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                            16-Jul-2024 09:51 PM
By First Bihar
DELHI: दिल्ली से बड़ी खबर आ रही है। जो जाति और आरक्षण से जुड़ी है। दरअसल 01 जुलाई 2015 को बिहार सरकार ने जो संकल्प जारी किया था उसे सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त कर दिया है। ऐसे में अब बिहार की तांती-ततवा जाति के लोगों को अब अनुसूचित जाति (SC) का लाभ नहीं मिलेगा। ये अब EBC कैटेगरी में ही रहेंगे और अत्यंत पिछड़ा वर्ग को जो सुविधा मिलती है वही सुविधाएं अब उन्हें भी मिलेंगी।
सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया कि बिहार सरकार ने 01 जुलाई 2015 को जो संकल्प जारी किया था उसे निरस्त किया जाता है। संकल्प जारी होने के बाद तांती-ततवा को एससी का जो लाभ दिया गया उसे वापस एससी कैटेगरी में वापस किया जाए। तांती-ततवा जाति के जिन लोगों को एससी का लाभ मिल चुका है उन्हें ईबीसी कैटेगरी में समायोजित किया जाए।
डॉ. भीम राव आंबेडकर विचार मंच और आशीष रजक की दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और प्रशांत कुमार मिश्रा की खंडपीठ ने यह आदेश बिहार सरकार को दिया। दरअसल 01 जुलाई को बिहार सरकार ने एक संकल्प जारी कर तांती और ततवा जाति को अत्यंत पिछड़ा वर्ग से हटा दिया था। इन्हें अनुसूचित जाति के क्रमांक संख्या-20 में पान स्वासी के साथ जोड़ दिया गया था। इस संकल्प के बाद तांती-ततवा को अनुसूचित जाति (SC) का प्रमाण पत्र भी जारी किया जाने लगा। जिसके आधार पर ये सरकारी नौकरी हासिल करने में इसका लाभ उठाने लगे।