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17-Dec-2024 12:20 PM
By First Bihar
Bihar News: बिहार में सरकार नाम की कोई चीज नहीं बची है. अधिकारी- इंजीनियर मनमानी कर रहे. रिश्वत के लिए किसी भी हद तक जा रहे. सरकारी सेवकों को न सरकार का डर है और न वरीय अधिकारियों का. तभी तो खुल्लम खुल्ला मनमानी कर रहे. पथ निर्माण विभाग के एक अधीक्षण अभियंता और कार्यपालक अभियंता ने बड़ा खेल किया है. ठेकेदार से माल वसूलने के लिए पड़ोसी राज्य झारखंड के पाकुड जिले के खनन अधिकारी से पत्राचार किया, जवाब मिला उससे आरसीडी के अभियंताओं की पौ-बारह हो गई. बताया जाता है कि पत्र से करोड़ों के घोटाले का खुलासा हुआ है. हालांकि, पथ निर्माण विभाग के जिम्मेदार इंजीनियर मामले को दबाए बैठे हैं. शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही. पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता ने खुद चिट्ठी लिखी, जिनसे जानकारी मांगी, उन्होंने जवाब भी दे दिया. भ्रष्टाचार की पोल भी खुल गई, लेकिन आरटीआई के माध्यम से जानकारी दे रहे कि किसी तरह की गड़बड़ी से संबंधित ब्योरा उपलब्ध नहीं है.
पत्र को दबाए बैठे हैं कार्यपालक अभियंता..आरटीआई के माध्यम से नहीं दी सही जानकारी
दरअसल, एक आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर ने 6 नवंबर 2024 को पथ निर्माण विभाग के मगध क्षेत्र के एक पथ प्रमंडल के लोक सूचना पदाधिकारी से जानकारी मांगी. लोक सूचना पदाधिकारी ने इस संबंध में 10 दिसंबर को जवाब भेजा है. जिसमें कहा गया है कि गया जिला अंतर्गत पथ निर्माण से संबंधित अनियमितता के संबंध में जानकारी मांगी गई है. इस आलोक में सूचित करना है कि पथ निर्माण विभाग गया में उक्त अनियमितता से संबंधित ब्योरा संधारित नहीं है.
फर्जी पत्र पर एक्स्ट्रा कैरेड कॉस्टलिया गया
जानकार बताते हैं कि , पथ निर्माण विभाग का एक प्रमंडल जो मगध क्षेत्र में है, वहां करोड़ों का फर्जीवाड़ा हुआ है. झारखंड के एक जिले के खनन कार्यालय का फर्जी पत्र लगाकर करोड़ों का एक्स्ट्रा कैरेज कॉस्ट का भुगतान करा लिया है. यह खेल कुछ समय पहले का है. 6 अगस्त 2024 को कार्यपालक अभियंता ने पत्र सं-1257 से झारखंड के खनन कार्यालय को पत्र लिखा था. जवाब 8 अगस्त 2024 को मिला. झारखंड के पाकुड जिला खनन कार्यालय ने इस संबंध में स्पष्ट कर दिया कि जिन पांच पत्रों की सत्यता के बारे में पूछ रहे, वे उनके कार्यालय से जारी नहीं हुआ है. यानि जिस पत्र के आधार पर ठेकेदार को भुगतान कर राजा बना दिया गया, वह पत्र ही फर्जी है. यानी चारा घोटाले की तर्ज पर मगध इलाके के एक पथ प्रमंडल में फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रू की निकासी की गई है. हालांकि इस खेल का खुलासा हो गया है. लेकिन जिम्मेदार कार्यपालक अभियंता और अधीक्षण अभियंता इस मामले में चुप हैं. चुप क्यों हैं...? आप खुद समझ सकते हैं. वैसे, बता दें..इस खेल का खुलासा होकर रहेगा. सारे खिलाड़ी बेनकाब होंगे.
करोड़ों का हुआ है खेल...होंगे बेनकाब
जानकार बताते हैं कि खनन कार्यालय से पत्र का जवाब मिलते ही पथ निर्माण विभाग के इंजीनियरों ने ठेकेदार से सौदा कर लिया. यह भी बताया जाता है कि खेल 10 करोड़ रू से अधिक का है. ठेकेदार को बचाने के लिए कार्यपालक अभियंता-अधीक्षण अभियंता ने करोड़ों रू वसूल लिए हैं. खबर है कि इंजीनियरों ने ठेकेदार से कई महंगी गाड़ियां ली है.
विवेकानंद की रिपोर्ट