Avatar 3: अवतार इतने बॉक्स ऑफिस पर किया धमाका, दूसरे दिन ही बजट का आधा पार Inter Caste Marriage Scheme: इंटरकास्ट मैरिज पर सरकार दे रही है इतने लाख रुपए, जानिए आवेदन करने की पूरी प्रक्रिया Bihar Teacher Leave Rules : बिहार के स्कूलों में बदले छुट्टी के नियम, छुट्टी की मनमानी पर लगेगा ब्रेक; नई लीव पॉलिसी से होगी सख्ती Bihar School Education: बिहार की शिक्षा व्यवस्था में होने जा रहा बड़ा बदलाव, सरकारी स्कूलों में जल्द शुरू होगा यह पाठ्यक्रम Bihar School Education: बिहार की शिक्षा व्यवस्था में होने जा रहा बड़ा बदलाव, सरकारी स्कूलों में जल्द शुरू होगा यह पाठ्यक्रम Patna Crime News: पटना पुलिस की गिरफ्त में आया शातिर बदमाश, Top10 अपराधियों में है शुमार; हथियार और गोलियां बरामद Patna Crime News: पटना पुलिस की गिरफ्त में आया शातिर बदमाश, Top10 अपराधियों में है शुमार; हथियार और गोलियां बरामद Kalpavas Rituals: कल्पवास कब से कब तक, जानिए संगम पर आध्यात्मिक साधना और स्नान की पूरी जानकारी Bihar STET Result 2025: खत्म होने वाला 4 लाख अभ्यर्थियों का इंतजार, जल्द आएगा परिणाम; बोर्ड ने बताई संभावित तारीख PM-JANMAN Mission: बिहार में आदिवासी छात्रों के लिए इतने नए आवासीय छात्रावास, जानिए कब और कौन-कौन से जिले हैं शामिल?
17-Mar-2020 06:22 PM
PATNA : बिहार सरकार ने आज कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया है. हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) इसे पहले ही महामारी घोषित कर चुका है. लगातार बढ़ते जा रहे खतरे को देखते हुए बिहार सरकार ने भी आज इसे महामारी घोषित कर दिया है. बिहार सरकार ने आज से तत्काल प्रभाव The Bihar Epidemic Diseases COVID-19 Regulation 2020 लागू कर दिया है.
सरकारी आदेश को नहीं माना तो होगी सजा
कोरोना को महामारी घोषित करने के लिए बिहार सरकार ने 123 साल पुराने एक्ट का सहारा लिया है. तब देश में प्लेग का खतरा फैला था तो अंग्रेजी हुकूमत से ये कानून बनाया था. उसी कानून के तहत कोरोना के लिए निर्देश जारी किये गये हैं. इसे नहीं मानने वालों को 6 महीने के कैद की सजा और एक हजार रूपये का जुर्माना हो सकता है.
क्या है सरकार के फरमान
हम आपको बताते हैं कि कोरोना को महामारी घोषित करने के बाद सरकार ने क्या निर्देश जारी किये हैं.
• राज्य के सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था होना अनिवार्य कर दिया गया है. इस स्क्रीनिंग के जरिये ही कोरोना के संदिग्ध मरीजों की पहचान की जायेगी
• कोरोना के संदिग्ध मरीजों की स्कीनिंग के दौरान अस्पतालों को मरीजों का पूरा विवरण रखना होगा. वे कब विदेश गये, किन देशों की यात्रा की है या फिर कब और कैसे कोरोना के किसी संदिग्ध मरीज के संपर्क में आये हैं.
• अगर कोई व्यक्ति विदेश से लौटा है या फिर कोरोना के किसी संदिग्ध मरीज के संपर्क में आया है तो उसे अपने घर में ही 14 दिनों के आइसोलेशन में रहना होगा. लेकिन अगर उसमें कोरोना का कोई भी लक्षण पाया जाता है उसे तत्काल अस्तपाल में भर्ती कराना होगा. उसके बाद उसका इलाज सरकार द्वारा तय की गयी प्रक्रिया के मुताबिक होगा.
• विदेश से लौटे व्यक्ति या किसी दूसरे संदिग्ध मरीज की जानकारी तत्काल सिविल सर्जन कार्यालय को देनी होगी.
• प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक या सोशल मीडिया पर कोरोना को लेकर किसी तरह का कोई भ्रामक या गलत समाचार चलाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होगी.
• बिहार का कोई भी प्राइवेट हॉस्पीटल या निजी जांच घर कोरोना वायरस की जांच नहीं करेगा. कोरोना से संबंधित सारे जांच सरकार द्वारा तय केंद्रों पर ही होंगे.
• बिहार के किसी व्यक्ति ने अगर 29 फरवरी के बाद विदेश का दौरा किया है तो उसे बिहार लौटते ही सबसे पहले सरकारी अस्तपाल में रिपोर्ट करना होगा. उसकी जांच होगी और फिर जो निर्देश दिया जायेगा उसका पालन करना होगा.
• कोरोना वायरस का संदिग्ध मरीज को हर हाल में सरकारी अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती होना पड़ेगा. अगर संदिग्ध मरीज इससे इंकार करता है तो उसे जबरदस्ती अस्पताल में भर्ती कराया जायेगा. इसमें किसी ने भी बाधा डाली तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होगी.
• अगर विदेश से आया किसी व्यक्ति में सर्दी, खांसी या बुखार का लक्षण है और वो इलाज के लिए किसी निजी चिकित्सक के पास भी जाता है तो डॉक्टर की इसकी जानकारी तत्काल सरकार को देनी होगी.
• अगर किसी परिवार ने होम आइसोलेशन के सरकार के आदेश को मानने से इंकार किया तो उसके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई होगी.
• सरकार ने कोरोना से निपटने के लिए जिलाधिकारी यानि DM को ढ़ेर सारे अधिकार दे दिये गये हैं. देखिये क्या सब हैं जिलाधिकारी के अधिकार
• अगर किसी क्षेत्र में कोरोना का संदिग्ध मरीज मिला तो DM उस पूरे इलाके को सील कर सकेंगे. उन्हें उस क्षेत्र में किसी के भी एंट्री या बाहर जाने पर रोक लगाने का अधिकार होगा.
• कोरोना का मरीज पाये जाने पर जिलाधिकारी को वाहनों के परिचालन पर भी रोक लगाने का अधिकार होगा.
• किसी जिले के डीएम किसी भी व्यक्ति को अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करने का आदेश दे सकते हैं.
• किसी जिले के डीएम किसी भी सरकारी या निजी मकान को आइसोलेशन वार्ड के तौर पर उपयोग करने का आदेश दे सकते हैं.
• जिले के तमाम सरकारी कर्मचारी-अधिकारी डीएम के आदेश पर काम करेंगे.
• सरकार के इन तमाम आदेशों का उल्लंघन किया तो IPC की धारा 188 के तहत कानूनी कार्रवाई की जायेगी. इसके खिलाफ कोई कानूनी सुनवाई भी नहीं होगी. सरकार के ये आदेश एक साल तक लागू रहेगा.