Bihar News: बिहार में मखाना किसानों के लिए बड़ी सौगात, सरकार देगी सीधा ऋण; जानिए... Sudha milk price hike : सुधा दूध हुआ महंगा: 22 मई से बढ़े दाम, जानें नई कीमतें CHAPRA: प्रशांत किशोर की पहल का असर: जेपी के पैतृक घर में बहाल हुई बिजली और शुरू हुई पानी की आपूर्ति Bihar News: आरा में आवारा कुत्ते का 2 मासूमों पर हमला, बड़े भाई की मौत, छोटा गंभीर हालत में PMCH रेफर Yashwant Sinha : यशवंत सिन्हा ने भाजपा पर बड़ा हमला बोलते हुए लगाये गंभीर आरोप...पहलगाम आतंकी हमले पर उठाये सवाल ? Bihar News: भाभी के कमरे में रंगे हाथ धराया आशिक़-मिज़ाज देवर, फिर पंचायत ने सुनाया कुछ ऐसा फैसला Bihar News: बिहार सरकार का बड़ा फैसला, मुंगेर के सीताकुंड का होगा कायाकल्प; सौंदर्यीकरण के लिए करोड़ों की योजना मंजूर Success Story: दादा का सपना किया साकार, पहले ही प्रयास में UPSC क्लियर कर बनीं IAS Baba Bageshwar in Bihar: धर्म से बड़ी कोई जात नहीं... बिहार में बाबा बागेश्वर का भावुक संदेश, अगला जन्म यहीं मिले तो अच्छा ! Hera Pheri 3: परेश रावल ने छोड़ी फिल्म तो अक्षय ने भेजा 25 करोड़ का लीगल नोटिस, अब निर्देशक प्रियदर्शन का आया बयान
29-May-2021 06:52 AM
PATNA : बिहार सरकार के निवेश प्रोत्साहन बोर्ड ने सूबे में औद्योगिक निवेश यानि उद्योग लगाने के 70 प्रस्तावों को शुक्रवार की मंजूरी दे दी. सूबे के विकास आयुक्त आमिर सुबहानी की अध्यक्षता में हुए राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड की बैठक में 3 हजार 516 करोड की लागत से 70 उद्योग लगाने के प्रस्ताव को स्टेज वन यानि पहले चरण की मंजूरी दे दी गयी. सरकार कह रही है कि ब़डी बडी कंपनियां बिहार में उद्योग लगाने आ गयी हैं. सिर्फ इथेऩॉल इंडस्ट्री में 2 हजार 554 करोड़ के निवेश की मंजूरी दी गयी है. ये दीगर बात है कि इसमें से कितने उद्योग लग पायेंगे इसकी कोई गारंटी नहीं है. पिछला रिकार्ड बता रहा है कि बिहार सरकार निवेश के लिए जिन उद्योगों को मंजूरी देती है उनमें से ज्यादातर भाग खडे होते हैं.
निवेश के प्रस्ताव से सरकार गदगद
शुक्रवार को विकास आयुक्त आमिर सुबहानी की अध्यक्षता में निवेश प्रोत्साहन बोर्ड की बैठक हुई. इसमें उन 70 प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी जिन्होंने बिहार में उद्योग लगाने के लिए ऑनलाइन आवेदन दिया था. इनमें 15 प्रस्ताव इथेनॉल यूनिट लगाने का है, जिसमें 2 हजार 554 करोड का निवेश करने की बात कही गयी है. वहीं ऑक्सीजन प्लांट लगाने के 5 प्रस्ताव भी मंजूर हुए, इनमें 58 करोड रूपये लगाने की बात कही गयी है.
निवेश प्रोत्साहन बोर्ड की बैठक में खाद्य प्रसंस्करण यानि फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के 21 प्रस्तावों को मंजूरी मिली, जिसमें 456 करोड रूपये से ज्यादा खर्च किये जायेंगे. वहीं दूसरे सामानों की मैन्यूफैक्चरिंग के लिए 16 प्रस्ताव आय़े. इनमें 296 करोड रूपय लगाने की बात कही गयी है.
