मुजफ्फरपुर: पशु व्यवसायी से लूट का आरोपी 24 घंटे में गिरफ्तार, कैश भी बरामद सरैया बाजार से अयोध्या के लिए 17वां जत्था रवाना, अजय सिंह का हुआ जोरदार स्वागत Bihar News: ‘परिवार बचाओ, संपत्ति बचाओ यात्रा पर निकले हैं तेजस्वी’ रोहित कुमार सिंह का बड़ा हमला Bihar News: ‘परिवार बचाओ, संपत्ति बचाओ यात्रा पर निकले हैं तेजस्वी’ रोहित कुमार सिंह का बड़ा हमला बड़हरा में माई-बहन सम्मान योजना को मिला जबरदस्त समर्थन, 50 हज़ार से अधिक फॉर्म जमा Traffic Challan: माफ होंगे 12.93 लाख गाड़ियों के चालान, वाहन मालिकों को मिली बड़ी राहत Traffic Challan: माफ होंगे 12.93 लाख गाड़ियों के चालान, वाहन मालिकों को मिली बड़ी राहत Bihar Politics: बिहार में विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त का मामला, BJP एमएलए से EOU ने तीन घंटे तक की पूछताछ; अब JDU विधायक की बारी Bihar Politics: बिहार में विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त का मामला, BJP एमएलए से EOU ने तीन घंटे तक की पूछताछ; अब JDU विधायक की बारी मोतिहारी के इन सरकारी स्कूलों में 'चवन्नी' का काम नहीं और BSEIDC से करोड़ों की अवैध निकासी ! खुलासे के बाद भी भुगतान को लेकर 'पटना' भेजी जा रही सैकड़ों फाइल
30-Apr-2021 09:51 AM
PATNA: जिला परिषद सदस्य, मुखिया, सरपंच, पंचायत समिति सदस्य, पंच और वार्ड सदस्यों के करीब ढाई लाख पदों के लिए चुनाव होना है। पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग की पूरी तैयारी के बावजूद समय पर चुनाव की संभावना नजर नहीं आ रही है। पंचायत चुनाव पर विचार करने के लिए निर्वाचन आयोग ने 21 अप्रैल को 15 दिनों का समय लिया था। ऐसी उम्मीद जताई जा रही थी कि कोरोना की रफ्तार कम होगी लेकिन 9 दिन बीतने के बाद भी कोरोना की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रहा है। यदि अगले सात दिनों में भी हालात यही रहा तो चुनाव की घोषणा करना मुश्किल होगा।
राज्य निर्वाचन आयोग के सूत्रों के मुताबिक पंचायत चुनाव को लेकर अब 20 मई तक इंतजार किया जा सकता है। यदि कोरोना के आकड़ों में गिरावट आएगी तब ही चुनाव की अधिसूचना जारी की जा सकेगी। कोरोना संक्रमण कम होगा तब दो या तीन चरणों में मतदान कराए जा सकते हैं। इसके लिए अधिक से अधिक इवीएम की आवश्यकता होगी। ऐसे में दूसरे राज्यों से भी ईवीएम मंगायी जा सकती है। ऐसे में पंचायत चुनाव को लेकर सुरक्षा का इंतजाम भी किया जा सकेगा। लेकिन 20 मई के बाद आयोग चुनाव कराने का जोखिम नहीं उठाएगा। वही जून के पहले सप्ताह में मॉनसून का प्रवेश हो रहा है। ऐसे में बरसात के दिनों में उत्तर और पूर्वी बिहार में चुनाव कराने की स्थिति नहीं होती।
गौरतलब है कि जिला परिषद सदस्य, मुखिया, सरपंच, पंचायत समिति सदस्य, पंच और वार्ड सदस्यों के करीब ढाई लाख पदों के लिए चुनाव होना है। पंचायती संस्थाओं के वर्तमान प्रतिनिधियों का कार्यकाल 15 जून को समाप्त हो रहा है। राज्य सरकार एक साथ दोनों विकल्पों पर विचार कर रही है। चुनाव और चुनाव न होने की हालत में पंचायतों के अधिकार किसे दिया जाएगा। नई व्यवस्था के लिए अध्यादेश लाना होगा। समय पर पंचायत चुनाव न हो तो पंचायती राज संस्थाओं के अधिकार किसे दिए जाएं।
बिहार पंचायती राज अधिनियम में इसका कोई उल्लेख नहीं है। लिहाजा वैकल्पिक व्यवस्था करने के लिए राज्य सरकार को अध्यादेश लाना होगा। विचार इस पर भी किया जा सकता है कि पंचायती राज संस्थाओं के कार्यकाल का विस्तार किया जाए। कोरोना को लेकर पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में चुनाव टाला गया और अध्यादेश जारी हुआ। पंचायती राज संस्थाओं का कार्यकाल नहीं बढ़ा। प्रशासक बहाल कर दिए गए। यह स्थिति विधानसभा की तरह है जब कार्यकाल पूरा होने तक अगर चुनाव नहीं हुए तो राष्ट्रपति शासन लागू हो जाता है। पंचायत चुनाव पर विचार करने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने 21 अप्रैल को 15 दिनों का समय लिया था। ऐसी उम्मीद जताई जा रही थी कि कोरोना की रफ्तार कम होगी लेकिन 9 दिन बीतने के बाद भी कोरोना की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रहा है। यदि अगले सात दिनों में भी हालात यही रहा तो चुनाव की घोषणा करना मुश्किल होगा।