्ज किया गया था. निगरानी ब्यूरो ने इस केस को अभी तक अनुसंधान में ही रखा है. निगरानी विभाग की रिपोर्ट बताता है कि जांच में कोई प्रगति नहीं हुई है. इस मामले में डीटीओ व अन्य कर्मियों को भी आरोपी बनाया गया था. आरोपी मोटरयान निरीक्षक राकेश रंजन को अब तक न तो क्लीनचिट दी गई और न ही चार्जशीट दाखिल किया गया है. वहीं, मोटरयान निरीक्षक मृत्युंजय कुमार सिंह,जिनके खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई ने 2021 में आय से अधिक संपत्ति अर्जन का केस दर्ज कर छापेमारी की थी. इसके बाद उन्हें निलंबित किया गया. विभागीय जांच लंबित है,बावजूद इसके विभाग ने फील्ड पोस्टिंग कर उपकृत कर दिया.
समस्तीपुर के तत्कालीन प्रवर्तन अवर निरीक्षक श्यामनंदन प्रसाद के खिलाफ 2 दिसंबर 2019 को निगरानी ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का केस किया था. डीए केस संख्या- 47-19 दर्ज है. आज तक इस केस को अनुसंधान में ही रखा गया है. निगरानी विभाग का रिकार्ड यही बता रहा है.
किशनगंज के परिवहन दारोगा रहे विकास कुमार के खिलाफ 25 अप्रैल 2023 को डीए केस संख्या 19-23 दर्ज हुआ था. इनके खिलाफ केस भी जांच में है.
विवेकानंद की रिपोर्ट