बड़ी कपनियां आयेंगी
जिन 70 उद्योगों को लगाने की प्राथमिकी मंजूरी मिली है इसमें तकरीबन साढ़े तीन हजार करोड रूपय निवेश किये जाने की बात है. यानि एक उद्योग पर औसतन 50 करोड रूपये. जिसमें जमीन से लेकर मशीन तक का खर्च शामिल है. लेकिन सरकार कह रही है कि बडी बडी कंपनियां बिहार में निवेश के लिए आ गयी हैं. इनमें सज्जन जिंदल ग्रुप की जेडब्लूएस प्रोजेक्ट्स, हल्दीराम भुजियावाला, माइक्रो मैक्स बॉयो फ्लूयस, इंडेन स्मार्ट एग्रोटेक, न्यूवे होम्स, एलायंस इंडिया कंज्यूमर प्रोडक्स,न्यूजे बायो फ्लूल्स औऱ बिहार डिस्टिलर्स एंड ब्यॉलर्स शामिल हैं.
कितने उद्योग लग पायेंगे इसका पता नहीं
राज्य के निवेश प्रोत्साहन बोर्ड ने जिन 70 उद्योगों को लगाने की मंजूरी दी है, उसमें से कितने जमीन पर उतर पायेंगे इसका कोई पता ठिकाना नहीं है. पिछला रिकार्ड तो यही बता रहा है कि जिन उद्योगों को लगाने की प्राथमिक मंजूरी मिलती है उनमें से ज्यादातर गायब हो जाते हैं. दरअसल निवेश प्रोत्साहन बोर्ड से मंजूरी के बाद उन्हें जमीन से लेकर दूसरे संसाधनों की तलाश करनी होती है. जब जमीन मिल जाता है तो फिर आगे की कार्रवाई होती है औऱ सरकार वित्तीय प्रोत्साहन की मंजूरी देती है.
देखिये क्या रहा है पिछला रिकार्ड
राज्य के निवेश प्रोत्साहन बोर्ड की जो कल यानि 28 मई को बैठक हुए वह बोर्ड की 29वीं बैठक थी. इसमें पिछली यानि 28वीं बैठक में फेज-1 की मंजूरी पाने वाले निवेश प्रोत्साहनों को वित्तीय प्रोत्साहन की मदद देने पर भी फैसला हुआ. बोर्ड की 28 वीं बैठक 24 मार्च को हुई थी. इसमें 33 उद्योग लगाने के प्रस्ताव को फेज-1 यानि पहले चरण की मंजूरी मिली थी. लेकिन इसमें से सिर्फ 10 उद्योग के प्रस्ताव ही आगे बढे औऱ सरकार ने 28 मई की बैठक में सिर्फ 10 प्रस्तावों को ही वित्तीय मदद देने की मंजूरी दी.
इससे पहले बिहार राज्य निवेश प्रोत्साहन बोर्ड की 27वीं बैठक 11 फरवरी को हुई थी. इसमें 50 उद्योगों के निवेश के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी, जिनमें कई इथेनॉल उद्योग के भी प्रस्ताव थे. इनमें से सिर्फ 10 उद्योगों को ही बोर्ड की अगली बैठक में वित्तीय प्रोत्साहन देने का फैसला लिया गया. यानि 40 उद्योग सिर्फ प्राथमिक प्रस्ताव को पास करा कर पीछे हट गये. जबकि सरकार का नियम ये है कि फेज-1 की स्वीकृति प्राप्त होने के 10 दिनों के भीतर उनके प्रस्ताव की पूरी जांच पडताल कर ली जाये औऱ अगले चरण यानि वित्तीय मदद के लिए मंजूरी दे दी जाये. लेकिन जिन निवेश प्रस्तावों के फेज-1 को पास कर सरकार निवेश का दावा करती है उसमें से 80 फीसदी प्रस्ताव पूरे ही नहीं होते.