ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Election 2025: बिहार में शुरु हुआ मतदान, आपके भी बूथ पर हो रही गड़बड़ी, तो ऐसे करें शिकायत Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मतदान शुरू, बूथ पर दिख रही है भारी भीड़ Bihar Election 2025: दोनों उपमुख्यमंत्रियों की साख दांव पर, सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा की प्रतिष्ठा बनी चुनौती; तेजस्वी के भी भविष्य का होगा फैसला Bihar Election 2025: पहले चरण में आधे बिहार की किस्मत आज EVM में बंद होगी, 121 सीटों पर सुबह 7 बजे से मतदान होगा शुरू यह चुनाव मात्र सरकार बदलने का नहीं, धोखा देने वालों से बदला लेने का भी समय है: मुकेश सहनी जमुई में आचार संहिता उल्लंघन: जदयू प्रत्याशी सुमित सिंह के स्वागत में जुटे 50 लोगों पर केस दर्ज, दो नामजद श्री लंगटा बाबा स्टील प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निकाली गई भव्य शोभायात्रा, श्रद्धालुओं की सेवा के लिए किए गए विशेष प्रबंध श्री लंगटा बाबा स्टील प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निकाली गई भव्य शोभायात्रा, श्रद्धालुओं की सेवा के लिए किए गए विशेष प्रबंध Bihar Election 2025: ‘बिहार में तीन-चौथाई सीटें जीतेगी NDA और बनाएगी सरकार’ राजनाथ सिंह का बड़ा दावा Bihar Election 2025: पवन सिंह ने उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेहलता कुशवाहा के लिए किया रोड शो, आरजेडी कार्यकर्ताओं से भिड़ंत होने से बचा

बिहार में नगर निकाय चुनाव टला: विस्तार से पढिये पटना हाईकोर्ट ने अपने फैसले में क्या कहा है

बिहार में नगर निकाय चुनाव टला: विस्तार से पढिये पटना हाईकोर्ट ने अपने फैसले में क्या कहा है

04-Oct-2022 01:34 PM

PATNA: पटना हाईकोर्ट ने आज बिहार में चल रहे नगर निकाय चुनाव पर रोक लगा दिया है. हाईकोर्ट ने कहा है कि बिहार सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गये आदेश का पालन नहीं किया है. सुप्रीम कोर्ट ने 2021 में ही स्पष्ट किया था कि किसी भी स्थानीय निकाय चुनाव में पिछडे वर्ग को आऱक्षण से पहले सरकार ट्रिपल टेस्ट कराये और उसके आधार पर चुनाव कराये. अब विस्तार से पढिये हाईकोर्ट ने क्या कहा है


पटना हाईकोर्ट का फैसला

हमने बिहार में नगर निकाय चुनाव में आरक्षण में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं किये जाने पर याचिकाओं की सुनवाई की. याचिकाकर्ताओं, राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आय़ोग की दलीलों को सुनने के बाद ये निष्कर्ष निकल कर सामने आया.

1.    बिहार में पिछड़ा वर्ग और अत्यंत पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन आवश्यकतानुसार राजनीतिक पिछड़ेपन का पता लगाने के उद्देश्यों से किया गया था. लेकिन बिहार राज्य ने ऐसी कोई कोशिश नहीं कि जिससे ये लगे कि जिस तरह सामाजिक-आर्थिक/शैक्षिक/सेवाओं के तहत आरक्षण प्रदान करने के लिए मानदंड तैयार किये गये हैं वैसे ही मानदंड चुनाव में भी अपनाये गये हैं. 


कोर्ट ने कहा है 

इस परिस्थिति में हम मानते हैं कि बिहार नगर अधिनियम, 2007 (2007 के अधिनियम संख्या 11) के तहत बिहार राज्य के सभी नगर निकायों के चुनाव के लिए ओबीसी/ईबीसी श्रेणी के लिए सीटों को आरक्षित करने में सरकार और चुनाव आयोग ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित मानकों का सही अनुपालन हीं नहीं किया. 


हाईकोर्ट का फैसला

पटना हाईकोर्ट की बेंच ने कहा है

ऐसी स्थिति में कोर्ट ये आदेश देती है कि 

1. राज्य चुनाव आयोग, ओबीसी श्रेणी के लिए आरक्षित सीटों को सामान्य श्रेणी की सीटों के रूप में मानते हुए फिर से चुनाव की अधिसूचना जारी करे औऱ तब चुनाव कराये. हमारा ये  निर्देश माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर आधारित है.

 2. राज्य निर्वाचन आयोग एक स्वायत्त और स्वतंत्र निकाय के रूप में अपने कामकाज की समीक्षा करे, वह बिहार सरकार के निर्देशों का पालन करने के लिए बाध्य नहीं है.

3. बिहार राज्य सरकार स्थानीय निकायों, शहरी या ग्रामीण चुनावों में आरक्षण से संबंधित एक व्यापक कानून बनाने पर विचार कर सकता है, ताकि राज्य को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी निर्देशों के अनुरूप लाया जा सके.

4. इस फैसले की एक प्रति .बिहार के मुख्य सचिव और राज्य चुनाव आयुक्त को कार्रवाई करने के लिए भेजी जाये.